सिमडेगा: होली केवल रंगों का त्योहार नहीं है, अपने साथ बहुत सारी रंग बिरंगी यादों को भी लेकर आता है. रंग-बिरंगे अबीर और गुलाल के साथ अपने प्रियजनों का प्रेम और स्नेह इस त्योहार में खासकर देखने को मिलता है.
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खासकर होली पर घरों में बने स्वादिष्ट पकवान लोग खूब पसंद करते हैं. पहले के सालों में होली को लेकर 1 माह पहले से ही तैयारियां शुरू कर ली जाती थी. लोगों का उत्साह देखते ही बनता था. होली पर विशेष कर नौकरी पेशा, व्यवसाय के कारण बाहर रहने वाले लोग अपने घर अपने परिजनों के साथ त्योहार मनाने पहुंचते थे लेकिन बीतते समय और बदलते परिवेश के साथ त्योहार मनाने के तरीकों में भी बदलाव आया है. एक ओर जहां वर्तमान समय में लोग रंगों का उपयोग कम और अबीर गुलाल का ज्यादा करते हैं.
होली जिम्मेवारियों का त्योहार
इस त्योहार में लोगों का आपसी प्रेम भी देखते को मिलता है. यह त्योहार महज रंगों का त्योहार नहीं है, बल्कि जिम्मेवारी का भी त्योहार है, जो रंग-बिरंगे रंगों के साथ सतर्क रहना भी सिखाता है. जिससे कि अनावश्यक परेशानी का सामना ना करना पड़े. वर्तमान समय में होली पर लोग पानी की बर्बादी से भी बचते नजर आते हैं. लोगों का मानना है कि त्योहार की खुशियों के साथ जल का संरक्षण भी आवश्यक है.
उपायुक्त ने होली की दी शुभकामनाएं
होली को लेकर उपायुक्त सुशांत गौरव जिलेवासियों को शुभकामनाएं और बधाई देते हुए कहा कि इतने बड़े संकट काल में भी हम लोग एकजुट होकर एक दूसरे के लिए खड़े हैं. होली रंगों का त्योहार है, जिसे मीठी यादों के साथ जिम्मेवारी के साथ निभाना है. कोरोना महामारी के मामलों में एक बार फिर एक अंतराल के बाद फिर से बढ़ोतरी शुरू हो गई है. यह बीमारी दोबारा अपना कितना विकराल रूप दिखाएगी. यह समझ पाना अभी बहुत मुश्किल है.
उपायुक्त ने की अपील
उपायुक्त ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा कि इस बार रंगों का त्योहार पूरी जिम्मेदारी के साथ कोविड को ध्यान में रखते हुए मनाएं. हालांकि होली को लेकर राज्य से किसी प्रकार की कोई गाइडलाइन प्राप्त नहीं हुई है. यदि ऐसा कुछ सामने आता है, तो उससे सिमडेगावासियों को अवगत करा दिया जाएगा.