सिमडेगाः जिला में पीडीएस को लेकर कार्रवाई करना सरकारी अधिकारी काफी महंगा पड़ गया. आलम ऐसा रहा कि कार्यपालक दंडाधिकारी को झांसा देकर मौके पर बुलाया गया और उनके साथ मारपीट की गयी. इस पूरे मामले को लेकर पुलिस आगे की जांच और कार्रवाई में जुट गयी है. वहीं आरोपियों की सरगर्मी के साथ तलाश की जा रही है.
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सिमडेगा में मजिस्ट्रेट से मारपीट का मामला सामने आया है. घटना को लेकर बताया जा रहा है कि एक मुखिया द्वारा ट्रैप कर बुलाकर एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के ऊपर जानलेवा हमला किया गया. मजिस्ट्रेट पर जानलेवा हमला करने वाला मुखिया शिशिर टोप्पो बताया जा रहा है. दरअसल, सिमडेगा के कोचेडेगा मुखिया शिशिर टोप्पो गुरुवार देर रात सिमडेगा सीओ को फोन कर बुलाया कि पीडीएस का चावल और दो लोगों को उन लोगों ने पकड़ा है. इस सूचना पर तुरंत सिमडेगा सीओ और एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट पंकज भगत कोचेडेगा पहुंचे.
यहां पर मुखिया द्वारा अधिकारियों पर पैसा लेन देन का आरोप लगाकर विवाद शुरू कर दिया गया. इस बढ़ते विवाद के बाद गुस्साए मुखिया ने अपने भाइयों के साथ मिलकर मजिस्ट्रेट को टारगेट कर हमला करना शुरू कर दिया. मुखिया ने मजिस्ट्रेट के ऊपर लाठी और चाकू से हमला किया. इस आपाधापी में मजिस्ट्रेट किसी तरह अपनी जान बचा कर वहां से भागने में सफल हुए.
किसी तरह मजिस्ट्रेट पंकज भगत वहां से छिपते छिपाते भागते हुए शुक्रवार सुबह सिमडेगा पहुंचे. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया. घटना की पूरी जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन और पुलिस पूरे मामले की अग्रतर कार्रवाई में जुट गई है. वहीं मामले में आरोपी मुखिया शिशिर टोप्पो की खोज की जा रही है, फिलहाल मुखिया फरार है. बता दें कि कोचेडेगा मुखिया पर पूर्व से ही कार्यपालक दंडाधिकारी पंकज भगत की कोर्ट में 107 का मामला चल रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि इसी कारण मुखिया ने मजिस्ट्रेट पंकज भगत को टारगेट कर ऐसी घटना को अंजाम दिया है.