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Simdega News: सिमडेगा में मजिस्ट्रेट पर जानलेवा हमला, ग्रामीणों को उकसाने के आरोप में मुखिया पर मामला दर्ज - Attack on executive magistrate in Simdega

सिमडेगा में कार्यपालक दंडाधिकारी पर हमला किया गया है. जिसमें वो घायल हो गए. इस मामले में कोचेडेगा मुखिया पर केस दर्ज किया गया है.

Deadly attack on magistrate in Simdega
Deadly attack on magistrate in Simdega
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Published : Mar 10, 2023, 8:41 PM IST

सिमडेगा: जिले में कार्यपालक दंडाधिकारी पंकज भगत के ऊपर जानलेवा हमला किए जाने का मामला सामने आया है. यह मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कोचेडेगा का है. जहां गुरुवार रात मुखिया शिशिर टोप्पो द्वारा अंचलाधिकारी प्रताप मिंज को फोन कर पीडीएस राशन चावल की कालाबाजारी करते हुए करीब आधा बोरा चावल और 2 लोगों को पकड़े जाने की सूचना दी गई थी.

ये भी पढ़ेंः Wife Killed Husband: जमशेदपुर में पति की हत्या कर पत्नी ने शव के साथ गुजारे पांच दिन, दुर्गंध आने पर खुली पोल

सूचना के आधार पर अंचलाधिकारी प्रताप मिंज, कार्यपालक दंडाधिकारी पंकज भगत, मुफस्सिल थाना प्रभारी देव कुमार दास के साथ मौके पर पहुंचे. जहां कुछ ग्रामीण और मुखिया द्वारा मामले की जानकारी दी गई. ग्रामीण और मुखिया राशन चावल को जब्त कर पकड़े गए लोगों और राशन डीलर को साथ ले जाने की बात कहने लगे.

इसी दौरान मुखिया शिशिर टोप्पो के ऊपर पूर्व से चल रहे 144 और 107 के मामले को लेकर कहासुनी होने लगी. इस मामले पर सीओ प्रताप मिंज ने कहा कि मुखिया द्वारा अधिकारियों के ऊपर पैसे लेनदेन का झूठा आरोप लगाकर विवाद शुरू किया गया. चूंकि 144 और 107 का मामला कार्यपालक दंडाधिकारी पंकज भगत के कोर्ट में चल रहा है. इसीलिए पंकज भगत को टारगेट कर जानलेवा हमला कर दिए. मुफस्सिल पुलिस टीम और सीओ बीच बचाव करने लगे. इसी दौरान अंधेरे में मजिस्ट्रेट पंकज भगत भाग निकले. करीब 7 किलोमीटर दूर मजिस्ट्रेट किसी प्रकार सिमडेगा पहुंचे. जिसके बाद सदर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.

इधर घटना को लेकर मुखिया शिशिर टोप्पो ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा राशन की कालाबाजारी किए जाने की सूचना उन्हें मिली थी. जिसके बाद इसकी जानकारी उन्होंने सीओ को दी. परंतु जांच में पहुंचे सीओ प्रताप मिंज और मजिस्ट्रेट पंकज भगत नशे में धुत थे. पीडीएस राशन चावल को जब्त कर एवं राशन डीलर को पकड़ कर ले जाने के बजाय उल्टे 107 के मामले में मुखिया को गिरफ्तार करने की बात कहते हुए गाली गलौज करने लगे. जिसके बाद मौजूद ग्रामीण उग्र हो गए और कहा-सुनी होने लगी. इस दौरान वे मजिस्ट्रेट से मारपीट नहीं कर रहे थे, बल्कि उन्हें ग्रामीणों से बचा रहे थे. जिस कारण उनके हाथों में चोट भी आई है. इसके अलावा मुखिया ने कहा कि उपायुक्त आर रॉनिटा से मिलकर पूरे घटनाक्रम और मामले से अवगत कराएंगे.

इधर मुफस्सिल थाना में मुखिया शिशिर टोप्पो द्वारा ग्रामीणों को उकसा कर मजिस्ट्रेट पर जानलेवा हमला कराने को लेकर मामला दर्ज किए जाने के बाद मुखिया के आवास पर ग्रामीणों की बैठक शुक्रवार को हुई. जिसमें घटना को लेकर चर्चा की गयी. इधर मुखिया सहित सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा कार्यालय घेराव किए जाने की सूचना और आशंका को देखते हुए सिमडेगा पुलिस अलर्ट मोड पर रही. खिजरी मोड़ के समीप बैरिकेडिंग लगाकर कुछ घंटों के लिए आवाजाही रोक दी गई. बड़े वाहनों को आने जाने से पूरी तरह घंटों तक रोक दिया गया. वहीं चार पहिया और यात्री वाहनों को जांचोपरांत ही आगे बढ़ने दिया जा रहा था. एहतियात के तौर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए थे, ताकि शहर की शांति व्यवस्था में कोई भी खलल ना डाल सके.

सिमडेगा: जिले में कार्यपालक दंडाधिकारी पंकज भगत के ऊपर जानलेवा हमला किए जाने का मामला सामने आया है. यह मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कोचेडेगा का है. जहां गुरुवार रात मुखिया शिशिर टोप्पो द्वारा अंचलाधिकारी प्रताप मिंज को फोन कर पीडीएस राशन चावल की कालाबाजारी करते हुए करीब आधा बोरा चावल और 2 लोगों को पकड़े जाने की सूचना दी गई थी.

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सूचना के आधार पर अंचलाधिकारी प्रताप मिंज, कार्यपालक दंडाधिकारी पंकज भगत, मुफस्सिल थाना प्रभारी देव कुमार दास के साथ मौके पर पहुंचे. जहां कुछ ग्रामीण और मुखिया द्वारा मामले की जानकारी दी गई. ग्रामीण और मुखिया राशन चावल को जब्त कर पकड़े गए लोगों और राशन डीलर को साथ ले जाने की बात कहने लगे.

इसी दौरान मुखिया शिशिर टोप्पो के ऊपर पूर्व से चल रहे 144 और 107 के मामले को लेकर कहासुनी होने लगी. इस मामले पर सीओ प्रताप मिंज ने कहा कि मुखिया द्वारा अधिकारियों के ऊपर पैसे लेनदेन का झूठा आरोप लगाकर विवाद शुरू किया गया. चूंकि 144 और 107 का मामला कार्यपालक दंडाधिकारी पंकज भगत के कोर्ट में चल रहा है. इसीलिए पंकज भगत को टारगेट कर जानलेवा हमला कर दिए. मुफस्सिल पुलिस टीम और सीओ बीच बचाव करने लगे. इसी दौरान अंधेरे में मजिस्ट्रेट पंकज भगत भाग निकले. करीब 7 किलोमीटर दूर मजिस्ट्रेट किसी प्रकार सिमडेगा पहुंचे. जिसके बाद सदर अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है.

इधर घटना को लेकर मुखिया शिशिर टोप्पो ने कहा कि ग्रामीणों द्वारा राशन की कालाबाजारी किए जाने की सूचना उन्हें मिली थी. जिसके बाद इसकी जानकारी उन्होंने सीओ को दी. परंतु जांच में पहुंचे सीओ प्रताप मिंज और मजिस्ट्रेट पंकज भगत नशे में धुत थे. पीडीएस राशन चावल को जब्त कर एवं राशन डीलर को पकड़ कर ले जाने के बजाय उल्टे 107 के मामले में मुखिया को गिरफ्तार करने की बात कहते हुए गाली गलौज करने लगे. जिसके बाद मौजूद ग्रामीण उग्र हो गए और कहा-सुनी होने लगी. इस दौरान वे मजिस्ट्रेट से मारपीट नहीं कर रहे थे, बल्कि उन्हें ग्रामीणों से बचा रहे थे. जिस कारण उनके हाथों में चोट भी आई है. इसके अलावा मुखिया ने कहा कि उपायुक्त आर रॉनिटा से मिलकर पूरे घटनाक्रम और मामले से अवगत कराएंगे.

इधर मुफस्सिल थाना में मुखिया शिशिर टोप्पो द्वारा ग्रामीणों को उकसा कर मजिस्ट्रेट पर जानलेवा हमला कराने को लेकर मामला दर्ज किए जाने के बाद मुखिया के आवास पर ग्रामीणों की बैठक शुक्रवार को हुई. जिसमें घटना को लेकर चर्चा की गयी. इधर मुखिया सहित सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा कार्यालय घेराव किए जाने की सूचना और आशंका को देखते हुए सिमडेगा पुलिस अलर्ट मोड पर रही. खिजरी मोड़ के समीप बैरिकेडिंग लगाकर कुछ घंटों के लिए आवाजाही रोक दी गई. बड़े वाहनों को आने जाने से पूरी तरह घंटों तक रोक दिया गया. वहीं चार पहिया और यात्री वाहनों को जांचोपरांत ही आगे बढ़ने दिया जा रहा था. एहतियात के तौर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए थे, ताकि शहर की शांति व्यवस्था में कोई भी खलल ना डाल सके.

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