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सूख जाएगी हॉकी की नर्सरी, भ्रष्टाचारियों ने ओलंपियन के गांव को भी नहीं बख्शा, बनाया कंकड़ वाला स्टेडियम

झारखंड का सिमडेगा हॉकी की नर्सरी है. जहां से निकलकर खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना और देश का नाम रोशन करते हैं. लेकिन इस नर्सरी को अब ग्रहण लग गया है. यहां स्टेडियम निर्माण में जमकर घोटाले हुए हैं(hockey stadium in Simdega).

hockey stadium in Simdega
hockey stadium in Simdega
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Published : Oct 14, 2022, 4:34 PM IST

Updated : Oct 14, 2022, 5:16 PM IST

सिमडेगा: जिले की स्टार बेटी ओलंपियन सलीमा टेटे का गांव है बड़कीछापर, जो आज किसी पहचान का मोहताज नहीं. सिमडेगा के इसी सुदूरवर्ती एक छोटे से गांव से निकलकर सलीमा ने ओलंपिक तक का सफर तय किया है. जिसने सिमडेगा ही नहीं बल्कि राज्य और देश को विश्व स्तर पर एक पहचान दिलाने में अपनी भागीदारी दी है. इस गांव में भी हॉकी स्टेडियम निर्माण में भ्रष्टाचारियों ने खानापूर्ति कर पैसों के बंदरबांट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है(Corruption in construction of hockey stadium).

ये भी पढ़ेंः हॉकी की नर्सरी में पैसों की उगाही! करंगागुड़ी खेल मैदान बना भ्रष्टाचार का चारागाह

बड़कीछापर गांव में 14 लाख 51 हजार की लागत से एक हॉकी स्टेडियम का निर्माण कराया गया. ताकि सलीमा को अपनी प्रेरणा मानकर हॉकी के प्रैक्टिस करने वाले अन्य बच्चे भी अच्छे से खेल पायें और राज्य तथा विश्व स्तर पर अपना और अपने गांव का नाम रोशन करें. लेकिन इस स्टेडियम में कंकड़ और पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े बिखरे हुए हैं. यहां तक कि मैदान में चट्टान भी साफ तौर पर देखे जा सकते हैं. ऐसे में प्रैक्टिस करने वाले हॉकी खिलाड़ी स्टेडियम में कैसे खेल पाएंगे.

देखें पूरी खबर

जिले के अन्य स्टेडियम की तरह यहां भी सामने की सड़क से नीचे स्टेडियम की ऊंचाई रखी गयी है. जिससे बारिश के दिनों में सड़क का पानी स्टेडियम में उतर आता है. चहारदिवारी का घटिया निर्माण कार्य की गुणवत्ता चीख चीखकर बता रही है. निर्माण के वक्त मिट्टी का रत्ती भर भी भराव नहीं किया गया. गोल पोस्ट को बिना पेंट के ही छोड़ दिया गया. ना तो गोल पोस्ट में पटरा लगाया गया है, ना ही पानी निकासी की जगह छोड़ी गई है. बस निर्माण के नाम पर खानापूर्ति कर लाखों रुपए संवेदक और नौकरशाहों की जोड़ी द्वारा डकार लिए गए.


ईटीवी भारत के सिमडेगा में हॉकी स्टेडियम की वस्तु की स्थिति से रूबरू कराने की इस मुहिम में एक के बाद एक खबर प्रकाशित होने पर बीते दिनों अधिकारियों की टीम बड़कीछापर गांव पहुंची थी. इस दौरान सलीमा के पिता सुलक्शन टेटे सहित अन्य ग्रामीणों ने हॉकी स्टेडियम निर्माण के समय की पूरी जानकारी दी. साथ ही संवेदक और उसके कार्य की जमकर बुराई की.


अन्य स्टेडियम की तरह इसे भी पूर्व खेल पदाधिकारी तुषार राय के द्वारा बिना जांच किए हैंड ओवर ले लिया गया था. वहीं इनके कार्यकाल में ही 9,43215 रूपये की राशि का भुगतान भी कर दिया गया था. कार्य जब योजना अनुरूप हुआ ही नहीं तो हैंडओवर क्यों और कैसे लिया गया. यह बड़ा सवाल बना हुआ है. अब मरम्मती के नाम पर खानापूर्ति की जाएगी या ऐसे संवेदक और नौकरशाहों के विरुद्ध कार्रवाई भी होगी. यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

सिमडेगा: जिले की स्टार बेटी ओलंपियन सलीमा टेटे का गांव है बड़कीछापर, जो आज किसी पहचान का मोहताज नहीं. सिमडेगा के इसी सुदूरवर्ती एक छोटे से गांव से निकलकर सलीमा ने ओलंपिक तक का सफर तय किया है. जिसने सिमडेगा ही नहीं बल्कि राज्य और देश को विश्व स्तर पर एक पहचान दिलाने में अपनी भागीदारी दी है. इस गांव में भी हॉकी स्टेडियम निर्माण में भ्रष्टाचारियों ने खानापूर्ति कर पैसों के बंदरबांट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है(Corruption in construction of hockey stadium).

ये भी पढ़ेंः हॉकी की नर्सरी में पैसों की उगाही! करंगागुड़ी खेल मैदान बना भ्रष्टाचार का चारागाह

बड़कीछापर गांव में 14 लाख 51 हजार की लागत से एक हॉकी स्टेडियम का निर्माण कराया गया. ताकि सलीमा को अपनी प्रेरणा मानकर हॉकी के प्रैक्टिस करने वाले अन्य बच्चे भी अच्छे से खेल पायें और राज्य तथा विश्व स्तर पर अपना और अपने गांव का नाम रोशन करें. लेकिन इस स्टेडियम में कंकड़ और पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े बिखरे हुए हैं. यहां तक कि मैदान में चट्टान भी साफ तौर पर देखे जा सकते हैं. ऐसे में प्रैक्टिस करने वाले हॉकी खिलाड़ी स्टेडियम में कैसे खेल पाएंगे.

देखें पूरी खबर

जिले के अन्य स्टेडियम की तरह यहां भी सामने की सड़क से नीचे स्टेडियम की ऊंचाई रखी गयी है. जिससे बारिश के दिनों में सड़क का पानी स्टेडियम में उतर आता है. चहारदिवारी का घटिया निर्माण कार्य की गुणवत्ता चीख चीखकर बता रही है. निर्माण के वक्त मिट्टी का रत्ती भर भी भराव नहीं किया गया. गोल पोस्ट को बिना पेंट के ही छोड़ दिया गया. ना तो गोल पोस्ट में पटरा लगाया गया है, ना ही पानी निकासी की जगह छोड़ी गई है. बस निर्माण के नाम पर खानापूर्ति कर लाखों रुपए संवेदक और नौकरशाहों की जोड़ी द्वारा डकार लिए गए.


ईटीवी भारत के सिमडेगा में हॉकी स्टेडियम की वस्तु की स्थिति से रूबरू कराने की इस मुहिम में एक के बाद एक खबर प्रकाशित होने पर बीते दिनों अधिकारियों की टीम बड़कीछापर गांव पहुंची थी. इस दौरान सलीमा के पिता सुलक्शन टेटे सहित अन्य ग्रामीणों ने हॉकी स्टेडियम निर्माण के समय की पूरी जानकारी दी. साथ ही संवेदक और उसके कार्य की जमकर बुराई की.


अन्य स्टेडियम की तरह इसे भी पूर्व खेल पदाधिकारी तुषार राय के द्वारा बिना जांच किए हैंड ओवर ले लिया गया था. वहीं इनके कार्यकाल में ही 9,43215 रूपये की राशि का भुगतान भी कर दिया गया था. कार्य जब योजना अनुरूप हुआ ही नहीं तो हैंडओवर क्यों और कैसे लिया गया. यह बड़ा सवाल बना हुआ है. अब मरम्मती के नाम पर खानापूर्ति की जाएगी या ऐसे संवेदक और नौकरशाहों के विरुद्ध कार्रवाई भी होगी. यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

Last Updated : Oct 14, 2022, 5:16 PM IST
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