सिमडेगा: हॉकी की नर्सरी कहा जाने वाले ये जिला, आज लूट का अड्डा बन रहा है. यहां खेल मैदान निर्माण के नाम पर सरकारी राशि की बंदरबांट हो रही है. करंगागुड़ी गांव के छोटे-छोटे हॉकी खिलाड़ियों के भविष्य पर भ्रष्टाचारियों ने ग्रहण लगाया दिया (Corruption in construction of Hockey Sports Ground) है.
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सिमडेगा का करंगागुड़ी गांव (Karangagudi in Simdega) वो इलाका है, जहां से सर्वाधिक हॉकी खिलाड़ी निकलकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ी है. हॉकी की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी संगीता कुमारी इसी गांव की रहने वाली हैं. इस गांव में हॉकी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एवं बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखकर खेल मैदान का निर्माण तो कराया गया. लेकिन भ्रष्टाचारियों की लालच के आगे ये उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है.
करंगागुड़ी गांव के आरसी उत्क्रमित मध्य विद्यालय (Hockey Sports Ground Karangagudi) के परिसर में 14 लाख 51 हजार 100 रुपए की लागत से हॉकी खेल मैदान का निर्माण कराया गया है. इस मैदान का निर्माण का उद्देश्य अभी भी अधूरा है. मैदान के निर्माण की बात करें तो सीमेंट, पिलर और तार से मैदान की घेराबंदी की गई है. लेकिन मैदान में मिट्टी का भराव नहीं किया गया, बस जमीन को मशीन के सहारे समतल कर दिया गया है. पूरे मैदान में बरसात के पानी की निकासी की सुविधा नहीं है, ना ही गोल पोस्ट और घेराबंदी योजना के अनुरूप किया गया है. यहां निर्माण कार्य में अनियमितता (irregularities in construction) साफ तौर पर देखी जा सकती है. इतना ही नहीं पूरे मैदान में कंकड़ पत्थर बिखरे हुए हैं, जिस कारण कई बार खेलने के दौरान बच्चों को काफी चोटें भी आती हैं.
सिमडेगा की हॉकी और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के नाम पर सुर्खियां तो बहुत बटोरी जाती है. लेकिन भ्रष्टाचारियों के कारनामे के आगे तो जिला से लेकर राज्य सरकार की व्यवस्था फेल हो जाती हैं. शायद इसीलिए 14 लाख 51 हजार खर्च करने के बावजूद एक अच्छे मैदान का निर्माण नहीं कराया जा सका और बच्चों का भविष्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया. वहीं सरकारी महकमा इस मामले चुप्पी साध रखी है.
पूर्व खेल पदाधिकारी तुषार राय के द्वारा इस मैदान को हैंडओवर भी ले लिया गया था. वहीं संवेदक को 11 लाख 12 हजार 679 रुपये का भुगतान भी कर दिया गया है. जब मैदान का निर्माण योजना अनुरूप नहीं हुआ. इसके बाद पूर्व खेल पदाधिकारी को इतनी जल्दबाजी किस बात की आन पड़ी कि बिना जांच के ही मैदान का हैंडओवर ले लिया. इसी आरसी उत्क्रमित मध्य विद्यालय करंगागुड़ी में पढ़ने वाले बच्चे एलेक्स और रोज मिंज बताते हैं कि वो लगभग 2 वर्ष से इसी स्कूल में है. इसी दौरान यहां खेल मैदान का निर्माण हुआ है, घेराबंदी के बाद मैदान में मिट्टी नहीं डाली गई है. बस समतल करके छोड़ दिया गया है. जिस कारण वह अच्छे से प्रैक्टिस नहीं कर पाते हैं और कई बार तो खेलने के दौरान चोटें भी आ जाती हैं.