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झारखंड के एक और स्कूल में प्रार्थना को लेकर विवाद, शिक्षा अधिकारियों ने कही जांच की बात

झारखंड के कई स्कूलों में हाथ जोड़कर प्रार्थना नहीं की जा रही है. इस मामले में झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने जांच के आदेश भी दिए हैं. सिमडेगा के उर्दू स्कूल में भी प्रार्थाना को लेकर विवाद सामने आ रहा है. हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि वे जांच के बाद ही प्रार्थना के नियम के बादे में जानकारी दे पाएंगे.

Controversy over prayer in school
Controversy over prayer in school
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Published : Jul 13, 2022, 5:20 PM IST

सिमडेगा: झारखंड में इन दिनों सरकारी स्कूल और उसमें होने वाली प्रार्थना और साप्ताहिक अवकाश को लेकर हंगामा मचा हुआ है. इन सबकी जानकारी मिलने के बाद झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने जांच के आदेश भी दिए थे. कहा जा रहा है कि इन स्कूलों में कई सालों से ऐसी परंपरा चली आ रही हैय सही नहीं कई स्कूल ऐसे हैं जिन्हें ग्रामीणों ने बिना किसी सरकारी अनुमति के उर्दू स्कूल में बदल दिया है.

ये भी पढ़ें: स्कूल में बढ़े अल्पसंख्यक बच्चे तो हाथ जोड़कर प्रार्थना हुआ बंद, शिक्षा विभाग ने मामले को गंभीरता से लिया

सिमडेगा में भी राजकीयकृत उर्दू स्कूल भट्ठीटोली और राजकीयकृत उर्दू स्कूल खैरनटोली में प्रार्थना हाथ जोड़कर नहीं की जाती है. इस मामले पर जब क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी विनोद कुमार से बात की गई तो उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं है कि उर्दू स्कूल में प्रार्थना को लेकर किसी तरह का नियम है या नहीं. उन्होंने कहा कि वे स्कूल के निरीक्षण के लिए गए थे और उन्होंने पाया कि स्कूल में वहां 'लबों पे आती है दुआ..' प्रार्थना की जाती है. उसके बाद प्रस्तावना और फिर राष्ट्रीय गान जन गण मन गाया जाता है.

स्कूल में प्रार्थना

इस मामले पर स्कूल के शिक्षकों ने क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी को बताया कि बीते करीब 30 वर्षों से ऐसे ही प्रार्थना होती आ रही है. उन्होंने इस पूरे मामले पर भी विभाग को अवगत कराया है. इस मामले के सामने आने के बाद प्रार्थना और हाथ की मुद्रा से संबंधित विभागीय निर्देशों की कॉपी खंगाले जा रहे हैं.

सिमडेगा: झारखंड में इन दिनों सरकारी स्कूल और उसमें होने वाली प्रार्थना और साप्ताहिक अवकाश को लेकर हंगामा मचा हुआ है. इन सबकी जानकारी मिलने के बाद झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने जांच के आदेश भी दिए थे. कहा जा रहा है कि इन स्कूलों में कई सालों से ऐसी परंपरा चली आ रही हैय सही नहीं कई स्कूल ऐसे हैं जिन्हें ग्रामीणों ने बिना किसी सरकारी अनुमति के उर्दू स्कूल में बदल दिया है.

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सिमडेगा में भी राजकीयकृत उर्दू स्कूल भट्ठीटोली और राजकीयकृत उर्दू स्कूल खैरनटोली में प्रार्थना हाथ जोड़कर नहीं की जाती है. इस मामले पर जब क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी विनोद कुमार से बात की गई तो उन्हें भी इस बात की जानकारी नहीं है कि उर्दू स्कूल में प्रार्थना को लेकर किसी तरह का नियम है या नहीं. उन्होंने कहा कि वे स्कूल के निरीक्षण के लिए गए थे और उन्होंने पाया कि स्कूल में वहां 'लबों पे आती है दुआ..' प्रार्थना की जाती है. उसके बाद प्रस्तावना और फिर राष्ट्रीय गान जन गण मन गाया जाता है.

स्कूल में प्रार्थना

इस मामले पर स्कूल के शिक्षकों ने क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी को बताया कि बीते करीब 30 वर्षों से ऐसे ही प्रार्थना होती आ रही है. उन्होंने इस पूरे मामले पर भी विभाग को अवगत कराया है. इस मामले के सामने आने के बाद प्रार्थना और हाथ की मुद्रा से संबंधित विभागीय निर्देशों की कॉपी खंगाले जा रहे हैं.

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