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सिमडेगा में होनहार फांकाकशी को मजबूर, जानें पूरा मामला

सिमडेगा में बिन बाप की एक होनहार बच्ची आए दिन फांकाकशी को मजबूर है.जब बच्चे हर कदम पर सहारा तलाशते हैं 13 वर्षीय पालनी मां के इलाज और गृहस्थी की गाड़ी खींचने के लिए सड़कों पर चने बेचने को मजबूर है.

palni is looking after his family by selling chickpea
चना बेचकर परिवार का भरण पोषण कर रही है सिमडेगा की पालनी
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Published : Mar 1, 2021, 6:38 PM IST

Updated : Mar 1, 2021, 11:09 PM IST

सिमडेगा: लिखने वाले ने तो लिख दिया.."उड़ने दो परिंदों को अभी शोख हवा में, फिर लौट के बचपन के जमाने नहीं आते". जिन हाथों में किताब, ..सपनों में फूल, तितलियां..होनी चाहिए उनके कंधों पर आज घर का बोझ है. यह कहानी सिमडेगा की 13 वर्षीय होनहार छात्रा की है. जब दूसरी बच्चियां मां-बाप के दुलार के बीच अपने सपने बुनती हैं, पालनी जिंदगी के लिए जद्दोजहद करने को मजबूर है. पढ़ाई और मां के इलाज के लिए वह चने बेचने के लिए विवश है. कभी-कभी फांकाकशी भी पालनी का नसीब बन गया है. लेकिन कक्षा छह में 75 फीसदी अंक पानी वाली छात्रा की मुसीबतें जितनी बड़ी हैं, उसके इरादे उतने ही पक्के हैं. बिना मां की बच्ची गृहस्थी की गाड़ी खींचने के लिए दिन-रात एक कर रही है.

देखें पूरी खबर

2010 में पालनी जब डेढ़ साल की थी, तब उसके सिर से पिता का साया उठ गया. पालनी ने पिता को हाई ब्लड प्रेशर से मरते देखा तब उसने नर्स बनने का सपना देखा. पालनी कहती हैं वह नर्स बनकर समाज सेवा करना चाहती हैं.

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी ने भारत बायोटेक की बनाई 'कोवैक्सीन' का लगवाया टीका

'बेटी ट्यूशन के लिए बोल रही है लेकिन पैसा लाएं कहां से...'

पालनी की मां किरण देवी कहती हैं कि पिता की मौत के बाद किसी तरह बच्ची को पाल पोषकर बड़ा किया. अकेले चना बेचने से घर का खर्च नहीं चलता है. कभी-कभी भूखे पेट भी सोना पड़ता है. इसलिए बेटी भी चना बेचती है. जो कुछ भी आमदनी होती है उससे बेटी को पढ़ा रहे हैं. बेटी ट्यूशन की मांग कर रही है लेकिन अब पैसा कहां से लाएं. घर में दाल-रोटी चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

Kiran Devi's only child is Palani.
किरण देवी की इकलौती बच्ची है पालनी.

सीएम ने परिवार की मदद का दिया आदेश

जब इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरने को मिली उन्होंने ट्वीट कर उपायुक्त को सरकारी योजनाओं और पालनी की शिक्षा के लिए व्यवस्था कराने को कहा है. उपायु्क्त ने बताया कि परिवार की डिटेल ली गई है. सारी सरकारी योजनाओं का लाभ परिवार को दिया जाएगा. बच्ची को पढ़ाने के लिए पूरी व्यवस्था की जाएगी और परिवार को कोई दिक्कत नहीं होगी. पालनी सातवीं में पढ़ती है और छठी में उसे 75 प्रतिशत नंबर मिले थे. पढ़ने में बचपन से होनहार पालनी को उद्योगपति गौतम अडानी ने भी मदद की बात कही है. पालनी के सपनों को पंख लग चुके हैं. बस इंतजार है उसके हौसलों को उड़ान देने की.

राज्य की दूसरी पालनी का कौन बनेगा सहारा

सिमडेगा की पालनी तो महज एक नाम है. ट्विटर पर पालनी के माली हालत और संघर्ष के ट्रेंड करने के बाद उसके लिए सीएम की मदद के आदेश तो आ गए, मगर राज्य की ऐसी और पालनी का पालनहार कौन बनेगा. यह सरकार और प्रशासन के सामने बड़ा सवाल है.

सिमडेगा: लिखने वाले ने तो लिख दिया.."उड़ने दो परिंदों को अभी शोख हवा में, फिर लौट के बचपन के जमाने नहीं आते". जिन हाथों में किताब, ..सपनों में फूल, तितलियां..होनी चाहिए उनके कंधों पर आज घर का बोझ है. यह कहानी सिमडेगा की 13 वर्षीय होनहार छात्रा की है. जब दूसरी बच्चियां मां-बाप के दुलार के बीच अपने सपने बुनती हैं, पालनी जिंदगी के लिए जद्दोजहद करने को मजबूर है. पढ़ाई और मां के इलाज के लिए वह चने बेचने के लिए विवश है. कभी-कभी फांकाकशी भी पालनी का नसीब बन गया है. लेकिन कक्षा छह में 75 फीसदी अंक पानी वाली छात्रा की मुसीबतें जितनी बड़ी हैं, उसके इरादे उतने ही पक्के हैं. बिना मां की बच्ची गृहस्थी की गाड़ी खींचने के लिए दिन-रात एक कर रही है.

देखें पूरी खबर

2010 में पालनी जब डेढ़ साल की थी, तब उसके सिर से पिता का साया उठ गया. पालनी ने पिता को हाई ब्लड प्रेशर से मरते देखा तब उसने नर्स बनने का सपना देखा. पालनी कहती हैं वह नर्स बनकर समाज सेवा करना चाहती हैं.

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी ने भारत बायोटेक की बनाई 'कोवैक्सीन' का लगवाया टीका

'बेटी ट्यूशन के लिए बोल रही है लेकिन पैसा लाएं कहां से...'

पालनी की मां किरण देवी कहती हैं कि पिता की मौत के बाद किसी तरह बच्ची को पाल पोषकर बड़ा किया. अकेले चना बेचने से घर का खर्च नहीं चलता है. कभी-कभी भूखे पेट भी सोना पड़ता है. इसलिए बेटी भी चना बेचती है. जो कुछ भी आमदनी होती है उससे बेटी को पढ़ा रहे हैं. बेटी ट्यूशन की मांग कर रही है लेकिन अब पैसा कहां से लाएं. घर में दाल-रोटी चलाना भी मुश्किल हो रहा है.

Kiran Devi's only child is Palani.
किरण देवी की इकलौती बच्ची है पालनी.

सीएम ने परिवार की मदद का दिया आदेश

जब इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री हेमंत सोरने को मिली उन्होंने ट्वीट कर उपायुक्त को सरकारी योजनाओं और पालनी की शिक्षा के लिए व्यवस्था कराने को कहा है. उपायु्क्त ने बताया कि परिवार की डिटेल ली गई है. सारी सरकारी योजनाओं का लाभ परिवार को दिया जाएगा. बच्ची को पढ़ाने के लिए पूरी व्यवस्था की जाएगी और परिवार को कोई दिक्कत नहीं होगी. पालनी सातवीं में पढ़ती है और छठी में उसे 75 प्रतिशत नंबर मिले थे. पढ़ने में बचपन से होनहार पालनी को उद्योगपति गौतम अडानी ने भी मदद की बात कही है. पालनी के सपनों को पंख लग चुके हैं. बस इंतजार है उसके हौसलों को उड़ान देने की.

राज्य की दूसरी पालनी का कौन बनेगा सहारा

सिमडेगा की पालनी तो महज एक नाम है. ट्विटर पर पालनी के माली हालत और संघर्ष के ट्रेंड करने के बाद उसके लिए सीएम की मदद के आदेश तो आ गए, मगर राज्य की ऐसी और पालनी का पालनहार कौन बनेगा. यह सरकार और प्रशासन के सामने बड़ा सवाल है.

Last Updated : Mar 1, 2021, 11:09 PM IST
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