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दर्द से कराहती महिला ने ई-रिक्शा में बच्चे को दिया जन्म, देखता रहा अस्पताल

साहिबगंज में अस्पताल की बड़ी लापरवाही के कारण जच्चा और बच्चा की जान खतरे में पड़ सकती थी, दरअसल एक प्रसूती ने अस्पताल के बाहर खड़ी ई-रिक्शा में बच्चे को जन्म दिया है.

ई-रिक्शा में बच्चे का जन्म
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Published : Oct 30, 2019, 1:47 PM IST

साहिबगंज: सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दर्द से कराह रही प्रसूती को डिलेवरी के लिए अस्पताल लाया गया. जहां सर्जन लेडीज डॉक्टर के नहीं रहने के कारण उसे महिला को उसी हालत में दूसरे जगह रेफर किया गया, तबतक गर्भवती महिला ने ई-रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दिया.

देखें पूरी खबर

दरअसल, एक पेशेंट को यह कहकर अस्पताल से रेफर कर दिया गया था कि वहां कोई लेडीज सर्जन नहीं है, जबकि महिला की हालत उस समय ठीक नहीं थी. अस्पताल द्वारा प्रसूती को रेफर करने के बाद परिजनों ने उसे दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए ई-रिक्शा में बिठाया, लेकिन महिला दर्द से कराहने लगी मजबूरन उन्हें ई रिक्शा में ही डिलेवरी करवाना पड़ा.

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हालांकि, इस दौरान नर्स की पूरी टीम वहां मौजूद थी. डिलेवरी के बाद जच्चा और बच्चा को सुरक्षित अस्पताल में भर्ती कराया गया. दोनों फिलहाल स्वस्थ और सुरक्षित हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण कोई भी अनहोनी हो सकती थी.

साहिबगंज: सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. दर्द से कराह रही प्रसूती को डिलेवरी के लिए अस्पताल लाया गया. जहां सर्जन लेडीज डॉक्टर के नहीं रहने के कारण उसे महिला को उसी हालत में दूसरे जगह रेफर किया गया, तबतक गर्भवती महिला ने ई-रिक्शा में ही बच्चे को जन्म दिया.

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दरअसल, एक पेशेंट को यह कहकर अस्पताल से रेफर कर दिया गया था कि वहां कोई लेडीज सर्जन नहीं है, जबकि महिला की हालत उस समय ठीक नहीं थी. अस्पताल द्वारा प्रसूती को रेफर करने के बाद परिजनों ने उसे दूसरे अस्पताल ले जाने के लिए ई-रिक्शा में बिठाया, लेकिन महिला दर्द से कराहने लगी मजबूरन उन्हें ई रिक्शा में ही डिलेवरी करवाना पड़ा.

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हालांकि, इस दौरान नर्स की पूरी टीम वहां मौजूद थी. डिलेवरी के बाद जच्चा और बच्चा को सुरक्षित अस्पताल में भर्ती कराया गया. दोनों फिलहाल स्वस्थ और सुरक्षित हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण कोई भी अनहोनी हो सकती थी.

Intro:एक डिलीवरी प्रसूति अस्पताल प्रांगण में टोटो में दी शुशु को जन्म। सीजर डॉक्टर शाम में आएगी कह किया गया रेफर।मुख्य गेट पर दर्द बढा और नर्स ने की सुरक्षित डिलीवरी।
नोट-- vo करके खबर फिर से फ़ाइल कर रहे है।


Body:एक डिलीवरी प्रसूति अस्पताल प्रांगण में टोटो में दी शुशु को जन्म। सीजर डॉक्टर शाम में आएगी कह किया गया रेफर।मुख्य गेट पर दर्द बढा और नर्स ने की सुरक्षित कराई डिलीवरी।
स्टोरी-साहिबगंज- आज सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई। एक डिलीवरी पेशेंट को सर्जन लेडीज डॉक्टर का अभी नही आने कह कर  दिया गया रेफर। चुकी महिला दर्द से बैचेन थी और अभिभावक ने निजी किलनिक में ले जाना उचित समझा। जैसे मुख दरवाजा पर लगा टोटो पर प्रसूति महिला बैठी जैसे बैठी तो दर्द बढ़ गया और टोटो पर ही शिशु को जन्म दे डाली।
                   हालांकि नर्स की पूरी टीम अपने देख रेख में टोटो पर ही सुरक्षित डिलेवरी करा डाली। और जँचा और बच्चा को सुरक्षित अस्पताल में भर्ती कराया गया।दोनो अभी स्वस्थ और सुरक्षित है।
          सवाल उठता है स्वादथ्य विभाग की लापरवाही पर की थोड़ा सा रिस्क नही लेना चाहा। एक्सरे रिपोर्ट देखा कि बच्चा उलटा है और पूर्व में सीजर से ऑपरेशन हुआ था इसलिए दुबारा रिस्क नही लेकर दर्द से छटपटाती प्रसूति महिला को रखना उचित नही समझा और रेफर कर दिया गया।
                  डिलीवरी पेशेंट महिला साहिना बीबी का ससुर अमातुल शेख का कहना है कि अस्पताल से नर्स ने जानकारी दिया कि लेडीज महिला सर्जन डॉक्टर रात में आएगी। कहा कि नर्स ने बताया कि डॉक्टर ने बोली कि दर्द अधिक है पूर्व में सीजर से ऑपरेशन हुआ हूं तो रिस्क नही लेना है रेफर कर दो। इस बात बार हम जाने लगे और अस्पताल प्रांगण में ही मेन गेट पर बच्चा हो गया।
              बाइट- अमातुल शेख। ससुर,डिलीवरी पेशेंट।
नर्स ने कहा कि पूर्व में सीजर से एक बच्चा हुआ था और दुबारा यह महिला उधवा से चलकर साहिबगंज सदर अस्पताल पहुंची थी ।सर्जन डॉक्टर किरण माला से बात हुई वह बताई कि रात मे आएंगे और दर्द अधिक है और बच्चा पेट में उल्टा है तो इसे रेफर करने में ही बेहतर होगा इसलिए हम लोगों ने रेफर कर दिया।
                   नर्स ने बताया कि जैसे ही मालूम चला की टोटो पर चढ़ने के दरमियान ही दर्द बढ़ गया तो हम लोगों ने सुरक्षित परोसा कराया जच्चा और बच्चा दोनों को डिलीवरी वार्ड में लाया दोनों को इलाज जारी है और फिलहाल दोनों सुरक्षित हैं।
                         बाइट- डोली झा। नर्स,सदर असप्तसल


Conclusion:निश्चित रूप से स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही नजर आ रही है किसी की जिंदगी और मौत का सवाल होता है और डॉक्टर ऑनलाइन घर से फोन पर यह बता देता है कि कि हम शाम में आएंगे अगर जाना हो तो कहीं दूसरे जगह चले जाए यह कहकर नर्स द्वारा रेफर कर दिया जाता है
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