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सरायकेलाः महिला ने पति को दी मुखाग्नि, कहा- जागरूकता जरूरी

सरायकेला जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के पुराने वार्ड संख्या-16 की पूर्व पार्षद विनीता ने अपने पति अविनाश के निधन के बाद उन्हें खुद मुखाग्नि दी. उनकी कोई संतान नहीं है.

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पति को मुखाग्नि देती पत्नी
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Published : Jun 20, 2020, 11:52 PM IST

सरायकेला: हिंदू धर्म में महिलाओं का श्मशान जाना वर्जित होता है. हिंदू धर्म में मनुष्य के कुल 16 संस्कार होते हैं. जिनमें 16वां और अंतिम संस्कार मनुष्य के मरने के बाद उसका शव यात्रा होता है. इस अंतिम संस्कार में महिलाओं का जाना पूरी तरह वर्जित होता है, लेकिन आज कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं जो इन परंपराओं को गलत साबित कर रही हैं.

सरायकेला जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के पुराने वार्ड संख्या-16 की पूर्व पार्षद विनीता ने अपने पति अविनाश को निधन होने के बाद संतान न होने के कारण खुद मुखाग्नि देकर अंतिम क्रिया की.

ये भी पढ़ें- दिनदहाड़े 5 लाख की छिनतई, बाइक सवार अपराधियों की करतूत

महिलाओं की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है

लंबे समय से बीमार चल रहे पति के निधन के बाद पूर्व महिला वार्ड पार्षद ने हिंदू रीति रिवाज के अनुसार, पति का दाह संस्कार कर्म किया. साथ ही समाज की उन महिलाओं को भी यह संदेश दिया जो खुद को अकेला मानती हैं. पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं की यह जागरूकता निश्चित तौर पर महिलाओं की आत्मनिर्भरता को भी दर्शाता है.

सरायकेला: हिंदू धर्म में महिलाओं का श्मशान जाना वर्जित होता है. हिंदू धर्म में मनुष्य के कुल 16 संस्कार होते हैं. जिनमें 16वां और अंतिम संस्कार मनुष्य के मरने के बाद उसका शव यात्रा होता है. इस अंतिम संस्कार में महिलाओं का जाना पूरी तरह वर्जित होता है, लेकिन आज कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं जो इन परंपराओं को गलत साबित कर रही हैं.

सरायकेला जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के पुराने वार्ड संख्या-16 की पूर्व पार्षद विनीता ने अपने पति अविनाश को निधन होने के बाद संतान न होने के कारण खुद मुखाग्नि देकर अंतिम क्रिया की.

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महिलाओं की आत्मनिर्भरता को दर्शाता है

लंबे समय से बीमार चल रहे पति के निधन के बाद पूर्व महिला वार्ड पार्षद ने हिंदू रीति रिवाज के अनुसार, पति का दाह संस्कार कर्म किया. साथ ही समाज की उन महिलाओं को भी यह संदेश दिया जो खुद को अकेला मानती हैं. पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं की यह जागरूकता निश्चित तौर पर महिलाओं की आत्मनिर्भरता को भी दर्शाता है.

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