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गांव के चापाकल और कुंए में शरारती तत्वों ने छिड़का सफेद पाउडर, ग्रामीणों में दहशत - Villagers panic due to rumors of corona infection in seraikela

सरायकेला के चांडिल प्रखंड के भुईयाडीह में कुछ शरारती तत्वों ने गांव के 3 चापाकल, जलमीनार और एक कुंए में सफेद पाउडर का जबरदस्त तरीके से छिड़काव किया गया है. जिसके बाद पूरा गांव दहशत में है.

Villagers panic due to rumors of corona infection in seraikela
कुएं में शरारती तत्वों ने छिड़का सफेद पाउडर
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Published : Apr 21, 2020, 12:28 PM IST

सरायकेलाः राष्ट्रीय आपदा कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम को लेकर सरकार कई प्रयास लगातार कर रही है. इस बीच अफवाहों का भी दौर लगातार जारी है. जबकि कुछ शरारती तत्व के लोग भी इस आपदा की घड़ी में अपने कारगुजारी से बाज नहीं आ रहे. ताजा मामला सरायकेला जिले के चांडिल प्रखंड के भुईयाडीह गांव का है. जहां गांव के 3 चापाकल, जलमीनार और एक कुंए में अज्ञात लोगों ने सफेद पाउडर का जबरदस्त तरीके से छिड़काव किया है. जिसके बाद पूरा गांव दहशत में है.

देखें पूरी खबर

दरअसल, चांडिल प्रखंड के भुइयांडीह गांव में बीती रात अज्ञात असामाजिक तत्वों ने गांव के तीन मुख्य चापाकल और एक कुंए के अंदर सफेद पाउडर का छिड़काव किया है. इधर ग्रामीण जब आज सुबह चापाकल और कुंए से पानी भरने आए तो देखा कि चारों तरफ सफेद पाउडर का छिड़काव किया गया है. इसके अलावा गांव के एक जल मीनार और पानी के नल में भी पाउडर का छिड़काव दिखा. इस घटना की खबर पूरे गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई और ग्रामीण मामले की जानकारी लेने बड़ी संख्या में उमड़ पड़े. बाद में ग्रामीणों ने स्थानीय जिला प्रशासन और सरकारी महकमे को फौरन सूचित किया. जिसके बाद मौके पर पुलिस समेत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहुंचकर मामले की छानबीन की. स्वास्थ्य विभाग ने चापाकल, जल मीनार और कुंए के आसपास छिड़के गए सफेद पाउडर के सैंपल को भी जब्त कर जांच के लिए भेज दिया गया है.

ये भी पढ़ें- झारखंड में मिले 4 नये कोरोना पॉजिटिव केस, बाबानगरी में भी कोरोना की दस्तक


जल मीनार चापाकल और कुंआ किया गया सील
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ विभाग की टीम और पेयजल स्वच्छता विभाग के अधिकारियों ने पुलिस के सहयोग से सभी चापाकल कुआं और जल मीनार को फिलहाल सील कर दिया है, जबकि ग्रामीणों को भी इस बात की हिदायत दी गई है कि वे रिपोर्ट आने तक यहां के पानी का प्रयोग नहीं करें, वहीं स्थानीय प्रशासन ग्रामीणों को अफवाह पर ध्यान नहीं देने की भी अपील कर रही है.

फिलहाल ग्रामीण नदी के पानी पर हैं आश्रित

गांव के प्रमुख जल स्रोत प्रशासन ने सील कर दिया हैं. ऐसे में अब ग्रामीण सिर्फ नदी पर आश्रित है और लोगों को डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय कर फिलहाल पानी लाना पड़ेगा. हालांकि, इस बात का पता सैंपल के जांच के बाद ही मालूम पड़ेगा कि यह महज शरारत है या कुछ और. फिलहाल ग्रामीण दहशत के साए में है और ग्रामीणों को पानी के लिए रोजाना फिलहाल कड़ी मशक्कत भी करनी पड़ेगी.

सरायकेलाः राष्ट्रीय आपदा कोरोना वायरस संक्रमण के रोकथाम को लेकर सरकार कई प्रयास लगातार कर रही है. इस बीच अफवाहों का भी दौर लगातार जारी है. जबकि कुछ शरारती तत्व के लोग भी इस आपदा की घड़ी में अपने कारगुजारी से बाज नहीं आ रहे. ताजा मामला सरायकेला जिले के चांडिल प्रखंड के भुईयाडीह गांव का है. जहां गांव के 3 चापाकल, जलमीनार और एक कुंए में अज्ञात लोगों ने सफेद पाउडर का जबरदस्त तरीके से छिड़काव किया है. जिसके बाद पूरा गांव दहशत में है.

देखें पूरी खबर

दरअसल, चांडिल प्रखंड के भुइयांडीह गांव में बीती रात अज्ञात असामाजिक तत्वों ने गांव के तीन मुख्य चापाकल और एक कुंए के अंदर सफेद पाउडर का छिड़काव किया है. इधर ग्रामीण जब आज सुबह चापाकल और कुंए से पानी भरने आए तो देखा कि चारों तरफ सफेद पाउडर का छिड़काव किया गया है. इसके अलावा गांव के एक जल मीनार और पानी के नल में भी पाउडर का छिड़काव दिखा. इस घटना की खबर पूरे गांव में जंगल की आग की तरह फैल गई और ग्रामीण मामले की जानकारी लेने बड़ी संख्या में उमड़ पड़े. बाद में ग्रामीणों ने स्थानीय जिला प्रशासन और सरकारी महकमे को फौरन सूचित किया. जिसके बाद मौके पर पुलिस समेत स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पहुंचकर मामले की छानबीन की. स्वास्थ्य विभाग ने चापाकल, जल मीनार और कुंए के आसपास छिड़के गए सफेद पाउडर के सैंपल को भी जब्त कर जांच के लिए भेज दिया गया है.

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जल मीनार चापाकल और कुंआ किया गया सील
मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ विभाग की टीम और पेयजल स्वच्छता विभाग के अधिकारियों ने पुलिस के सहयोग से सभी चापाकल कुआं और जल मीनार को फिलहाल सील कर दिया है, जबकि ग्रामीणों को भी इस बात की हिदायत दी गई है कि वे रिपोर्ट आने तक यहां के पानी का प्रयोग नहीं करें, वहीं स्थानीय प्रशासन ग्रामीणों को अफवाह पर ध्यान नहीं देने की भी अपील कर रही है.

फिलहाल ग्रामीण नदी के पानी पर हैं आश्रित

गांव के प्रमुख जल स्रोत प्रशासन ने सील कर दिया हैं. ऐसे में अब ग्रामीण सिर्फ नदी पर आश्रित है और लोगों को डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय कर फिलहाल पानी लाना पड़ेगा. हालांकि, इस बात का पता सैंपल के जांच के बाद ही मालूम पड़ेगा कि यह महज शरारत है या कुछ और. फिलहाल ग्रामीण दहशत के साए में है और ग्रामीणों को पानी के लिए रोजाना फिलहाल कड़ी मशक्कत भी करनी पड़ेगी.

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