सरायकेला: केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा(union minister arjun munda) और प्रदेश के आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन(Tribal Welfare cum Transport Minister Champai Soren) ने सरायकेला जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत खैरबानी मे एकलव्य आवासीय विद्यालय(Eklavya Model Residential School) की आधारशिला रखी. इस मौके पर सांसद गीता कोड़ा भी मौजूद थी. केंद्र सरकार ने देशभर में 452 नए स्कूल स्थापित करने का निर्णय लिया है.
ये भी पढ़ें: दिशा समिति की पहली बैठक, झारखंड में 14 एकलव्य विद्यालय को सृजित करने का अर्जुन मुंडा ने दी स्वीकृति
राजनगर के खैरबानी मे प्रस्तावित एकलव्य मॉडल विद्यालय(Eklavya Model Residential School) आधारशिला के मौके पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा((union minister arjun munda) ने कहा कि जनजातीय बहुल क्षेत्रों में एकलव्य विद्यालय शिक्षा में क्रांति लाएगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में नए उद्घोष के साथ जनजातीय क्षेत्र के युवाओं को एकलव्य मॉडल विद्यालयों में बेहतरीन शिक्षा दीक्षा प्रदान की जाएगी. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि सरकार ने 2018-19 के केंद्रीय बजट में घोषणा की थी कि 50 प्रतिशत से अधिक एसटी आबादी और कम से कम 20,000 आदिवासी व्यक्तियों वाले प्रत्येक ब्लॉक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय होगा.
नवोदय विद्यालय के तर्ज पर एकलव्य स्कूल
इन स्कूलों को नवोदय विद्यालय के तर्ज पर एकलव्य स्कूलों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जायेगा. इसके तहत राज्य में एक पहचाने गए व्यक्तिगत खेल और एक समूह के खेल के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी. खेल के लिए इन सीओई में भारतीय खेल प्राधिकरण के मानदंडों के अनुसार अत्याधुनिक प्रशिक्षण, विशेष प्रशिक्षण, बोर्डिंग और ठहरने की सुविधा, खेल किट, खेल उपकरण, प्रतियोगिता प्रदर्शन, बीमा, चिकित्सा व्यय आदि के साथ-साथ अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होगी.
ये भी पढ़ें: बजट 2021-22 : आदिवासी इलाकों में एकलव्य स्कूल, उच्च शिक्षा आयोग का गठन
480 छात्रों को मिलेगी एकलव्य विद्यालय में शिक्षा
राजनगर में प्रस्तावित एकलव्य मॉडल विद्यालय में कुल 480 छात्र छात्राओं को शिक्षा प्रदान की जाएगी जिन में 240 छात्र और 240 छात्राएं शामिल होंगी. जबकि नामांकन प्रक्रिया कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक होगा. मौके पर मौजूद राज्य के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने भी आदिवासी बहुल क्षेत्र में एकलव्य विद्यालय स्थापित किए जाने को मील का पत्थर बताया. उन्होंने कहा कि एकलव्य मॉडल विद्यालय की स्थापना होने से इस क्षेत्र का ना सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश में एक अलग पहचान भी स्थापित होगा. वहीं, सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि एकलव्य विद्यालय स्थापित होने के साथ यह भी सुनिश्चित करना अनिवार्य होगा कि बच्चे स्कूल तक पहुंचे.
आदिवासी बहुल क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था नहीं होने पर होती है परेशानी
इस मौके पर सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि आज आदिवासी बहुल क्षेत्र में शिक्षा की व्यवस्था नहीं होने के कारण अधिकांश बच्चे रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन कर रहे हैं. कोरोना काल में देखा गया कि तकनीकी रूप से शिक्षित नहीं होने के कारण झारखंड के आदिवासी बहुल क्षेत्र के लोगों को दूसरे राज्यों में शरण लेना पड़ा. ऐसे में इस विद्यालय के स्थापित होने से एक बेहतर प्रयास होगा ताकि आदिवासी बहुल क्षेत्र के बच्चे भी तकनीकी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को प्राप्त कर सकेंगे.