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सरायकेला में वैन चालक का बेटा सुमित कुमार ने पास की यूपीएससी परीक्षा, हासिल की 263वीं रैंक - झारखंड न्यूज

सरायकेला में दो अभ्यर्थियों ने यूपीएससी परीक्षा पास की है. इसमें विकास महतो ने 110वीं रैंक और सुमित कुमार ठाकुर ने 263वीं रैंक प्राप्त की है.

UPSC exam
सराकेला में वैन चालक का बेटा सुमित कुमार ने पास की यूपीएससी परीक्षा
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Published : May 30, 2022, 10:50 PM IST

Updated : May 31, 2022, 9:30 AM IST

सरायकेला: यूपीएससी का रिजल्ट सोमवार को जारी किया गया. यूपीएससी परीक्षा में झारखंड से कई अभ्यर्थी सफल हुये हैं. इस बार सरायकेला के दो अभ्यर्थी यूपीएससी क्रैक करने में सफलता प्राप्त की है. इसमें एक चौका थाना क्षेत्र के खूंटी गांव के रहने वाले विकास महतो ने यूपीएससी परीक्षा में 110वीं रैंक प्राप्त की है. वहीं, आदित्यपुर के रहने वाले सुमित कुमार ठाकुर ने 263वीं रैंक हासिल की है. सुमित के पिता वैन चालक हैं.

यह भी पढ़ेंःUPSC Civil Service Result 2021 : श्रुति शर्मा ने मारी बाजी, पहले चार स्थानों पर महिलाओं का कब्जा, पीएम ने दी बधाई

छोटे से गांव खूंटी के रहने वाले विकास महतो की सफलता से पूरे गांव में खुशी की लहर है. विकास को साल 2020 में आयोजित यूपीएससी परीक्षा में 446वीं रैंक प्राप्त हुई थी. इसके बाद विकास ने नागपुर में इंडियन रेवेन्यू सर्विस ज्वाइन किया. लेकिन भारतीय प्रशासनिक सेवा का सपना छोड़ा नहीं. फिर से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गए और आज यह सफलता प्राप्त की है. विकास के पिता चक्रधर महतो ने बताया कि बेटे की प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल से हुई है. इसके बाद गम्हरिया स्थित केपीएस स्कूल से मैट्रिक और डीएवी बिष्टुपुर से 12वीं की परीक्षा पास की. 12वीं के बाद एनआईटी इलाहाबाद में दाखिला लिया, जहां बीटेक मैकेनिकल की डिग्री प्राप्त की. इंजीनियर की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ समय तक एलएनटी कंपनी में काम भी किया.

क्या कहते हैं सुमित के माता-पिता


इसके साथ ही यूपीएससी परीक्षा में चयनित सुमित ने वर्ष 2012 में जमशेदपुर के रामकृष्ण मिशन से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. इसके बाद साल 2014 में राजेंद्र विद्यालय से इंटर साइंस की परीक्षा पास की. इसके बाद सुमित का बीआईटी सिंदरी कॉलेज में चयन हुआ, जहां से कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. सुमित कोडिंग पर आधारित स्मार्ट इंडिया हैकाथौंन प्रतियोगिता में देशभर में तीसरा पुरस्कार प्राप्त किये थे. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुमित यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने लगे. साल 2019 में मात्र 3 अंक से चयन नहीं हो सका था. सुमित तीसरे प्रयास में 263वीं रैंक प्राप्त की है. सुमित ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है. सुमित के पिता विजय कुमार ठाकुर 21 वर्ष से भी अधिक समय से स्कूल वैन चलाते हैं और मां नीता देवी ग्रहणी है. विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि सुमित ने मेहनत के बल पर मुकाम हासिल किया है.

सरायकेला: यूपीएससी का रिजल्ट सोमवार को जारी किया गया. यूपीएससी परीक्षा में झारखंड से कई अभ्यर्थी सफल हुये हैं. इस बार सरायकेला के दो अभ्यर्थी यूपीएससी क्रैक करने में सफलता प्राप्त की है. इसमें एक चौका थाना क्षेत्र के खूंटी गांव के रहने वाले विकास महतो ने यूपीएससी परीक्षा में 110वीं रैंक प्राप्त की है. वहीं, आदित्यपुर के रहने वाले सुमित कुमार ठाकुर ने 263वीं रैंक हासिल की है. सुमित के पिता वैन चालक हैं.

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छोटे से गांव खूंटी के रहने वाले विकास महतो की सफलता से पूरे गांव में खुशी की लहर है. विकास को साल 2020 में आयोजित यूपीएससी परीक्षा में 446वीं रैंक प्राप्त हुई थी. इसके बाद विकास ने नागपुर में इंडियन रेवेन्यू सर्विस ज्वाइन किया. लेकिन भारतीय प्रशासनिक सेवा का सपना छोड़ा नहीं. फिर से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गए और आज यह सफलता प्राप्त की है. विकास के पिता चक्रधर महतो ने बताया कि बेटे की प्राथमिक शिक्षा गांव के स्कूल से हुई है. इसके बाद गम्हरिया स्थित केपीएस स्कूल से मैट्रिक और डीएवी बिष्टुपुर से 12वीं की परीक्षा पास की. 12वीं के बाद एनआईटी इलाहाबाद में दाखिला लिया, जहां बीटेक मैकेनिकल की डिग्री प्राप्त की. इंजीनियर की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ समय तक एलएनटी कंपनी में काम भी किया.

क्या कहते हैं सुमित के माता-पिता


इसके साथ ही यूपीएससी परीक्षा में चयनित सुमित ने वर्ष 2012 में जमशेदपुर के रामकृष्ण मिशन से मैट्रिक की परीक्षा पास की थी. इसके बाद साल 2014 में राजेंद्र विद्यालय से इंटर साइंस की परीक्षा पास की. इसके बाद सुमित का बीआईटी सिंदरी कॉलेज में चयन हुआ, जहां से कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. सुमित कोडिंग पर आधारित स्मार्ट इंडिया हैकाथौंन प्रतियोगिता में देशभर में तीसरा पुरस्कार प्राप्त किये थे. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद सुमित यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने लगे. साल 2019 में मात्र 3 अंक से चयन नहीं हो सका था. सुमित तीसरे प्रयास में 263वीं रैंक प्राप्त की है. सुमित ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है. सुमित के पिता विजय कुमार ठाकुर 21 वर्ष से भी अधिक समय से स्कूल वैन चलाते हैं और मां नीता देवी ग्रहणी है. विजय कुमार ठाकुर ने बताया कि सुमित ने मेहनत के बल पर मुकाम हासिल किया है.

Last Updated : May 31, 2022, 9:30 AM IST
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