सरायकेलाः जिला में कुकड़ु प्रखंड क्षेत्र के सापारूम जंगल के बीच गुरूवार को धान के खेत में गुज्जर (दंतैल) हाथी का शव बरामद किया गया. वन विभाग के मौके पर पहुंची और पशु चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा शव का मौके पर ही पोस्टमार्टम किया गया. इसके बाद खेत के पास की जमीन में हाथी को दफना दिया गया.
इसे भी पढ़ें- Palamu News: चोट लगने की वजह से पीटीआर में हाथी के बच्चे की हुई थी मौत, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा
डीएफओ ने बताया कि दंतैल हाथी काफी उम्रदराज था और शारीरिक रूप से काफी कमजोर हो गया था, जिससे उसकी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद गुज्जर हाथी का अंतिम संस्कार कर दिया गया. डीएफओ ने लोगों को अपील करते हुए कहा कि ग्रामीण जंगली हाथियों के साथ छेड़छाड़ ना करें, हाथियों से बचाव के लिए वन विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों में आम लोग सहयोग करें.
पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. हरेलाल महतो की देखरेख में चिकित्सकों द्वारा पोस्टमार्टम किया गया. इसके बाद वन विभाग के डीएफओ व आला अधिकारियों द्वारा जेसीबी से गढ्ढा खोदकर खेत के पास विधि विधान के साथ हाथी का अंतिम संस्कार कर दफना दिया गया. हाथी की मृत्यु की सूचना मिलते ही भारी संख्या में ग्रामीण उमड़ पड़े. लोगों ने मृत हाथी के शव पर पुष्प चढ़ाकर और अगरबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि भी दी.
मिली जानकारी के अनुसार कुछ दिन पहले दंतैल यानी गुज्जर हाथी करंट की चपेट में आने से काफी कमजोर हो गया था. मंगलवार को भी सापारूम जंगल के पास सुवर्ण रेखा नदी पर बालू में फंस गया था. घंटों मशक्कत के बाद नदी से निकलकर सापारूम जंगल पहुंचा. तीन दिनों से शारीरिक रूप से कमजोर बूढ़ा गुज्जर हाथी सापारूम जंगल में डेरा जमाए हुए था. बताया जा रहा है कि हाथी ठीक से चल-फिर भी नहीं पा रहा था. बता दें कि तीन से चार महीने के अंदर दो हथिनी की मौत हुई है. एक बूढ़ी हथिनी की मौत कुकड़ु के सिरूम जंगल में हुई, वहीं ईचागढ़ के कुटाम पहाड़ में वयस्क हथिनी की मौत हो गई थी.