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TATA मोटर्स में उत्पादन घटा, ब्लॉक क्लोजर के कयास, छोटे उद्योग होंगे प्रभावित - jharkhand news

सरायकेला में टाटा मोटर्स कंपनी ब्लॉक क्लोजर की घोषणा कर सकती है. लगभग हर साल टाटा मोटर्स साल में एक बार प्लांट मेंटेनेंस को लेकर बंद किया जाता है, जिसका असर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों पर सीधा पड़ता है.

ब्लॉक क्लोजर के कयास
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Published : Jun 19, 2019, 12:20 PM IST

सरायकेला: जिले की औद्योगिक क्षेत्र की अधिकतर कंपनियां टाटा मोटर्स पर निर्भर है. टाटा मोटर्स में 2 महीने बाद फिर एक बार उत्पादन में गिरावट आई है, जिससे कंपनी ब्लॉक क्लोजर के कयास लगाए जा रहे हैं. इधर टाटा मोटर्स के क्लोजर होने पर औद्योगिक क्षेत्र के विभिन्न कंपनियों में इसका सीधा असर देखने को मिलता है.

देखें पूरी खबर

कंपनियों में कारोबार प्रभावित
जमशेदपुर के टाटा मोटर्स प्लांट में जब-जब उत्पादन घटता है, तब-तब कंपनी ब्लॉक क्लोजर की घोषणा करती हैं. जिसके बाद आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के तकरीबन 600 से भी अधिक कंपनियों में इसका सीधा असर देखने को मिलता है. इस क्लोजर में 600 से भी अधिक कंपनियों में कारोबार प्रभावित होने के साथ दिहाड़ी मजदूर संगठन उद्योगों से जुड़े लोग काफी प्रभावित होते हैं. लगभग हर साल टाटा मोटर्स एक बार प्लांट मेंटेनेंस को लेकर बंद किया जाता है, जिसका असर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों पर सीधा पड़ता है.

ये भी पढ़ें-धोखाधड़ी मामले में कोर्ट में पेश नहीं हुई अभिनेत्री अमीषा पटेल, 8 जुलाई को अगली सुनवाई

एक अनुमान के मुताबिक टाटा मोटर्स में बंदी होने से औद्योगिक क्षेत्र में तकरीबन 15 करोड़ों का कारोबार प्रभावित होता हैं. हालांकि मार्च में महज 15 दिन कार्य हुए थे, जिसके बाद टाटा मोटर्स प्लांट मेंटेनेंस के लिए बंद कर दिया गया था. एक बार फिर उत्पादन कम होने से क्लोजर के कयास लगाए जा रहे हैं.

अन्य वैकल्पिक बाजार खोजे जा रहे
क्लोजर के संबंध में आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदर अग्रवाल का कहना है कि अब आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों ने टाटा मोटर्स के साथ अन्य वैकल्पिक बाजार खोज लिए हैं. नतीजतन अब इस क्लोजर का असर देखने को नहीं मिलता. इनकी मानें तो जिस प्रकार टाटा मोटर्स प्लांट बंद कर रख रखाव कार्य करती है. ठीक उसी तरह इस समय औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों में मेंटेनेंस कार्य किए जाते हैं.

वहीं, कुछ उद्यमी मानते हैं कि इस क्लोजर का एक अच्छा खासा प्रभाव कंपनियों पर पड़ता है. उद्यमी गंगा प्रसाद शर्मा की मानें तो टाटा मोटर्स पर आधारित उद्योग खासकर ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनियों पर क्लोजर सबसे अधिक प्रभावित करती है. क्लोजर में मजदूरों के अलावा उद्यमी उद्योग और उद्योगों से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोग काफी प्रभावित होते हैं. इनका कहना है कि अन्य राज्यों में उद्योगों के साथ ही यह स्थिति नहीं है और इस मुद्दे पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.

टाटा मोटर्स में क्लोजर एक सामान्य प्रक्रिया मानी जाती है. वहीं, इसका प्रभाव छोटे कंपनियों पर काफी देखने को मिलता है.

सरायकेला: जिले की औद्योगिक क्षेत्र की अधिकतर कंपनियां टाटा मोटर्स पर निर्भर है. टाटा मोटर्स में 2 महीने बाद फिर एक बार उत्पादन में गिरावट आई है, जिससे कंपनी ब्लॉक क्लोजर के कयास लगाए जा रहे हैं. इधर टाटा मोटर्स के क्लोजर होने पर औद्योगिक क्षेत्र के विभिन्न कंपनियों में इसका सीधा असर देखने को मिलता है.

देखें पूरी खबर

कंपनियों में कारोबार प्रभावित
जमशेदपुर के टाटा मोटर्स प्लांट में जब-जब उत्पादन घटता है, तब-तब कंपनी ब्लॉक क्लोजर की घोषणा करती हैं. जिसके बाद आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के तकरीबन 600 से भी अधिक कंपनियों में इसका सीधा असर देखने को मिलता है. इस क्लोजर में 600 से भी अधिक कंपनियों में कारोबार प्रभावित होने के साथ दिहाड़ी मजदूर संगठन उद्योगों से जुड़े लोग काफी प्रभावित होते हैं. लगभग हर साल टाटा मोटर्स एक बार प्लांट मेंटेनेंस को लेकर बंद किया जाता है, जिसका असर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों पर सीधा पड़ता है.

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एक अनुमान के मुताबिक टाटा मोटर्स में बंदी होने से औद्योगिक क्षेत्र में तकरीबन 15 करोड़ों का कारोबार प्रभावित होता हैं. हालांकि मार्च में महज 15 दिन कार्य हुए थे, जिसके बाद टाटा मोटर्स प्लांट मेंटेनेंस के लिए बंद कर दिया गया था. एक बार फिर उत्पादन कम होने से क्लोजर के कयास लगाए जा रहे हैं.

अन्य वैकल्पिक बाजार खोजे जा रहे
क्लोजर के संबंध में आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदर अग्रवाल का कहना है कि अब आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों ने टाटा मोटर्स के साथ अन्य वैकल्पिक बाजार खोज लिए हैं. नतीजतन अब इस क्लोजर का असर देखने को नहीं मिलता. इनकी मानें तो जिस प्रकार टाटा मोटर्स प्लांट बंद कर रख रखाव कार्य करती है. ठीक उसी तरह इस समय औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों में मेंटेनेंस कार्य किए जाते हैं.

वहीं, कुछ उद्यमी मानते हैं कि इस क्लोजर का एक अच्छा खासा प्रभाव कंपनियों पर पड़ता है. उद्यमी गंगा प्रसाद शर्मा की मानें तो टाटा मोटर्स पर आधारित उद्योग खासकर ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनियों पर क्लोजर सबसे अधिक प्रभावित करती है. क्लोजर में मजदूरों के अलावा उद्यमी उद्योग और उद्योगों से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोग काफी प्रभावित होते हैं. इनका कहना है कि अन्य राज्यों में उद्योगों के साथ ही यह स्थिति नहीं है और इस मुद्दे पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.

टाटा मोटर्स में क्लोजर एक सामान्य प्रक्रिया मानी जाती है. वहीं, इसका प्रभाव छोटे कंपनियों पर काफी देखने को मिलता है.

Intro:टाटा मोटर्स में उत्पादन फिर घटा ,हो सकता है ब्लॉक क्लोजर छोटे उद्योग होंगे प्रभावित ।


सरायकेला जिले की औद्योगिक क्षेत्र की अधिकतर कंपनियां टाटा मोटर्स पर निर्भर है टाटा मोटर्स में 2 माह बाद फिर एक बार उत्पादन में गिरावट आई है जिससे कंपनी ब्लॉक क्लोजर के कयास लगाए जा रहे हैं इधर टाटा मोटर्स के क्लोजर होने पर औद्योगिक क्षेत्र के विभिन्न कंपनियों में इसका सीधा असर देखने को मिलता है।


Body:जमशेदपुर के टाटा मोटर्स प्लांट जब-जब उत्पादन घटता है तब-तब कंपनी ब्लॉक क्लोजर की घोषणा करती हैं। जिसके बाद .आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के तकरीबन 600 से भी अधिक कंपनियों में इसका सीधा असर देखने को मिलता है. इस क्लोजर में 600 से भी अधिक कंपनियों में कारोबार प्रभावित होने के साथ दिहाड़ी मजदूर संगठन उद्योगों से जुड़े लोग काफी प्रभावित होते हैं. लगभग प्रतिवर्ष टाटा मोटर्स साल में एक बार प्लांट मेंटिनेस को लेकर बंद किया जाता है, जिसका असर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों पर सीधा पड़ता है.

एक अनुमान के मुताबिक टाटा मोटर्स में बंदी होने से औद्योगिक क्षेत्र में तकरीबन 15 करोड़ों का कारोबार प्रभावित होता हैं. हालांकि मार्च में महज 15 दिन कार्य हुए थे जिसके बाद टाटा मोटर्स प्लांट मेंटेनेंस के लिए बंद कर दिया था। मैं एक बार फिर उत्पादन कम होने से क्लोजर के कयास लगाए जा रहे हैं।


क्लोजर के संबंध में आदित्यपुर स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष इंदर अग्रवाल का कहना है कि अब आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों ने टाटा मोटर्स के साथ अन्य वैकल्पिक बाजार खोज लिए हैं. नतीजतन अब इस क्लोजर का असर देखने को नहीं मिलता, इनकी माने जिस प्रकार टाटा मोटर्स प्लांट बंद कर रख रखाव कार्य करती है. ठीक उसी तरह इस समय औद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों में मेंटेनेंस कार्य किए जाते हैं.

तो वहीं कुछ उद्यमी मानते हैं कि इस क्लोजर का एक अच्छा खासा प्रभाव कंपनियों पर पड़ता है उद्यमी गंगा प्रसाद शर्मा की मानें तो टाटा मोटर्स पर आधारित उद्योग खासकर ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनियों को क्लोजर सबसे अधिक प्रभावित करती है .क्लोजर में मजदूरों के अलावा उद्यमी उद्योग और उद्योगों से अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोग काफी प्रभावित होते हैं इनका कहना है कि अन्य राज्यों में उद्योगों के साथ ही यह स्थिति नहीं है और इस मुद्दे पर सरकार को ध्यान देना चाहिए.

टाटा मोटर्स मैं क्लोजर एक सामान्य प्रक्रिया मनी जाती है वही इसका प्रभाव छोटे कंपनियों पर काफी देखने को मिलता है.


बाइट - इंदर अग्रवाल , अध्यक्ष , एशिया.

बाइट- गंगा शर्मा , .उद्यमी.


Conclusion:
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