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स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना पहले फेज में खर्च होंगे 2580 करोड़, 73 हजार कृषि भूमि की होगी सिंचाई

सरायकेला में स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के तहत प्रथम चरण में 7 कार्यों पर 2580 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. प्रथम फेज में चांडिल डैम से निकलने वाले मुख्य नहर और उससे जुड़े सभी सब कैनाल, वाटर कोर्स का बचा हुआ कार्य पूरा किया जाएगा.

swarnarekha multipurpose project first phase cost in seraikela
सुवर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना
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Published : Mar 26, 2021, 10:35 AM IST

सरायकेला: स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के तहत जल्द ही प्रथम चरण में 7 कार्यों पर 2580 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. पहले फेज का काम पूरा होने से 17,000 हेक्टेयर से ज्यादा तकरीबन 73 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई 2023 तक की जाएगी.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- सरायकेला: स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना, 12 पुनर्वास क्षेत्र दौरे के बाद विभाग हटाएगा अतिक्रमण


आरएल पॉलिसी के तहत मुआवजा
वर्तमान में स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना से कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिले में 55,000 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होती है. प्रथम फेज में चांडिल डैम से निकलने वाले मुख्य नहर और उससे जुड़े सभी सब कैनाल, वाटर कोर्स का बचा हुआ कार्य पूरा किया जाएगा. इसके अलावा गालूडीह बराज से निकलने वाले मुख्य नहर और उससे जुड़े शाखा कैनाल का कार्य होगा. चांडिल डैम का स्टोरेज 181 से बढ़कर 185 आरएम मीटर किया जाएगा. वहीं आरएल पॉलिसी के तहत जमीन दाताओं को भूमि का मुआवजा प्राप्त होगा.



डिस्ट्रीब्यूशन के बचे हुए कार्य को किया जाएगा पूरा
ईचा डैम जल संचयन के बांध का निर्माण किया जाएगा, जिससे 213 मीटर तक पानी का संचय हो सकेगा. इसके साथ ही पाइप लाइन बिछाकर खेतों में पानी पहुंचाई जाएगी. खरकई बराज का बांध और बचा हुआ कार्य पूरा किया जाएगा. खरकई दाईं मुख्य नहर में 30 किलोमीटर और बाईं मुख्य नहर में ढाई किलो मीटर तक डिस्ट्रीब्यूशन का बचा कार्य पूर्ण होगा.

44 वर्षों से अधूरी है परियोजना
स्वर्ण रेखा बहुउद्देशीय परियोजना का कार्य 44 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. परियोजना पूरा करने के लिए 3 पेज में कार्य चिंहित किए गए हैं झारखंड सरकार ने कैबिनेट से 12849.46 करोड़ रुपये खर्च करने की प्रशासनिक स्वीकृति भी प्रदान की है.

सरायकेला: स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना के तहत जल्द ही प्रथम चरण में 7 कार्यों पर 2580 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. पहले फेज का काम पूरा होने से 17,000 हेक्टेयर से ज्यादा तकरीबन 73 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई 2023 तक की जाएगी.

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आरएल पॉलिसी के तहत मुआवजा
वर्तमान में स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना से कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिले में 55,000 हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होती है. प्रथम फेज में चांडिल डैम से निकलने वाले मुख्य नहर और उससे जुड़े सभी सब कैनाल, वाटर कोर्स का बचा हुआ कार्य पूरा किया जाएगा. इसके अलावा गालूडीह बराज से निकलने वाले मुख्य नहर और उससे जुड़े शाखा कैनाल का कार्य होगा. चांडिल डैम का स्टोरेज 181 से बढ़कर 185 आरएम मीटर किया जाएगा. वहीं आरएल पॉलिसी के तहत जमीन दाताओं को भूमि का मुआवजा प्राप्त होगा.



डिस्ट्रीब्यूशन के बचे हुए कार्य को किया जाएगा पूरा
ईचा डैम जल संचयन के बांध का निर्माण किया जाएगा, जिससे 213 मीटर तक पानी का संचय हो सकेगा. इसके साथ ही पाइप लाइन बिछाकर खेतों में पानी पहुंचाई जाएगी. खरकई बराज का बांध और बचा हुआ कार्य पूरा किया जाएगा. खरकई दाईं मुख्य नहर में 30 किलोमीटर और बाईं मुख्य नहर में ढाई किलो मीटर तक डिस्ट्रीब्यूशन का बचा कार्य पूर्ण होगा.

44 वर्षों से अधूरी है परियोजना
स्वर्ण रेखा बहुउद्देशीय परियोजना का कार्य 44 वर्षों से अधूरा पड़ा हुआ है. परियोजना पूरा करने के लिए 3 पेज में कार्य चिंहित किए गए हैं झारखंड सरकार ने कैबिनेट से 12849.46 करोड़ रुपये खर्च करने की प्रशासनिक स्वीकृति भी प्रदान की है.

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