सरायकेला: झारखंड का सरायकेला खरसांवा जिला कलानगरी के रूप में विख्यात हैं छऊ, नृत्य -संगीत, मुखौटा निर्माण के लिए जिला मशहूर रहा है. लेकिन इसी कलानगरी के एक 6 साल के मासूम बच्चे (Six Year Old Jagarnath Mahto of Saraikela) ने अपनी प्रतिभा का ऐसा जौहर दिखाया है कि आज पूरा राज्य उसका लोहा मान रहा है. सरायकेला के संजय ग्राम स्थित प्राथमिक विद्यालय कक्षा 1 के छात्र जगन्नाथ महतो की प्रतिभा जो भी देखता है हैरान रह जाता है.
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जगन्नाथ देखने में तो एक सामान्य बच्चा लगता है लेकिन इसकी प्रतिभा ऐसी है जिसकी चर्चाएं आज चारों तरफ हैं. इस 6 साल के बच्चे को संविधान की प्रस्तावना कंठस्थ है(Memorize Preamble of Constitution perfectly). जगन्नाथ रोजाना स्कूल में अपने कक्षा के सहपाठियों को संविधान प्रस्तावना का पाठ पढ़ाता है, संविधान दिवस पर सरकारी कार्यालय, संस्थानों ,स्कूल, कॉलेजों में प्रस्तावना पढ़ा जाता है लोग प्रस्तावना की कॉपी हाथ में लिए उसे निहारते हैं लेकिन इस 6 साल के बच्चे को यह पूरा कंठस्थ है. यह रोजाना अपने सहपाठियों को भी प्रस्तावना याद करवाता है. जगन्नाथ के इस प्रतिभा से जिला प्रशासन, जिला शिक्षा विभाग भी प्रभावित है.
जगन्नाथ के प्रतिभा के कायल हुए थे शिक्षा सचिव: 6 साल के जगन्नाथ महतो की प्रतिभा के कायल उस वक्त झारखंड सरकार के शिक्षा सचिव के रवि कुमार हो गए थे, जब औचक निरीक्षण के दौरान जिले के विद्यालयों का निरीक्षण करने पहुंचे थे. इसी क्रम में संजय ग्राम स्थित प्राथमिक विद्यालय पहुंचने पर शिक्षा सचिव ने देखा कि 6 साल का बच्चा प्रस्तावना धारा प्रवाह पढ़ रहा है, इसे वे भी देख हुए दंग रह गए थे. शिक्षा सचिव के निर्देश पर राज्य स्तरीय टीम ने विगत दिनों जगन्नाथ के इस प्रतिभा का मूल्यांकन कर इस पर एक वृत्तचित्र भी बनाया. जिसे आगे राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित किया जाएगा.
जिला उपायुक्त भी गौरवान्वित कर रहे महसूस: जगन्नाथ महतो के इस प्रतिभा के कायल जिला उपायुक्त अरवा राजकमल भी हैं. उपायुक्त ने जगन्नाथ पर बनाए गए वृत्तचित्र को अपने टि्वटर हैंडल, फेसबुक अकाउंट पर पोस्ट करते हुए गौरवान्वित महसूस किया है. उपायुक्त अरवा राजकमल बताते हैं कि पूरे संविधान का आईना प्रस्तावना है जिसे जगन्नाथ बखूबी पढ़ लेता है उपायुक्त ने जगन्नाथ के शिक्षक, अभिभावक के प्रति आभार व्यक्त किया है.
तीन कमरे का प्राथमिक विद्यालय मॉडल स्कूल से कम नहीं: जगन्नाथ महतो का प्राथमिक विद्यालय भले ही 3 कमरे में संचालित होता है. जहां एक कमरे में कक्षा 1,2 का संचालन होता है वहीं, दूसरे कमरे में कक्षा 3 4 और 5 की पढ़ाई होती है. बावजूद इसके स्कूल के नियम किसी मॉडल स्कूल से कम नहीं है. यहां बच्चों को साफ-सफाई रखने, समय से मध्यान भोजन उपलब्ध कराने, पीने के लिए सुरक्षित पानी, शहरी कोलाहल से दूर शांत वातावरण प्राप्त होता है. सीमित संसाधन होने के बावजूद स्कूल प्रबंधन समिति और प्राध्यापकों के प्रयास से स्कूल की व्यवस्था किसी मॉडल स्कूल से कम नहीं है.