सरायकेला: जिले के चर्चित 111 सेव लाइफ अस्पताल के प्रबंधक को अस्पताल की जांच करने गई टीम से अभद्रता, स्वास्थ्य मंत्री को चुनौती देना और अपशब्द कहना भारी पड़ सकता है. इस मामले में एसपी के निर्देश पर आरआईटी थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई थी. अब उनकी जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है. इसको लेकर जिला प्रशासन गोपनीय तैयारी में जुटा है.
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इससे पहले बीते शनिवार को अस्पताल प्रबंधक डॉ. ओपी आनंद पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के मौखिक आदेश पर जांच को पहुंचे प्रभारी सिविल सर्जन और दो अन्य पदाधिकारियों को अपेक्षित सहयोग करने और उनके साथ बदसलूकी करने का आरोप लगा था. इतना ही नहीं, डॉक्टर ओपी आनंद की ओर से मीडिया के सामने स्वास्थ्य मंत्री और जांच अधिकारियों के खिलाफ गैर जिम्मेदाराना बातें कहने और अपशब्दों का प्रयोग करने का मामला भी चर्चित हुआ था. इस मामले पर संज्ञान लेते हुए जिले के एसपी के निर्देश पर आरआईटी थाने में कांड संख्या 68/ 21 के तहत धारा 341, 323, 340, 304, 506 और 188 के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है. सभी धाराएं गैर जमानती हैं. उन्हें 48 घंटों के भीतर जवाब देने को कहा गया था. वहीं सिविल सर्जन ने भी मामले को लेकर डीसी को पत्र लिखा था.
डॉक्टर आनंद ने मांगी थी माफी, फिर नया विवाद
इधर सोमवार को डॉक्टर आनंद ने वीडियो जारी कर अपने बयान पर माफी मांगी थी. हालांकि जांच अधिकारियों पर जबरन परेशान करने का भी आरोप लगाया था. लेकिन मंगलवार को जिले के उपायुक्त के नाम एक सूचना अपने अस्पताल के गेट पर चस्पा कर एक नए विवाद को जन्म दे दिया. इस सूचना में उन्होंने जिले के उपायुक्त से अस्पताल में इलाजरत मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट करने की बात कही थी. साथ ही नए मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया था.
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एडीसी ने की अस्पताल की जांच
इधर, बुधवार को सिविल सर्जन के पत्र के आलोक में एडीसी सुबोध कुमार की अगुवाई में आठ सदस्यीय जांच टीम सरायकेला-खरसावां के आदित्यपुर स्थित 111 सेव लाइव अस्पताल पहुंची. टीम ने यहां जांच की. इस दौरान मंगलवार को जिले के उपायुक्त से इलाजरत मरीजों को अन्यत्र शिफ्ट किए जाने की सूचना चस्पा किए जाने के सवाल पर एडीसी ने कहा कि उन्हें जिस संबंध में जांच की जिम्मेदारी दी गई है, उसी विषय पर सवाल किया जाए. फिलहाल जांच टीम को 72 घंटों में रिपोर्ट सौंपनी है.
जल्द हो सकती है डॉक्टर की गिरफ्तारी
बता दें कि अब तक डॉक्टर ओपी आनंद की गिरफ्तारी नहीं हुई है, जबकि उन पर लगी सभी धाराएं गैर जमानती हैं. इधर, कोरोना काल को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी गोपनीय से कार्रवाई की तैयारी में जुटा हुआ है.