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सरायकेला: रूंगटा कंपनी की जनसुनवाई में नहीं पहुंचे ग्रामीण, कार्यक्रम करना पड़ा स्थगित - सरायकेला में लोक सुनवाई कार्यक्रम स्थगित

सरायकेला में रूंगटा कंपनी के प्रस्ताव पर रैयती भूमि अधिग्रहण को लेकर जनसुनवाई आयोजित की गई. इस सुनवाई में गांव के लोग नहीं पहुंचे, जिससे कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा. इसके साथ ही प्रभावित गांव के कुछ ग्रामीणों ने कर्यक्रम स्थल से दूसरे जगह पर जनसुनवाई का विरोध किया.

Public hearing program postponed in seraikela
विरोध कर रहे ग्रामीण
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Published : Oct 17, 2020, 2:58 PM IST

सरायकेला: मेसर्स रूंगटा माइंस लिमिटेड के प्रस्ताव पर जिला प्रशासन की ओर से शुक्रवार को मध्य विद्यालय चालियामा में रैयती भूमि अधिग्रहण को लेकर जनसुनवाई आयोजित की गई. इस सुनवाई में रैयती भूमि अर्जन से संबंधित ग्रामसभा में प्रभावित गांव के लोग नहीं पहुंचे. जिससे कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया.

मेसर्स रूंगटा माइंस लिमिटेड के प्रस्ताव पर चालियामा स्थित स्टील प्लांट के विस्तारीकरण के लिए ग्राम चालियामा में 41.58 एकड़ और बांकसाई में 17.49 एकड़ रैयती भूमि के भूमि अर्जन के लिए जनसुनवाई और ग्रामसभा बुलाई गई थी, जिसमें जिले के डीडीसी प्रवीण गागराई, अनुमंडलाधिकारी रामकृष्ण कुमार, भूमि सुधार उप समाहर्ता सरोज लकड़ा, सीओ निवेदिता नियति, थाना प्रभारी शम्भू शरण दास समेत जिला एवं स्थानीय प्रशासन पहुंचे थे.

ये भी पढ़े- केंद्र पर बरसे हेमंत, कहा- निकाल लिए पैसे, अब लोन का दबाव मंजूर नहीं, पीएम से होगी बात

वहीं, कंपनी प्रबंधन की तरफ से एबीपी वीके सिंह समेत प्रबंधन के लोग उपस्थित थे, लेकिन घंटों इंतजार करने के बाद प्रभावित गांव से ग्रामीण सुनवाई में नहीं आए, जिससे आखिरकार कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा. बिना सुनवाई और ग्रामसभा के ही अफसरों और कंपनी प्रबंधन को वापस जाना पड़ा.

ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
प्रभावित गांव के कुछ ग्रामीणों ने कर्यक्रम स्थल से दूसरे जगह पर जनसुनवाई और ग्रामसभा का विरोध किया. हाथों में तख्तियां लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध किए. ग्रामीणों का कहना था कि वे अपना जमीन देना नहीं चाहते हैं. इस दौरान विरोध स्थल पर आकर कंपनी प्रबंधन और जिला प्रशासन ने रैतदारों को समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने.

सरायकेला: मेसर्स रूंगटा माइंस लिमिटेड के प्रस्ताव पर जिला प्रशासन की ओर से शुक्रवार को मध्य विद्यालय चालियामा में रैयती भूमि अधिग्रहण को लेकर जनसुनवाई आयोजित की गई. इस सुनवाई में रैयती भूमि अर्जन से संबंधित ग्रामसभा में प्रभावित गांव के लोग नहीं पहुंचे. जिससे कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया.

मेसर्स रूंगटा माइंस लिमिटेड के प्रस्ताव पर चालियामा स्थित स्टील प्लांट के विस्तारीकरण के लिए ग्राम चालियामा में 41.58 एकड़ और बांकसाई में 17.49 एकड़ रैयती भूमि के भूमि अर्जन के लिए जनसुनवाई और ग्रामसभा बुलाई गई थी, जिसमें जिले के डीडीसी प्रवीण गागराई, अनुमंडलाधिकारी रामकृष्ण कुमार, भूमि सुधार उप समाहर्ता सरोज लकड़ा, सीओ निवेदिता नियति, थाना प्रभारी शम्भू शरण दास समेत जिला एवं स्थानीय प्रशासन पहुंचे थे.

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वहीं, कंपनी प्रबंधन की तरफ से एबीपी वीके सिंह समेत प्रबंधन के लोग उपस्थित थे, लेकिन घंटों इंतजार करने के बाद प्रभावित गांव से ग्रामीण सुनवाई में नहीं आए, जिससे आखिरकार कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा. बिना सुनवाई और ग्रामसभा के ही अफसरों और कंपनी प्रबंधन को वापस जाना पड़ा.

ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन
प्रभावित गांव के कुछ ग्रामीणों ने कर्यक्रम स्थल से दूसरे जगह पर जनसुनवाई और ग्रामसभा का विरोध किया. हाथों में तख्तियां लिए भूमि अधिग्रहण का विरोध किए. ग्रामीणों का कहना था कि वे अपना जमीन देना नहीं चाहते हैं. इस दौरान विरोध स्थल पर आकर कंपनी प्रबंधन और जिला प्रशासन ने रैतदारों को समझाने बुझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण नहीं माने.

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