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सरायकेला: इस सरकारी स्कूल में लॉकडाउन में चल रहे हैं डिजिटल क्लास, गरीब छात्रों को हो रहा फायदा - Principal Sandhya conducted online class for students

सरायकेला में न्यू कॉलोनी उच्च विद्यालय की प्राचार्य संध्या प्रधान ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए, जिला प्रशासन से अनुमति प्राप्त किए जाने के बाद ऑनलाइन क्लास का संचालन किया. जिससे गरीब बच्चों को काफी फायदा हो रहा है.

डिजिटल क्लास
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Published : May 18, 2020, 7:46 PM IST

सरायकेला: सरकारी स्कूल हमेशा शिक्षकों की कमी और लचर व्यवस्था जैसे मुद्दों से जुझते देखा जाता है. वहीं दूसरी ओर न्यू कॉलोनी उच्च विद्यालय ऐसे सरकारी स्कूलों के लिए एक मिसाल बनकर सामने आ रहा है. जहां संसाधनों के अभाव के बावजूद दृढ़ इच्छाशक्ति से यह सरकारी स्कूल आज कई मायनों में निजी स्कूलों को पीछे छोड़ रहा है और यह सब संभव हो पा रहा है, न्यू कॉलोनी हाई स्कूल की प्राचार्य संध्या प्रधान के कारण. जिन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए, जिला प्रशासन से अनुमति प्राप्त किए जाने के बाद डिजिटल ऑनलाइन क्लास का संचालन किया. जिससे गरीब बच्चों को काफी फायदा हो रहा है और उनकी पढ़ाई भी प्रभावित नहीं हो रही है.

देखें पूरी खबर
व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर शुरू की पढ़ाई कोविड-19 के जारी सबसे पहले लॉकडाउन में ही राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने स्कूली छात्रों को उनके घरों तक चावल उपलब्ध कराए जाने की योजना की शुरुआत की थी. स्कूल की प्राचार्य संध्या प्रधान ने इस मौके का फायदा उठाते हुए स्कूली बच्चों को चावल बांटने के दौरान ही उनके अभिभावकों के व्हाट्सएप नंबर जुगाड़ किए. जिसके बाद सभी अलग-अलग कक्षाओं के लिए इन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया. जहां सबसे पहले इन्होंने राज्य से प्राप्त कंटेंट को व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर करना शुरू किया और ग्रुप में ही सवाल जवाब की भी प्रक्रिया शुरु हो गयी. बिना मोबाइल वाले छात्रों के लिए शुरू किया स्कूल में ऑनलाइन डिजिटल क्लासइस बीच अधिकांश वैसे भी छात्र मिले जिनके परिजनों के पास मोबाइल नहीं थे और यदि किन्ही परिजन के पास मोबाइल थे भी तो उनमें इंटरनेट पैक डलवाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. इस समस्या का हल ढूंढते हुए स्कूल प्राचार्य संध्या प्रधान ने प्रशासन की अनुमति से स्कूल में ही कक्षा नौवीं और दसवीं के छात्रों के लिए विशेष डिजिटल क्लास रूम की व्यवस्था की. जहां सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए हफ्ते में तीन दिनों तक पढ़ाई शुरू की गई, प्राचार्य संध्या प्रधान ने शिक्षा विभाग से प्राप्त शिक्षण कॉन्टेंट को ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल क्लास में छात्रों को विशेष कक्षाएं चलाकर इसका लाभ दिलवाया.

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निजी सॉफ्टवेयर कंपनी ने डिजाइन किया ऑनलाइन कोर्स सिलेबस
स्कूल में ऑनलाइन डिजिटल क्लासरूम के माध्यम से नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्र छात्राओं को पढ़ाने के उद्देश्य से स्कूल प्राचार्य ने निजी आईटी कंपनी के सहयोग से उनके सॉफ्टवेयर में अपने कोर्स के किताबों को अपलोड करवाया, जिसके बाद डिजिटल क्लासरूम में पढ़ाई शुरू की गई जबकि जिन बच्चों के पास मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा मौजूद है उनके लिए स्कूल के बने व्हाट्सएप ग्रुप में भी यह पाठ्यक्रम के कंटेंट अपलोड किए गए जिसके बाद घर बैठे भी स्कूल के छात्र आसानी से शिक्षा प्राप्त करने लगे हैं।

सप्ताह के अंत में होता है टेस्ट
ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने के बाद स्कूल आने वाले छात्रों के लिए सप्ताह के अंतिम दिन शनिवार को टेस्ट लिया जाता है। जबकि घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए भी टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जो कि स्कूली बच्चों के अभिभावकों द्वारा लिया जाता है, ऐसे में यह साफ होता है कि क्लासरूम के बजाय घर बैठे भी ऑनलाइन पढ़ने वाले छात्र कोर्स को कितने अच्छे से समझ पा रहे हैं।
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छात्रों ने कहा डिजिटल क्लासरूम में पढ़ाई में लग रहा मन
लॉकडाउन होने के कारण स्कूल बंद होने से स्कूली बच्चे अपने घरों में रहने को विवश हैं. ऐसे में स्कूल की प्राचार्य ने जब ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की तो बिना मोबाइल वाले छात्रों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था, जिसके बाद स्कूल प्राचार्य संध्या प्रधान ने अपने स्तर और प्रयास से यह नायाब तरीका ढूंढ निकाला, और डिजीटल क्लासरूम का संचालन किया.

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व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर शुरू की पढ़ाई कोविड-19 के जारी सबसे पहले लॉकडाउन में ही राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने स्कूली छात्रों को उनके घरों तक चावल उपलब्ध कराए जाने की योजना की शुरुआत की थी. स्कूल की प्राचार्य संध्या प्रधान ने इस मौके का फायदा उठाते हुए स्कूली बच्चों को चावल बांटने के दौरान ही उनके अभिभावकों के व्हाट्सएप नंबर जुगाड़ किए. जिसके बाद सभी अलग-अलग कक्षाओं के लिए इन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप बनाया. जहां सबसे पहले इन्होंने राज्य से प्राप्त कंटेंट को व्हाट्सएप ग्रुप में शेयर करना शुरू किया और ग्रुप में ही सवाल जवाब की भी प्रक्रिया शुरु हो गयी. बिना मोबाइल वाले छात्रों के लिए शुरू किया स्कूल में ऑनलाइन डिजिटल क्लासइस बीच अधिकांश वैसे भी छात्र मिले जिनके परिजनों के पास मोबाइल नहीं थे और यदि किन्ही परिजन के पास मोबाइल थे भी तो उनमें इंटरनेट पैक डलवाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. इस समस्या का हल ढूंढते हुए स्कूल प्राचार्य संध्या प्रधान ने प्रशासन की अनुमति से स्कूल में ही कक्षा नौवीं और दसवीं के छात्रों के लिए विशेष डिजिटल क्लास रूम की व्यवस्था की. जहां सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए हफ्ते में तीन दिनों तक पढ़ाई शुरू की गई, प्राचार्य संध्या प्रधान ने शिक्षा विभाग से प्राप्त शिक्षण कॉन्टेंट को ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल क्लास में छात्रों को विशेष कक्षाएं चलाकर इसका लाभ दिलवाया.

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स्कूल में ऑनलाइन डिजिटल क्लासरूम के माध्यम से नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्र छात्राओं को पढ़ाने के उद्देश्य से स्कूल प्राचार्य ने निजी आईटी कंपनी के सहयोग से उनके सॉफ्टवेयर में अपने कोर्स के किताबों को अपलोड करवाया, जिसके बाद डिजिटल क्लासरूम में पढ़ाई शुरू की गई जबकि जिन बच्चों के पास मोबाइल और इंटरनेट की सुविधा मौजूद है उनके लिए स्कूल के बने व्हाट्सएप ग्रुप में भी यह पाठ्यक्रम के कंटेंट अपलोड किए गए जिसके बाद घर बैठे भी स्कूल के छात्र आसानी से शिक्षा प्राप्त करने लगे हैं।

सप्ताह के अंत में होता है टेस्ट
ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने के बाद स्कूल आने वाले छात्रों के लिए सप्ताह के अंतिम दिन शनिवार को टेस्ट लिया जाता है। जबकि घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए भी टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जो कि स्कूली बच्चों के अभिभावकों द्वारा लिया जाता है, ऐसे में यह साफ होता है कि क्लासरूम के बजाय घर बैठे भी ऑनलाइन पढ़ने वाले छात्र कोर्स को कितने अच्छे से समझ पा रहे हैं।
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लॉकडाउन होने के कारण स्कूल बंद होने से स्कूली बच्चे अपने घरों में रहने को विवश हैं. ऐसे में स्कूल की प्राचार्य ने जब ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की तो बिना मोबाइल वाले छात्रों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था, जिसके बाद स्कूल प्राचार्य संध्या प्रधान ने अपने स्तर और प्रयास से यह नायाब तरीका ढूंढ निकाला, और डिजीटल क्लासरूम का संचालन किया.

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