खूंटी: रनिया के तांबा स्थित एसपीजी मध्य विद्यालय में कार्यरत शिक्षक फ्रांसिस तोपनो के निधन के बाद भी उनकी सैलरी बनती रही. उनकी सैलरी को निकाला भी जाता रहा. इस मामले का जब खुलासा हुआ तो हड़कंप मच गया. इस रिपोर्ट में जानिए कैसे इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था.
फ्रांसिस तोपनो का निधन 28 फरवरी 2020 में हुआ था और उनके निधन के बाद वर्ष 2011 से 2021 तक वेतन मद का 54 लाख 22 हजार रुपये का भुगतान किया गया. इससे पहले भी विभाग से वेतन फिक्सेशन हुए बिना ही तीन लाख 38 हजार रुपये का भुगतान किया गया था. मामले में तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधीक्षक अपरूपा पॉल चौधरी और लिपिक चक्रधारी बड़ाइक के संलिप्त होने की बात सामने आयी है. दिलीप मिश्रा ने आरोप लगाया कि दो साल तक शिक्षक फ्रांसिस तोपनो अनुपस्थित थे. उपस्थिति पंजी में स्कूल के सचिव ने उनकी उपस्थित कॉलम को काट भी दिया है, उन्होंने कोई मेडिकल सर्टिफिकेट भी जमा नहीं किया था. इस दौरान उनकी मृत्यु 28 फरवरी 2020 को हो गयी. लेकिन उनके निधन के बाद वर्ष 2011 से 2021 तक का वेतन मद का 54 लाख 22 हजार रुपये का भुगतान किया गया.
इस घटना को लेकर खूंटी डीसी लोकेश मिश्रा ने कहा कि सूत्रों के हवाले से शिकायतें आई थी, जो वेतन निकासी से संबंध थी. इस को लेकर एक जांच कमेटी बनाई गई है जिसकी रिपोर्ट भी सामने आई है. डीसी ने कहा जांच रिपोर्ट में कई अधिकारियों की संलिप्ता होने की बात सामने आई है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए उच्च शिक्षा विभाग को सूचना दे दी गई है.
इस मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने विभागीय संबंधित अधिकारी डीईओ कार्यालय पहुंचा, जहां पर वह मौजूद नहीं थे. जब उन्हें फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. इसके बाद जब लिपिक चक्रधारी बड़ाइक से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि स्कूल के सचिव द्वारा जो रिपोर्ट दी गई थी उसके अनुसार कागजी प्रक्रिया की गई. उसके बाद लिपिक ने ज्यादा जानकारी नहीं होने की बात कही है.
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