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'आम बजट से छोटे उद्यमियों को मिली निराशा, औद्योगिक मंदी से जूझ रहे छोटे उद्योगों के लिए बजट कुछ भी नहीं रहा खास' - Small Industries Association

आम बजट के पेश होने के बाद लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. इस बार बजट में कई नई घोषणाएं की गई है. इसे लेकर जिले के उद्यमी का कहना है कि वे काफी निराश हैं उनका कहना है कि इस बजट से उन्हें काफी उम्मीदें थी, लेकिन आम बजट में उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है.

People's reaction to budget in Seraikela
बजट पर लोगों की प्रतिक्रिया
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Published : Feb 1, 2020, 11:00 PM IST

सरायकेलाः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का आम बजट पेश किया, जिसमें कई नई घोषणाओं को शुमार किया गया है. बजट पर जिले के उद्यमियों का कहना है कि एक ओर जहां वित्त मंत्री ने नए उद्योगों को विशेष पैकेज देने की घोषणा की तो, वहीं पुराने और मंदी से जूझ रहे उद्योगों के लिए कोई नई योजना या घोषणा बजट में शामिल नहीं की गई है, जिससे छोटे और मध्यम दर्जे के उद्यमियों को निराशा हाथ लगी है.

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जिले में औद्योगिक क्षेत्र स्थित स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और स्थानीय उद्यमी संतोष खेतान ने आम बजट को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आम बजट से छोटे और पुराने उद्योगों को कोई फायदा नहीं होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि बजट में छोटे और मध्यम दर्जे के उद्योगों को राहत प्रदान नहीं की गई है. जबकि ऑटोमोबाइल सेक्टर में छाई मंदी को लेकर भी बजट में कोई खास घोषणा नहीं हुई है. उद्यमी इस बजट से काफी आशा लगाए बैठे थे, लेकिन उनका कहना है कि छोटे उद्योगों को आम बजट में पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है.

वहीं, औद्योगिक क्षेत्र के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल ने आम बजट को ओवरऑल फिट बताया है. उन्होंने कहा कि बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव किए गए हैं, जो कि फायदेमंद है. उन्होंने कहा कि 15 लाख रुपए आय वाले लोगों को फायदा मिलेगा, जबकि आम बजट में इनकम टैक्स स्लैब का फायदा पुराने और नए विकल्प दोनों तरीके से मिलेगा. वहीं, पुराने विकल्प में 87 ए का फायदा लिया जा सकता है. वहीं,

उद्यमियों के लिए भी उन्होंने बजट को हितकारी बताया. उन्होंने कहा कि 5 करोड़ सालाना टर्नओवर वाले कंपनियों का ऑडिट नहीं होगा, जबकि 5 करोड़ से ऊपर टर्न ओवर वाले कंपनियों का ऑडिट किया जाएगा. चार्टर्ड अकाउंटेंट के मुताबिक अब लोगों को खुलकर नियम अनुसार काम करने में काफी सहूलियत प्रदान होगी.

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राष्ट्रीय लघु उद्योगों की संस्था लघु उद्योग भारती के सदस्य और उद्यमी संजय शर्मा ने बजट को संतोषजनक बताया है. उन्होंने कहा कि नए उद्योगों के लिए बजट में काफी कुछ प्रावधान तय किए गए हैं. हालांकि सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग के लिए बजट में कुछ खास प्रावधान नहीं तय किए गए हैं. जबकि छोटे उद्यमी बजट से पूर्व सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे थे जिन्हें थोड़ी निराशा जरूर हाथ लगी है.

स्थानीय उद्यमी और पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा ने बजट को लोकलुभावन करार दिया है. उन्होंने कहा कि बजट में स्मॉल इंडस्ट्रीज की अवहेलना की गई है, जबकि छोटे उद्योग देश के जीडीपी में 60% भागीदारी तय करते हैं. लघु उद्योगों को बजट में कुछ खास हासिल नहीं हुआ है. वहीं, एससी और ओबीसी जाति के विकास को लेकर 85 हजार करोड़ आवंटित किए जाने को भी उन्होंने ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन करार दिया. कुल मिलाकर छोटे और मध्यम दर्जे के उद्यमियों ने बजट को औसत से भी कम करार दिया है, तो वहीं वित्तीय जानकार इसे बेहतर बता रहे हैं.

सरायकेलाः केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का आम बजट पेश किया, जिसमें कई नई घोषणाओं को शुमार किया गया है. बजट पर जिले के उद्यमियों का कहना है कि एक ओर जहां वित्त मंत्री ने नए उद्योगों को विशेष पैकेज देने की घोषणा की तो, वहीं पुराने और मंदी से जूझ रहे उद्योगों के लिए कोई नई योजना या घोषणा बजट में शामिल नहीं की गई है, जिससे छोटे और मध्यम दर्जे के उद्यमियों को निराशा हाथ लगी है.

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जिले में औद्योगिक क्षेत्र स्थित स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और स्थानीय उद्यमी संतोष खेतान ने आम बजट को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आम बजट से छोटे और पुराने उद्योगों को कोई फायदा नहीं होने जा रहा है. उन्होंने कहा कि बजट में छोटे और मध्यम दर्जे के उद्योगों को राहत प्रदान नहीं की गई है. जबकि ऑटोमोबाइल सेक्टर में छाई मंदी को लेकर भी बजट में कोई खास घोषणा नहीं हुई है. उद्यमी इस बजट से काफी आशा लगाए बैठे थे, लेकिन उनका कहना है कि छोटे उद्योगों को आम बजट में पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है.

वहीं, औद्योगिक क्षेत्र के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल ने आम बजट को ओवरऑल फिट बताया है. उन्होंने कहा कि बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव किए गए हैं, जो कि फायदेमंद है. उन्होंने कहा कि 15 लाख रुपए आय वाले लोगों को फायदा मिलेगा, जबकि आम बजट में इनकम टैक्स स्लैब का फायदा पुराने और नए विकल्प दोनों तरीके से मिलेगा. वहीं, पुराने विकल्प में 87 ए का फायदा लिया जा सकता है. वहीं,

उद्यमियों के लिए भी उन्होंने बजट को हितकारी बताया. उन्होंने कहा कि 5 करोड़ सालाना टर्नओवर वाले कंपनियों का ऑडिट नहीं होगा, जबकि 5 करोड़ से ऊपर टर्न ओवर वाले कंपनियों का ऑडिट किया जाएगा. चार्टर्ड अकाउंटेंट के मुताबिक अब लोगों को खुलकर नियम अनुसार काम करने में काफी सहूलियत प्रदान होगी.

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राष्ट्रीय लघु उद्योगों की संस्था लघु उद्योग भारती के सदस्य और उद्यमी संजय शर्मा ने बजट को संतोषजनक बताया है. उन्होंने कहा कि नए उद्योगों के लिए बजट में काफी कुछ प्रावधान तय किए गए हैं. हालांकि सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग के लिए बजट में कुछ खास प्रावधान नहीं तय किए गए हैं. जबकि छोटे उद्यमी बजट से पूर्व सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे थे जिन्हें थोड़ी निराशा जरूर हाथ लगी है.

स्थानीय उद्यमी और पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा ने बजट को लोकलुभावन करार दिया है. उन्होंने कहा कि बजट में स्मॉल इंडस्ट्रीज की अवहेलना की गई है, जबकि छोटे उद्योग देश के जीडीपी में 60% भागीदारी तय करते हैं. लघु उद्योगों को बजट में कुछ खास हासिल नहीं हुआ है. वहीं, एससी और ओबीसी जाति के विकास को लेकर 85 हजार करोड़ आवंटित किए जाने को भी उन्होंने ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन करार दिया. कुल मिलाकर छोटे और मध्यम दर्जे के उद्यमियों ने बजट को औसत से भी कम करार दिया है, तो वहीं वित्तीय जानकार इसे बेहतर बता रहे हैं.

Intro:केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज देश का आम बजट पेश किया, जिसमें कई नए घोषणाओं को शुमार किया गया है। एक ओर जहां वित्त मंत्री ने नए उद्योगों को विशेष पैकेज देने की घोषणा की तो, वही पुराने और मंदी से जूझ रहे उद्योगों के लिए कोई नई योजना या घोषणा बजट में शामिल नहीं की गई है, जिससे छोटे और मध्यम दर्जे के उद्यमियों को निराशा हाथ लगी है


Body:1 - सरायकेला औद्योगिक क्षेत्र स्थित है स्माल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और स्थानीय उद्यमी संतोष खेतान ने आम बजट को लेकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आम बजट से छोटे और पुराने उद्योगों को कोई फायदा नहीं होने जा रहा है, छोटे और मध्यम दर्जे के उद्योगों को राहत प्रदान नहीं की गई है ।जबकि ऑटोमोबाइल सेक्टर में छाई मंदी को लेकर भी बजट में कोई खास घोषणा नहीं की गई, जबकि उद्यमी इस बजट से काफी आशा लगाए बैठे थे, इन्होंने कहा कि छोटे उद्योगों को आम बजट में पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया है।

2- वहीं औद्योगिक क्षेत्र के चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश अग्रवाल ने आम बजट को ओवरऑल फिट बताया है ।इन्होंने कहा कि बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव किए गए हैं, जो कि फायदेमंद है 15 लाख आय वाले लोगों को फायदा मिलेगा, जबकि आम बजट में इनकम टैक्स स्लैब का फायदा पुराने और नए विकल्प दोनों तरीके से मिलेगा, वही पुराने विकल्प में 87 ए का फायदा लिया जा सकता है ,वही उद्यमियों के लिए भी उन्होंने बजट को हितकारी बताया उन्होंने कहा कि 5करोड़ सालाना टर्नओवर वाले कंपनियों का ऑडिट नहीं होगा, जबकि 5 करोड़ से ऊपर टर्न ओवर वाले कंपनियों का ऑडिट किया जाएगा। चार्टर्ड अकाउंटेंट के मुताबिक अब लोगों को खुलकर नियम अनुसार काम करने में काफी सहूलियत प्रदान होगी।

3- राष्ट्रीय लघु उद्योगों की संस्था लघु उद्योग भारती के सदस्य और उद्यमी संजय शर्मा ने बजट को संतोषजनक बताया है। इन्होंने कहा कि नए उद्योगों के लिए बजट में काफी कुछ प्रावधान तय किए गए हैं, हालांकि सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्योग के लिए बजट में कुछ खास प्रावधान नहीं तय किए गए हैं। जबकि छोटे उद्यमी बजट से पूर्व सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे थे जिन्हें थोड़ी निराशा जरूर हाथ लगी है।


4- स्थानीय उद्यमी और पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष गंगा प्रसाद शर्मा ने बजट को लोकलुभावन करार दिया है । इन्होंने कहा कि बजट में स्माल इंडस्ट्रीज की अवहेलना की गई है, जबकि छोटे उद्योग देश के जीडीपी में 60% भागीदारी तय करते हैं ।लघु उद्योगों को बजट में कुछ खास हासिल नहीं हुआ है ,वही एससी और ओबीसी जाति के विकास को लेकर 85 हजार करोड़ आवंटित किए जाने को भी इन्होंने ऊंट के मुंह में जीरा का फोरन करार दिया ,जबकि एनपीए हो रहे उद्योगों को बजट में नजरअंदाज करने से छोटे उद्यमी निराशा में है।



Conclusion:कुल मिलाकर छोटे और मध्यम दर्जे के उद्यमियों ने बजट को औसत से भी कम करार दिया है, तो वहीं वित्तीय जानकार इसे बेहतर बता रहे हैं।


बाइट 1 - संतोष खेतान ,उपाध्यक्ष, उद्यमी संगठन एशिया

बाइट 2 - राजेश अग्रवाल, चार्टर्ड अकाउंटेंट

बाइट 3- संजय शर्मा , लघु उद्योग भारती सदस्य

बाइक 4- गंगा प्रसाद शर्मा , कार्यकारी अध्यक्ष, पिछड़ा वर्ग मोर्चा
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