खूंटी: जिले में जाम से लोग परेशान हैं. वहीं इस करहाते जाम और बाइपास के निर्माण के मुद्दे को लेकर राजनीति चरम पर है. गठबंधन सरकार के विधायक राम सूर्या मुंडा जहां विरोध में दिखाई दे रहे हैं तो सांसद कालीचरण मुंडा के अलग ही बोल हैं. खूंटी में प्रस्तावित बाइपास सड़क का निर्माण लोकसभा चुनाव से पहले से मुद्दा बना हुआ है जो मुद्दा ही बनकर रह गया है. इस काम को अमलीजामा पहनाने वाला कोई जनप्रतिनिधि नजर नही आ रहा है. सांसद कालीचरण मुंडा एक पत्र लेकर उपलब्धियां बटोरने में लगे हैं तो पूर्व सांसद अर्जुन मुंडा शहरवासियों को गुमराह करना बता रहे हैं.
लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले 10 मार्च को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और खूंटी के पूर्व सांसद अर्जुन मुंडा ने 2500 करोड़ की लागत से दो सड़कों का शिलान्यास किया था. शिलान्यास किये जाने के बाद से ही राजनीति शुरू हो गयी.
लोकसभा चुनाव में बाइपास सड़क निर्माण का मुद्दा चरम पर रहा और चुनावी रण में कांग्रेस के कालीचरण मुंडा जीत गए. सांसद बनते ही कालीचरण मुंडा ने 30 जुलाई 2024 को संसद में बाइपास सड़क की मांग की और खूंटी के लिए महत्वपूर्ण योजना बताई. संसद में बाइपास की मांग पर उन्हें कुछ दिनों बाद एक रिप्लाई आया, जिसमें लिखा है कि बाइपास की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है. अब इसी पत्र का हवाला देकर सांसद कालीचरण मुंडा उपलब्धियां बटोर रहे हैं
वहीं पूर्व सांसद अर्जुन मुंडा ने कहा कि योजना पूर्व में ही स्वीकृत हो चुकी थी. वर्तमान सांसद शहरवासियों को गुमराह कर रहे हैं. पूर्व सांसद अर्जुन मुंडा के प्रतिनिधि मनोज कुमार ने कहा कि सांसद इसे राजनीतिक मुद्दा बना रहे हैं. मनोज कुमार ने कहा कि गजट प्रकाशित होने बाद भी भूमि अधिग्रहण नहीं होना सरकार और जिला प्रशासन की लापरवाही है. खूंटी के वर्तमान जनप्रतिनिधि जनता को गुमराह कर रहे हैं. इस योजना को अपने नाम करवाने में लगे हुए हैं. मनोज कुमार ने कहा कि वह खुद ही इसका दोबारा शिलान्यास कर लें लेकिन पहले काम तो शुरू कराएं, वर्तमान में उनकी ही सरकार है.
खूंटी में बाइपास निर्माण का विगत दिनों, विधायक राम सूर्या मुंडा विरोध कर चुके हैं. उनका कहना है कि बाइपास बनने से यहां के किसानो की जमीन चली जाएगी, जबकि सांसद कालीचरण मुंडा उनके दिए बयान पर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं. सांसद का कहना है कि विधायक ने क्या कहा यह आप लोग जानिए.
सांसद कालीचरण मुंडा ने ईटीवी भारत को दिए बयान में कहा कि संसद में बाइपास की मांग की जा चुकी है और उन्हें इसका से जवाब भी मिला है. पूर्व में किये गए शिलान्यास पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि बिना स्वीकृति और बगैर टेंडर और भूमि अधिग्रहण किए ही शिलान्यास करना गलत है. कहीं ऐसा होता है क्या? सांसद ने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है कि टेंडर होने के बाद शिलान्यास होता है और उसके बाद काम शुरू होता है लेकिन यहां ऐसा हुआ नहीं. नए वर्ष से काम शुरू होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आप तो पानी पीने जैसा बात करते है, सरकारी काम है कोई खेल बात है क्या, बातचीत करेंगे और काम की शुरुआत करवाएंगे.
यह भी पढ़ें: