सरायकेलाः कोराना काल में लोग इस घातक संक्रमण से बचाव को लेकर कई नए प्रयास कर रहे हैं. हर कोई अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्युनिटी बढ़ाने के जद्दोजहद में लगा है, ताकि इस घातक संक्रमण और वायरस के खतरे से बचे रहें. ऐसे में योग और प्राणायाम कोरोना के संक्रमण से बचाव में काफी हद तक मददगार साबित हो रहा है. शहर हो या गांव हर ओर लोग योग से जुड़ रहे हैं और अपने आप को सुरक्षित कर रहे हैं. इसके साथ ही अपने स्वास्थ्य की भी रक्षा कर रहे हैं.
कोरोना काल में लोगों का योग की ओर बढ़ा रुझान
कोविड-19 संकटकाल में लोगों का रुझान योग की तरफ बढ़ा है. शहरी क्षेत्र में जहां योग सेंटर लॉकडाउन के कारण बंद रह रहे हैं. वहीं इन क्षेत्रों में चलने वाले योग सेंटर द्वारा लोगों को योग के प्रति जागरूकता लाने और स्वास्थ्य बेहतर बनाने के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योगा सेंटरों में ऑनलाइन क्लास कई दिनों से चल रहे हैं. ऑनलाइन ग्रुप एप्लीकेशन के द्वारा योग गुरु प्रतिदिन सुबह तय समय से लोगों को घर बैठे ही ऑनलाइन योग के गुर बता रहे हैं. सरायकेला जिले के नगर निगम क्षेत्र में संचालित एक योग, जुंबा और फिटनेस सेंटर में ट्रेनर के रूप में लोगों को ऑनलाइन ट्रेनिंग दे रहे.
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योग प्रशिक्षक वशिष्ठ नारायण पात्रा बताते हैं कि जिन लोगों ने पहले कभी योग नहीं किया है और वे अपने इम्यूनिटी पावर बढ़ाने के उद्देश्य से योग में जोड़ रहे हैं तो वैसे लोगों को हल्के फुल्के सरल आसन और प्राणायाम से शुरुआत करना चाहिए और जिन लोगों ने लगातार योग किया है वह योग प्रक्रिया में निरंतर रहे. योग ट्रेनर वशिष्ठ नारायण पात्रा के अनुसार प्रतिदिन खासकर सुबह के समय कुछ देर सरल और सीधे योगासन जरूर करना चाहिए ताकि शरीर लचीला बना रहे और स्फूर्ति भी दिन भर कायम रहे.
शहरों में ऑनलाइन ग्रुप में घर बैठे लोग सीखा है योगासन
शहरी क्षेत्र में संचालित योगा क्लास ट्रेनिंग सेंटर द्वारा कोरोना के इस काल में ऑनलाइन योग क्लास का संचालन किए जाने का फायदा लोगों को मिल रहा है. लोग अपने-अपने घरों में ऑनलाइन रहकर पूरे परिवार के साथ योगासन सीख कर स्वास्थ्य की रक्षा कर रहे हैं. अमूमन योगा सेंटर में एक व्यक्ति ही योग सीख सकता है, लेकिन ऑनलाइन क्लास चलने से लोग पूरे परिवार के साथ बैठकर योग के गुर सीख रहे हैं.
मनोदशा बदलने में सहायक है योग
लगातार लॉक डाउन होने के कारण लोग घर में ही रह रहे थे. ऐसे में लोगों में चिड़चिड़ापन और आलस्य बना रहता है, लेकिन ऑनलाइन योगा क्लास संचालित होने का फायदा लोगों को काफी हद तक मिला है. योगा ट्रेनिंग के संचालक ओम प्रकाश बताते हैं कि लॉकडाउन से पहले इनके ट्रेनिंग सेंटर में सुबह-शाम मिलाकर 6 से भी अधिक बैच चलते थे, लेकिन लॉकडाउन के कारण लगातार तीन महीने तक ट्रेनिंग सेंटर बंद रहा. ऐसे में इन्होंने ऑनलाइन लोगों को घर बैठे ही योग सिखाने का सोचा और प्रतिदिन अपने योग ट्रेनर के माध्यम से योगा ट्रेनिंग सेंटर से जुड़े लोगों को अब योग सिखा रहे हैं. हालांकि उन्होंने बताया कि 3 महीने से सेंटर बंद रहने के कारण आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है. ऐसे में सरकार को जिम, योगा सेंटर खोले जाने संबंधित निर्णय लेने चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार लॉकडाउन के बाद सभी दुकानें और प्रतिष्ठान खुल गए हैं. वैसे इन हेल्थ सेंटरों को भी खोला जाना चाहिए ताकि बेहतर तरीके से लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल हो. योगा ट्रेनर और संचालक का कहना है कि यह सरकार द्वारा सभी मापदों को अपनाकर सोशल डिस्टेंस के साथ ट्रेनिंग सेंटर खोलना चाहते हैं.
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ग्रामीण क्षेत्र में भी योग बना सहारा
शहरी क्षेत्र में जहां लोग ऑनलाइन होकर योग के गुर सीख रहे हैं तो, वहीं ग्रामीण क्षेत्र में सीमित संसाधन होने के कारण लोग सोशल डिस्टेंस अपनाते हुए योग से जुड़कर अपने रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा रहे हैं. लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद होने से स्कूली बच्चे भी योग से काफी प्रभावित हो रहे और योग से भी जुड़ रहे हैं. जिले के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत जुलुमताड़ गांव में संचालित संस्कार योगा के संचालक और योग गुरु दिग्विजय भारत ने बताया कि कोरोना के इस काल में लोगों में योग के प्रति एक जागरूकता आई है छोटे स्कूली बच्चे भी अब योग अपनाकर निरोग रहने की जानकारियां प्राप्त कर रहे हैं.
योग है हेल्थ इंश्योरेंस
योग गुरु दिग्विजय भारत के मुताबिक जिस प्रकार अपने शरीर की रक्षा के लिए लोग हेल्थ इंश्योरेंस कराते हैं ठीक उसी तरह योग भी एक हेल्थ इंश्योरेंस ही है बशर्ते इसमें पैसे नहीं चुकाने पड़ते. उन्होंने बताया कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा है, लेकिन इनके मुताबिक योग दिवस केवल योग दिवस के रूप में ही नहीं मनाना चाहिए. प्रयास करना चाहिए कि साल के 365 दिन भी योग दिवस के समान हो. योग गुरु दिग्विजय भारत बताते हैं कि 24 घंटे के 1 दिन में कम से कम आधा से एक घंटा अपने शरीर को योग के साथ समर्पित करना चाहिए ताकि निरोग काया मिले. शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए योग के कई प्राणायाम प्रचलित हैं, जिनमें मुख्य रूप से कुछ इस प्रकार से हैं. जिनसे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार एक पूर्ण व्यायाम है, इससे शरीर के सभी अंग प्रत्यंग बलिष्ठ और निरोग होते हैं, इस योगासन से उदर, आमाशय अनाशय और फेफड़ों को काफी फायदा मिलता है, इससे मेरुदंड और कमर लचीला बनता है और शरीर में आए विकृति को यह दूर करता है, इससे संपूर्ण शरीर में रक्त संचार को सुचारू रूप से चलने में सहायता प्रदान होती है. सूर्य नमस्कार से हाथ पैर भुजा जांघ आदि मांसपेशियां पुष्ट और सुंदर बनती है, साथ ही इससे मानसिक शांति और ओज तथा तेज की वृद्धि होती है वहीं मधुमेह के लिए भी यह योगासन काफी उपयोगी है.
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शीर्षासन
इस आसन को आसनों का राजा कहते हैं, इससे मस्तिष्क को शुद्ध रक्त मिलता है, जिससे आंख, कान, नाक आदि आरोग्य होते हैं
मयूरासन
इस आसन से यकृत यानी लीवर, गुर्दे, अग्नाशय और आमाशय को लाभ मिलता है और सबसे महत्वपूर्ण है कि इस आसन से कब्जियत यानी गैस की समस्या दूर होती है. इसके अलावाः कपालभाति और अनुलोम-विलोम भी इम्युनिटी पावर बढ़ाने में काफी सहायक है. योगासन के साथ-साथ संतुलित भोजन करना भी काफी लाभकारी है. शुद्ध और ताजा भोजन लेना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. मांसाहार से परहेज करना बेहतर होता है, लेकिन इसके विकल्प के तौर पर सोया आदि को लिया जा सकता है. कोरोना वायरस से बचने के लिए योग के साथ-साथ विटामिन सी से भरपूर सामग्रियों का प्रयोग करना चाहिए जिनमें नींबू, संतरा और आंवला प्रमुख रूप से लेना चाहिए. इसके अलावा तुलसी, गिलोय और काली मिर्च का काढ़ा बनाकर दिन में तीन से चार बार लेने से शरीर की इम्युनिटी मजबूत होती है. कोरोना के इस संकटकाल से पहले जहां लोग प्रकृति, पर्यावरण और योग से कोसों दूर भाग रहे थे. वहीं अब इस वायरस के संकट काल में लोग वापस इन चीजों के पास लौटने लगे हैं, कोरोना काल में जहां लोग सावधानियां बरतकर इस के बीच जीने की कला सीख रहे हैं. वहीं योगासन के गुण और इससे होने वाले लाभ के प्रति लोगों में एक विशेष रूचि भी जगी है. जिसका नतीजा है कि लोग अब अपने इम्यूनिटी को बढ़ाने निरोग रहने योग को अपना रहे हैं.