सरायकेला: ऑल इंडिया सेव एजुकेशन कमिटी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया है. कमेटी का मानना है कि जब सारा देश कोविड-19 के कारण अप्रत्याशित चुनौतियों के बोझ तले दबा हुआ है, उस वक्त कैबिनेट की ओर से एनईपी-2020 को पारित किया गया, जो गलत है.
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विरोध में मंगलवार को ऑल इंडिया सेव एजुकेशन कमिटी ने राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद दिवस मनाया. इस क्रम में सरायकेला में जुलूस निकाला गया और नई नीति के खिलाफ विरोध जताया गया. इस दौरान कमेटी के सदस्यों ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षा के संपूर्ण निजीकरण-व्यापारीकरण, सांप्रदायिकरण और फासीवादी केंद्रीकरण का ब्लूप्रिंट है, जिसके खिलाफ शिक्षाविदों और देश की शिक्षा प्रेमियों की ओर से पहले से ही व्यापक स्तर पर कड़ी आलोचना की जाती रही है, इसके बावजूद एकतरफा मंजूरी दे दी गई है.
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सरकार की ओर से इस नीति को एक ऐतिहासिक कदम के रूप में पेश किया जा रहा है. वह असल में, शिक्षा के हर स्तर पर भयानक हमला है. एनईपी 2020 शिक्षा का पूरा निजीकरण, व्यापारीकरण और सांप्रदायिकरण करने की ओर एक बहुत बड़ा कदम है. यह हमारे देश में रही सही वैज्ञानिक, जनवादी और धर्मनिरपेक्ष शिक्षा के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी.
ऑल इंडिया सेव एजुकेशन कमेटी की ओर से आकाशवाणी चौक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की प्रतियां जलाकर विरोध-प्रदर्शन किया गया. इस कार्यक्रम में लिली दास ने प्रतियां जला विरोध दर्ज किया. अमन सिंह ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विस्तारपूर्वक वक्तव्य रखा. कार्यक्रम का संचालन विष्णु देव गिरी ने किया.