सरायकेला: जिले के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में 'मशीन विजन 2020' का आयोजन किया जा रहा है. इसके तहत आयोजित कार्यशाला की ओर से आभासी प्रणाली में मानव जीवन को प्रभावित करने वाले यंत्रों के संचालन और टेक्नोलॉजी के विकास पर भविष्य को देखते हुए रिसर्च किए जाएंगे.
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मशीनों को दी जा सकेगी इंसानी समझ
आभासी प्रणाली को विकसित करते हुए अब भविष्य में मनुष्य की हृदय गति को मापने के लिए नई तकनीक की जांच की जा सकेगी. इस प्रक्रिया के तहत रोगी के शरीर के संपर्क में बिना आए ही हृदय गति को मापना संभव हो पाएगा. ऐसे में मशीनों को इंसानी सूझ-बूझ दी जा सकेगी. एनआईटी कॉलेज में आयोजित कार्यशाला मशीन विजन में देश-विदेश के तकनीकी जानकार, विशेषज्ञ शामिल होकर अपने व्याख्यान को प्रस्तुत कर रहे हैं. इससे इन विषयों के शोध को भविष्य में इंसानों के सुरक्षा के तौर पर प्रयोग में लाया जा सकेगा.
नई तकनीक से भविष्य में कैंसर का इलाज हो सकेगा सस्ता
वर्तमान समय में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए जो थेरेपी प्रयोग में लाई जा रही है, वो महंगे होने के साथ ही आम इंसान की पहुंच से बाहर होती है. मशीन विजन कार्यशाला के तहत कैंसर इलाज को सस्ता सुलभ और एडवांस बनाए जाने के कई पहलुओं पर विशेषज्ञों ने अपनी-अपनी राय दी. इसके तहत कीमोथेरेपी जैसी प्रक्रिया को एडवांस कैमरे से जोड़कर कैंसर सेल के पता लगाने के साथ-साथ इलाज किए जाने की प्रक्रिया को भी सुलभ बनाया जा सकता है.
भविष्य में छाती के एक्स-रे से भी कोरोना मरीज की हो सकेगी पहचान
संक्रमण दौर के बाद स्थिति सामान्य होने पर भी कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां अब इंसान की मौजूदगी या प्रवेश शायद संभव नहीं हो पाएगा. ऐसे में तकनीक को विकसित किया जाना बेहद जरूरी है. भविष्य में ऐसी भी मशीन बनाए जा सकती हैं, जो कोरोना से खतरनाक बीमारी से ग्रसित लोगों के चेस्ट x-ray से ये पता लगा सकेगी कि वो शख्स संक्रमित है या नहीं. ऐसे में तकनीक का मशीनों के साथ एडवांस होना जरूरी है.
भविष्य में इंसान के शरीर में चिप स्थापित कर होगा इलाज
एडवांस मशीन का प्रयोग कर मेडिकल क्षेत्र में भी अब रोजाना कई नए प्रयोग किए जा रहे हैं. मेडिकल साइंस की दुनिया में इसे लेकर कई आविष्कार भी किए जा रहे हैं. डॉक्टर भी मानते हैं कि निकट भविष्य में इंसानों के शरीर में इलेक्ट्रॉनिक चिप स्थापित कर पूरे शरीर की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा सकेगी. मसलन, हार्टबीट, ग्लूकोस लेवल, ब्लड प्रेशर समेत अन्य प्रक्रियाएं. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि मशीनों को एडवांस बनाकर मानव जीवन की जटिलताओं को तो कम किया ही जा सकता है.