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सरायकेला में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम का आयोजन, 2025 तक पशु रोगों पर होगा नियंत्रण

सरायकेला में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस कार्यक्रम के तहत पशुओं में बीमारियों का नियंत्रण और मवेशियों की सेहत में सुधार करना है.

national animal disease control program organized in seraikela
राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम का आयोजन
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Published : Nov 24, 2020, 5:37 PM IST

सरायकेला: राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्रखंड मुख्यालय सभागार में एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण का उद्घाटन बीडीओ ठाकुर गौरी शंकर शर्मा ने किया. इस कार्यक्रम के तहत साल 2025 तक पशु रोगों पर नियंत्रण करना है.

जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीडीओ ठाकुर गौरी शंकर शर्मा ने कहा कि पशुओं में बीमारियों के नियंत्रण और उन्मूलन के लिए यह कार्यक्रम सबसे अधिक लाभदायी साबित होगा. पशुओं में फैल रही रोगों के उन्मूलन के लिए प्रधानमंत्री का प्रयास किसानों के लिए वरदान साबित होगा. उन्होंने कहा कि इस योजना का लक्ष्य करोड़ों किसानों को आर्थिक फायदा पहुंचाना और मवेशियों की सेहत में सुधार करना है. इस कार्यक्रम के तहत साल 2025 तक पशु रोगों पर नियंत्रण करना है. जबकि 2030 तक इस रोग का उन्मूलन करना है.

ये भी पढ़े- रांची में सड़क निर्माण में अनियमितता पर भड़की मेयर, गुणवत्ता सुधार नहीं होने पर कर्रवाई की दी चेतावनी

इस अवसर पर जिला नोडल पदाधिकारी डॉ. आनंद कुमार आनंदमय ने कहा कि यह योजना पशुओं में होने वाली मुहंपका, खुरपका, ब्रुसेलोसिस और माल्टा ज्वर जैसे रोगों के निदान के लिए है. यह कार्यक्रम किसान-आय को दोगुना करने की दिशा में एक कदम है. पशुओं में होने वाले विभिन्न प्रकार के रोग के कारण उनकी उत्पादन क्षमता दुष्प्रभावित होती है. खुरपका, मुंहपका रोग गाय, भैंस, बकरी, सूअर इत्यादि में होने वाला एक संकामक रोग है. यह खुरपका मुंहपका रोग विषाणु जनित रोग है जो पशुओं में तेजी से फैलता है. इस रोग के कारण पशु ज्वर से पीड़ित हो जाते हैं.

सरायकेला: राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत प्रखंड मुख्यालय सभागार में एक दिवसीय जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. प्रशिक्षण का उद्घाटन बीडीओ ठाकुर गौरी शंकर शर्मा ने किया. इस कार्यक्रम के तहत साल 2025 तक पशु रोगों पर नियंत्रण करना है.

जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीडीओ ठाकुर गौरी शंकर शर्मा ने कहा कि पशुओं में बीमारियों के नियंत्रण और उन्मूलन के लिए यह कार्यक्रम सबसे अधिक लाभदायी साबित होगा. पशुओं में फैल रही रोगों के उन्मूलन के लिए प्रधानमंत्री का प्रयास किसानों के लिए वरदान साबित होगा. उन्होंने कहा कि इस योजना का लक्ष्य करोड़ों किसानों को आर्थिक फायदा पहुंचाना और मवेशियों की सेहत में सुधार करना है. इस कार्यक्रम के तहत साल 2025 तक पशु रोगों पर नियंत्रण करना है. जबकि 2030 तक इस रोग का उन्मूलन करना है.

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इस अवसर पर जिला नोडल पदाधिकारी डॉ. आनंद कुमार आनंदमय ने कहा कि यह योजना पशुओं में होने वाली मुहंपका, खुरपका, ब्रुसेलोसिस और माल्टा ज्वर जैसे रोगों के निदान के लिए है. यह कार्यक्रम किसान-आय को दोगुना करने की दिशा में एक कदम है. पशुओं में होने वाले विभिन्न प्रकार के रोग के कारण उनकी उत्पादन क्षमता दुष्प्रभावित होती है. खुरपका, मुंहपका रोग गाय, भैंस, बकरी, सूअर इत्यादि में होने वाला एक संकामक रोग है. यह खुरपका मुंहपका रोग विषाणु जनित रोग है जो पशुओं में तेजी से फैलता है. इस रोग के कारण पशु ज्वर से पीड़ित हो जाते हैं.

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