सरायकेला: जिले के बिरसा मुंडा स्टेडियम में 30 जनवरी को संपन्न हुए मुख्यमंत्री खतियानी जोहार यात्रा के सफल आयोजन पर राज्य के आदिवासी कल्याण एवं परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने तमाम सरायकेला-खरसावां जिलेवासियों के प्रति आभार जताया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यक्रम में शामिल हुए सभी पार्टी कार्यकर्ता और स्थानीय लोगों को मंत्री चंपई सोरेन ने बधाई दी है.
लोकतांत्रिक तरीके से राज्य में लागू होगा 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीतिः खतियानी जोहार यात्रा के सफल आयोजन पर मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है. उन्होंने कहा कि भले ही राज्यपाल द्वारा 1932 आधारित खतियान नीति विधायक को लौटा दिया गया है, लेकिन मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सरकार लोकतांत्रिक तरीके से खतियान आधारित स्थानीय नीति लाएगी.
दिशोम गुरु के संघर्ष से झारखंड राज्य का हुआ गठनः उन्होंने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में लंबी लड़ाई लड़ने के बाद हमें अलग झारखंड राज्य प्राप्त हुआ है. जिस झारखंड आंदोलन को भाजपा ने आतंकवाद और नक्सलवाद की भी संज्ञा दी था, उसी आंदोलन के उपज से दिशोम गुरु ने महाजनी और शोषण प्रथा को दरकिनार करते हुए झारखंड राज्य का निर्माण कराया.
132 खतियान आधारित नीति शहीदों का सपनाःआदिवासी कल्याण एवं परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि 1932 आधारित खतियान नीति शहीदों का सपना है. जिसे सरकार हर हाल में पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि इन तमाम बातों को आज आदिवासी मूलवासियों ने गांठ बांध ली है. जिसका नतीजा रहा कि बिरसा मुंडा स्टेडियम में जोहार यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा.
मुख्यमंत्री ने भी भाषण में स्थानीय नीति का मुद्दा उठाया थाः दरअसल, सरायकेला में खतियानी जोहार यात्रा के दूसरे चरण के कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्यपाल पर निशाना साधते हुए कहा था कि राज्यपाल ने भाजपा के प्रभाव में आकर खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक को लौटाया है. उन्होंने कहा था कि राज्यपाल सरकार के विपरीत चल रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जनसभा में कहा था कि काफी संघर्ष के बाद हमें झारखंड राज्य मिला है. इसके लिए हमारे बुजुर्गों ने लंबी लड़ाई लड़ी थी.