सरायकेला: हार्डकोर नक्सली प्रशांत बोस उर्फ किशन दा की गिरफ्तारी के बाद कांड्रा थाना में दर्ज एक मामले में प्राथमिक अभियुक्त रूपेश सिंह को भी सरायकेला पुलिस ने रामगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है. बताया गया कि प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद रूपेश सिंह का नाम नक्सली गतिविधियों में आया था.
कांड्रा थाना, केस नंबर- 67/21 के तहत आठ महीना पहले का मामला है. सरायकेला पुलिस पिछले एक साल से रूपेश सिंह को गिरफ्तार करने के प्रयास में जुटी थी. रविवार को रामगढ़ से रूपेश सिंह को गिरफ्तार करने के लिए सरायकेला से एक टीम गयी थी. डीएसपी मुख्यालय चंदन वत्स ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है. पुलिस रूपेश सिंह को लेकर कांड्रा पहुंची. बताया गया कि रूपेश सिंह स्वतंत्र पत्रकार के रूप में रामगढ़ क्षेत्र में कार्य करता था. पुलिस ने रविवार की सुबह उसके रामगढ़ स्थित आवास से उसे गिरफ्तार किया है.
बताया जा रहा है कि रूपेश कुमार सिंह को केंद्र सरकार ने पेगासस सूची में रखा था और उसके फोन की निगरानी की गयी थी. परिजनों का कहना है कि सुबह ही झारखंड के सरायकेला-खरसांवा की पुलिस उनके रामगढ़ स्थित घर पर पहुंच गयी थी. जब रूपेश का परिवार सो रहा था तभी उनके घर की तलाशी शुरू हो गई. रविवार की सुबह साढ़े पांच बजे के लगभग काफी संख्या में पुलिस बल स्वतंत्र पत्रकार रुपेश कुमार सिंह के रामगढ़ स्थित मकान पर पहुंचा और सर्च वारंट दिखाकर पूरे घर को एक बजे तक सर्च किया.
सरायकेला-खरसांवा की पुलिस ने सुबह साढ़े पांच बजे से दोपहर एक बजे तक पूरे घर की तलाशी ली. गौरतलब है कि रूपेश कुमार सिंह को केंद्र सरकार ने पेगासस सूची में रखा था और उसके फोन की निगरानी की गयी थी. बताया गया कि टीम का नेतृत्व डीएसपी चंदन कुमार वत्स ने किया. उनके नेतृत्व में रूपेश की गिरफ्तारी की गयी.