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बढ़ते कदमः इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर से बदलेगी दिशा, 400 करोड़ का निवेश-10 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

कोल्हान प्रमंडल के आदित्यपुर में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बन रहा है. पूर्वी भारत की सबसे बड़े निवेश का गेटवे-इलेक्ट्रॉनिक उद्योग का सपना अब साकार हो रहा है. मैन्युफैक्चरिंग हब की दिशा में झारखंड अब अपना पहला कदम बढ़ा चुका है.

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इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर
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Published : Feb 6, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Feb 7, 2021, 5:26 PM IST

सरायकेला: जिला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में पूर्व भारत समेत झारखंड राज्य का पहला इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है. झारखंड सरकार के 1 वर्ष कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर 29 दिसंबर 2020 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का उद्घाटन किया जा चुका है. केंद्र और राज्य सरकार के आर्थिक सहयोग से इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित किया गया है. इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद को बढ़ावा देने और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर आश्रित इस क्षेत्र को इलेक्ट्रॉनिक हब के रूप में विकसित किए जाने को लेकर जिस औद्योगिक परिकल्पना को धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा था अब वह उड़ान भरने को तैयार है.

देखें पूरी खबर
82.49 एकड़ में फैला है इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर, सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूदऔद्योगिक क्षेत्र में देश के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का निर्माण पूरा हो चुका है. इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर का निर्माण करने वाले कंपनी बालाजी इनजी कॉम की ओर से जल्द ही सरकार को पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर हैंड ओवर कर दिया जाएगा. झारखंड में इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को बढ़ावा देने के साथ यहां सैकड़ों मल्टीनेशनल इलेक्ट्रॉनिक कंपनी स्थापित होंगी. इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में एलईडी बल्ब, एलईडी टीवी, स्मार्ट मोबाइल फोन के पार्ट्स, गाड़ियों में लगने वाले इलेक्ट्रॉनिक आइटम, समेत इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के पार्ट तैयार होंगे, जिससे इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को गति मिलेगी. साथ ही रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे.186 करोड़ की परियोजना, 400 करोड़ों का निवेश, 10 हजार को मिलेगा रोजगार इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC) में 49.00 एकड़ में कुल 51 यूनिट्स लगाए जाएंगे. जहां इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित उत्पादक का प्रोडक्शन होगा. झारखंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (जिन्फ्रा) की ओर से औद्योगिक क्षेत्र में विकसित किए गए इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर एक फ्लैगशिप परियोजना है. इस परियोजना की कुल लागत 186 करोड़ है, जिसमें केंद्र सरकार ने 41.4 8 करोड़ और झारखंड औद्योगिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (जियाडा) ने 50 करोड़ की राशि लगाई है, इसके अलावा झारखंड सरकार ने 60 करोड़ का विशेष अनुदान दिया है. आईएमसी में तकरीबन 400 करोड़ का निवेश मल्टीनेशनल कंपनियां करेंगी, जिससे यहां तकरीबन 10 हजार से भी अधिक लोग रोजगार प्राप्त कर सकेंगे.5 मंजिला इमारत में 107 फ्लेटेड फैक्ट्रियां लगेंगी इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर में मुख्य आकर्षण पूर्वी भारत में पहली बार बनी फ्लैट्टेड फैक्ट्रियां हैं, 5 एकड़ में 5 मंजिला भारत में कुल 107 फ्लैट्टेड फैक्ट्रियां यहां स्थापित होंगी. फ्लैट्टेड फैक्ट्रियों का कांसेप्ट है कि इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियां सीधे इन फ्लैट के तौर पर बने कमरों में अपने यूनिट को स्थापित कर सकेंगे, जहां उन्हें सभी तरह की सुविधाएं मुहैया होगी. तकरीबन 15 लाख वर्ग फीट बिल्डअप एरिया में इन फ्लैटेड फैक्ट्रियों का निर्माण कराया गया है, जहां शुरुआती दौर में ₹15 वर्ग फीट के दर से आवंटन किए जाएंगे.
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क्या है इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर?

इसे भी पढ़ें- इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बड़े उद्योग के रूप में होगा स्थापित, 15 रुपये वर्ग फीट पर मिलेंगे प्लॉट



मूलभूत सुविधाएं होगी उपलब्ध

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में एंकर इंडस्ट्री यूनिट स्थापित करने के लिए झारखंड सरकार की ओर से जल्द ही नई पॉलिसी भी बनाई जाएगी. यहां एक नए इलेक्ट्रॉनिक के औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने के लिए सारी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है. पूर्वी भारत समेत झारखंड के पहले इस इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में कुल 51 प्लॉट है जो 1100 से लेकर 2000 वर्ग फीट के तैयार हैं. अब तक प्रोजेक्ट पर कुल 185 करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं, साथ ही यहां सड़क बिजली पानी समेत मूलभूत सुविधाओं भी स्थापित होने वाले उद्योगों को प्रदान किए जाएंगे.

निवेशकों को किया जा रहा आमंत्रित
अब तक ऑटोमोबाइल उद्योग पर आश्रित सरायकेला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र को इलेक्ट्रॉनिक उद्योग के रूप में विकसित किए जाने और इलेक्ट्रॉनिक हब डिवेलप करने को लेकर झारखंड सरकार की ओर से मल्टीनेशनल इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया जा रहा है. डेल, एचपी, लेनेवो जैसे बड़ी कंपनियों को यहां अपने यूनिट स्थापित करने के लिए आमंत्रित किए जाएंगे ताकि इससे जोड़कर अन्य उद्योगों का भी विकास हो सके.

सरायकेला: जिला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में पूर्व भारत समेत झारखंड राज्य का पहला इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनकर पूरी तरह तैयार हो चुका है. झारखंड सरकार के 1 वर्ष कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर 29 दिसंबर 2020 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का उद्घाटन किया जा चुका है. केंद्र और राज्य सरकार के आर्थिक सहयोग से इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर स्थापित किया गया है. इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद को बढ़ावा देने और ऑटोमोबाइल सेक्टर पर आश्रित इस क्षेत्र को इलेक्ट्रॉनिक हब के रूप में विकसित किए जाने को लेकर जिस औद्योगिक परिकल्पना को धरातल पर उतारने का प्रयास किया जा रहा था अब वह उड़ान भरने को तैयार है.

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82.49 एकड़ में फैला है इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर, सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूदऔद्योगिक क्षेत्र में देश के सबसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर का निर्माण पूरा हो चुका है. इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर का निर्माण करने वाले कंपनी बालाजी इनजी कॉम की ओर से जल्द ही सरकार को पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर हैंड ओवर कर दिया जाएगा. झारखंड में इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को बढ़ावा देने के साथ यहां सैकड़ों मल्टीनेशनल इलेक्ट्रॉनिक कंपनी स्थापित होंगी. इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में एलईडी बल्ब, एलईडी टीवी, स्मार्ट मोबाइल फोन के पार्ट्स, गाड़ियों में लगने वाले इलेक्ट्रॉनिक आइटम, समेत इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के पार्ट तैयार होंगे, जिससे इलेक्ट्रॉनिक उद्योग को गति मिलेगी. साथ ही रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे.186 करोड़ की परियोजना, 400 करोड़ों का निवेश, 10 हजार को मिलेगा रोजगार इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC) में 49.00 एकड़ में कुल 51 यूनिट्स लगाए जाएंगे. जहां इलेक्ट्रॉनिक से संबंधित उत्पादक का प्रोडक्शन होगा. झारखंड इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (जिन्फ्रा) की ओर से औद्योगिक क्षेत्र में विकसित किए गए इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर एक फ्लैगशिप परियोजना है. इस परियोजना की कुल लागत 186 करोड़ है, जिसमें केंद्र सरकार ने 41.4 8 करोड़ और झारखंड औद्योगिक क्षेत्रीय विकास प्राधिकार (जियाडा) ने 50 करोड़ की राशि लगाई है, इसके अलावा झारखंड सरकार ने 60 करोड़ का विशेष अनुदान दिया है. आईएमसी में तकरीबन 400 करोड़ का निवेश मल्टीनेशनल कंपनियां करेंगी, जिससे यहां तकरीबन 10 हजार से भी अधिक लोग रोजगार प्राप्त कर सकेंगे.5 मंजिला इमारत में 107 फ्लेटेड फैक्ट्रियां लगेंगी इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर में मुख्य आकर्षण पूर्वी भारत में पहली बार बनी फ्लैट्टेड फैक्ट्रियां हैं, 5 एकड़ में 5 मंजिला भारत में कुल 107 फ्लैट्टेड फैक्ट्रियां यहां स्थापित होंगी. फ्लैट्टेड फैक्ट्रियों का कांसेप्ट है कि इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री से जुड़ी कंपनियां सीधे इन फ्लैट के तौर पर बने कमरों में अपने यूनिट को स्थापित कर सकेंगे, जहां उन्हें सभी तरह की सुविधाएं मुहैया होगी. तकरीबन 15 लाख वर्ग फीट बिल्डअप एरिया में इन फ्लैटेड फैक्ट्रियों का निर्माण कराया गया है, जहां शुरुआती दौर में ₹15 वर्ग फीट के दर से आवंटन किए जाएंगे.
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क्या है इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर?

इसे भी पढ़ें- इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बड़े उद्योग के रूप में होगा स्थापित, 15 रुपये वर्ग फीट पर मिलेंगे प्लॉट



मूलभूत सुविधाएं होगी उपलब्ध

इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में एंकर इंडस्ट्री यूनिट स्थापित करने के लिए झारखंड सरकार की ओर से जल्द ही नई पॉलिसी भी बनाई जाएगी. यहां एक नए इलेक्ट्रॉनिक के औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने के लिए सारी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई है. पूर्वी भारत समेत झारखंड के पहले इस इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर में कुल 51 प्लॉट है जो 1100 से लेकर 2000 वर्ग फीट के तैयार हैं. अब तक प्रोजेक्ट पर कुल 185 करोड़ों रुपए खर्च हो चुके हैं, साथ ही यहां सड़क बिजली पानी समेत मूलभूत सुविधाओं भी स्थापित होने वाले उद्योगों को प्रदान किए जाएंगे.

निवेशकों को किया जा रहा आमंत्रित
अब तक ऑटोमोबाइल उद्योग पर आश्रित सरायकेला के आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र को इलेक्ट्रॉनिक उद्योग के रूप में विकसित किए जाने और इलेक्ट्रॉनिक हब डिवेलप करने को लेकर झारखंड सरकार की ओर से मल्टीनेशनल इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को निवेश के लिए आमंत्रित किया जा रहा है. डेल, एचपी, लेनेवो जैसे बड़ी कंपनियों को यहां अपने यूनिट स्थापित करने के लिए आमंत्रित किए जाएंगे ताकि इससे जोड़कर अन्य उद्योगों का भी विकास हो सके.

Last Updated : Feb 7, 2021, 5:26 PM IST
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