सरायकेला: जमशेदपुर और सरायकेला क्षेत्र में दुर्गा पूजा विसर्जन के बाद नदियों में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. नदियों में विसर्जन के बाद पहले की तुलाना में अधिक कचरा निकल रहा है. जिससे नदियों का जल प्रदूषित हो गया है. इसे लेकर प्रदूषण नियंत्रण पर्षद तीन स्तर में नदियों में व्याप्त प्रदूषण की जांच करेगी.
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से प्राप्त निर्देश के बाद झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, कोल्हान प्रक्षेत्र द्वारा सरायकेला और जमशेदपुर की दो नदियां स्वर्णरेखा और खरकई नदी के जल की तीन स्तर में जांच की जाएगी.
जितेंद्र प्रसाद सिंह ने क्या कहा: प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी जितेंद्र प्रसाद सिंह ने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण पर्षद से प्राप्त आदेश के अनुसार नदियों के पानी की सैंपलिंग विसर्जन से पहले ली गई है. इसके बाद विसर्जन के दिन भी नमूना एकत्र किया गया है. वहीं अब विसर्जन के बाद स्वर्णरेखा और खरकई नदी के पानी की सैंपलिंग की जा रही है. ताकि पता चल सके कि पूजा अवधि के दौरान नदियों के जल की क्या स्थिति थी और पूजा के बाद वर्तमान में जल की क्या स्थिति है. बताया कि इससे नदियों में प्रदूषण स्तर की पूरी जानकारी मिल पाएगी.
कृत्रिम विसर्जन घाट का मिला था आदेश: प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के क्षेत्रीय पदाधिकारी जितेंद्र प्रसाद सिंह द्वारा बताया गया कि केंद्रीय प्रदूषण पर्षद से सभी नगर निगम और नगर निकायों को निर्देशित किया गया था कि वे अपने निकाय क्षेत्र में नदी एवं तालाब के आसपास कृत्रिम या वैकल्पिक विसर्जन घाट का निर्माण करें. जिसमें पूजा आदि की सामग्री को विसर्जित किया जाए. जिससे नदियों में प्रदूषण न हो.