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ऑटोमोबाइल सेक्टर के बाद स्टील उद्योग पर 'आफत', झेल रहे दोहरी मंदी की मार

सरायकेला में ऑटोमोबाइल सेक्टर के बाद स्टील उद्योग भी बंद होने के कगार कर हैं. बिजली की बढ़ी दरों ने उन कंपनियों की परेशानी बढ़ा दी हैं, ऐसा होने पर लगभग तीन हजार से ज्यादा मजदूर बेरोजगार हो जाएंगे.

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Published : Aug 3, 2019, 1:30 PM IST

सरायकेला: जिले का औद्योगिक क्षेत्र इन दिनों दोहरी मंदी की मार झेलने को मजबूर है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगातार छाए मंदी के बाद अब स्टील उत्पादन से जुड़ी कई कंपनियों पर बिजली दर बढ़ोतरी की गाज गिरी है. हाल के दिनों में बिजली के औद्योगिक दर में तकरीबन 30 फीसदी की वृद्धि ने स्टील उत्पादन से जुड़े छोटे उद्यमियों की कमर तोड़ दी है.

देखें स्पेशल स्टोरी

दरअसल, अगस्त महीने से सरायकेला जिले में संचालित तकरीबन दो दर्जन कंपनियां बंद होगी और इन कंपनियों द्वारा किया जा रहा उत्पादन बंद हो जाएगा. औद्योगिक क्षेत्र समेत क्षेत्रों में संचालित 25 कंपनियों द्वारा बेतहाशा बिजली दर में बढ़ोतरी के कारण कंपनी को बंद किए जाने की घोषणा की गई है. जिसके कारण एक बार फिर औद्योगिक व्यवस्था चौपट होने के साथ बेरोजगारी की समस्या भी सामने आएगी.

ये भी पढ़ें- झारखंड कांग्रेस की 'किचकिच' खत्म करने की कवायद, डैमेज कंट्रोल के लिए दिल्ली में हो रही अहम बैठक

तीन हजार मजदूर होंगे प्रभावित
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा महंगे किए गए बिजली के कारण स्टील उद्योग, इंडक्शन फर्नेस, इंसुलेटर उद्योग पूरी तरह बीमार हो गए हैं. एक औद्योगिक मंदी ऊपर से बिजली बढ़ोतरी की दोहरी मार के कारण उद्योग धंधे चलाने में भारी कठिनाई हो रही है. नतीजतन अगस्त माह से लगातार हो रहे बंदी और कंपनियों में लटक रहे ताले के कारण हजारों मजदूर और कामगारों के समक्ष अब रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न होने लगी है. एक अनुमान के मुताबिक दो दर्जन से भी अधिक कंपनियों में तकरीबन तीन हजार मजदूर और कामगार कार्यरत हैं जो एक ही झटके में बेरोजगार हो जाएंगे.

डीवीसी आपूर्ति वाले कंपनियों के हालात हैं बेहतर
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा 30 फीसदी बिजली बढ़ोतरी के कारण उपभोक्ता खासकर उद्योग खासे प्रभावित हो रहे हैं. वहीं इसके ठीक विपरीत दामोदर वैली कॉरपोरेशन के दर में बढ़ोतरी नहीं होने के कारण इससे जुड़े उद्योगों की स्थिति बेहतर है.

ये भी पढ़ें- माओवादी और TPC हो सकते हैं एकजुट, सुरक्षा एजेंसियां हुई अलर्ट

निजी कंपनियों की ओर रुख कर रहे हैं उद्यमी
सरायकेला जिले के औद्योगिक क्षेत्र में झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा बिजली के दरों में बढ़ोतरी के बाद क्षेत्र में प्रभावी टाटा की अनुषंगी इकाई जुस्को के बिजली वितरण व्यवस्था से स्थानीय उद्यमी लगातार जुड़ रहे हैं. इसके पीछे एकमात्र कारण दरों में कमी और बेहतर बिजली आपूर्ति व्यवस्था बताई जा रही है. इधर उद्योगों द्वारा लगातार निजी कंपनियों से बिजली कनेक्शन लेने से झारखंड बिजली विभाग के पदाधिकारी भी खासे चिंतित हैं.

मंदी और बिजली बढ़ोतरी के वृद्धि की मार झेल रहे उद्यमी अब लगातार सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि उन्हें कोई राहत प्रदान किया जाए. ऐसे में समय रहते यदि सरकार नहीं चेती तो आने वाले दिनों में उद्योग-धंधों की स्थिति और बदतर होगी.

सरायकेला: जिले का औद्योगिक क्षेत्र इन दिनों दोहरी मंदी की मार झेलने को मजबूर है. ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगातार छाए मंदी के बाद अब स्टील उत्पादन से जुड़ी कई कंपनियों पर बिजली दर बढ़ोतरी की गाज गिरी है. हाल के दिनों में बिजली के औद्योगिक दर में तकरीबन 30 फीसदी की वृद्धि ने स्टील उत्पादन से जुड़े छोटे उद्यमियों की कमर तोड़ दी है.

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दरअसल, अगस्त महीने से सरायकेला जिले में संचालित तकरीबन दो दर्जन कंपनियां बंद होगी और इन कंपनियों द्वारा किया जा रहा उत्पादन बंद हो जाएगा. औद्योगिक क्षेत्र समेत क्षेत्रों में संचालित 25 कंपनियों द्वारा बेतहाशा बिजली दर में बढ़ोतरी के कारण कंपनी को बंद किए जाने की घोषणा की गई है. जिसके कारण एक बार फिर औद्योगिक व्यवस्था चौपट होने के साथ बेरोजगारी की समस्या भी सामने आएगी.

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तीन हजार मजदूर होंगे प्रभावित
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा महंगे किए गए बिजली के कारण स्टील उद्योग, इंडक्शन फर्नेस, इंसुलेटर उद्योग पूरी तरह बीमार हो गए हैं. एक औद्योगिक मंदी ऊपर से बिजली बढ़ोतरी की दोहरी मार के कारण उद्योग धंधे चलाने में भारी कठिनाई हो रही है. नतीजतन अगस्त माह से लगातार हो रहे बंदी और कंपनियों में लटक रहे ताले के कारण हजारों मजदूर और कामगारों के समक्ष अब रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न होने लगी है. एक अनुमान के मुताबिक दो दर्जन से भी अधिक कंपनियों में तकरीबन तीन हजार मजदूर और कामगार कार्यरत हैं जो एक ही झटके में बेरोजगार हो जाएंगे.

डीवीसी आपूर्ति वाले कंपनियों के हालात हैं बेहतर
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा 30 फीसदी बिजली बढ़ोतरी के कारण उपभोक्ता खासकर उद्योग खासे प्रभावित हो रहे हैं. वहीं इसके ठीक विपरीत दामोदर वैली कॉरपोरेशन के दर में बढ़ोतरी नहीं होने के कारण इससे जुड़े उद्योगों की स्थिति बेहतर है.

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निजी कंपनियों की ओर रुख कर रहे हैं उद्यमी
सरायकेला जिले के औद्योगिक क्षेत्र में झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा बिजली के दरों में बढ़ोतरी के बाद क्षेत्र में प्रभावी टाटा की अनुषंगी इकाई जुस्को के बिजली वितरण व्यवस्था से स्थानीय उद्यमी लगातार जुड़ रहे हैं. इसके पीछे एकमात्र कारण दरों में कमी और बेहतर बिजली आपूर्ति व्यवस्था बताई जा रही है. इधर उद्योगों द्वारा लगातार निजी कंपनियों से बिजली कनेक्शन लेने से झारखंड बिजली विभाग के पदाधिकारी भी खासे चिंतित हैं.

मंदी और बिजली बढ़ोतरी के वृद्धि की मार झेल रहे उद्यमी अब लगातार सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि उन्हें कोई राहत प्रदान किया जाए. ऐसे में समय रहते यदि सरकार नहीं चेती तो आने वाले दिनों में उद्योग-धंधों की स्थिति और बदतर होगी.

Intro:सरायकेला जिले का औद्योगिक क्षेत्र इन दिनों दोहरी मंदी की मार झेलने को विवश है, ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगातार छाए मंदी के बाद अब स्टील उत्पादन से जुड़ी कई कंपनियों पर बिजली दर बढ़ोतरी की गाज गिरी है।


Body:हाल के दिनों में बिजली के औद्योगिक दर में तकरीबन 30% की वृद्धि ने स्टील उत्पादन से जुड़े छोटे उद्यमियों की कमर तोड़ दी है नतीजतन अगस्त माह से सरायकेला जिले में संचालित तकरीबन दो दर्जन कंपनियां बंद होगी और इन कंपनियों के उत्पादन पर अब ताला लटकेगा।
सरायकेला जिले के औद्योगिक क्षेत्र समेत अन्य क्षेत्रों में संचालित 25 कंपनियों द्वारा बेतहाशा बिजली दर बढ़ोतरी के कारण अब कंपनी को बंद किए जाने की घोषणा की गई है जिसके कारण एक बार फिर औद्योगिक व्यवस्था चौपट होगी तो वहीं दूसरी ओर बेरोजगारी की समस्या चरम पर होगी।

तीन हजार मजदूर काम कार होंगे प्रभावित।

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा महंगे किए गए बिजली के कारण स्टील उद्योग, इंडक्शन फर्नेस , इंसुलेटर उद्योग पूरी तरह बीमार हो गए हैं एक औद्योगिक मंदी ऊपर से बिजली बढ़ोतरी की दोहरी मार के कारण उद्योग धंधे चलाने में भारी कठिनाई हो रही है नतीजतन अगस्त माह से लगातार हो रहे बंदी और कंपनियों में लटक रहे ताले के कारण हजारों मजदूर और कामगारों के समक्ष अब रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न होने लगी है एक अनुमान के मुताबिक 2 दर्जन से भी अधिक इन कंपनियों में तकरीबन तीन हजार मजदूर और कामगार कार्यरत हैं जो एक ही झटके में बेरोजगार होंगे।

डीवीसी आपूर्ति वाले कंपनियों के हालात हैं बेहतर।

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा 30% बिजली बढ़ोतरी के कारण उपभोक्ता खासकर उद्योग खासे प्रभावित हो रहे हैं वहीं इसके ठीक विपरीत दामोदर वैली कारपोरेशन के दर में बढ़ोतरी नहीं होने के कारण इससे जुड़े उद्योगों की स्थिति बेहतर है।

निजी कंपनियों की ओर रुख कर रहे हैं उद्यमी।

सरायकेला जिले के औद्योगिक क्षेत्र में झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा बिजली के दरों में बढ़ोतरी के बाद क्षेत्र में प्रभावी टाटा की अनुषंगी इकाई जुस्को के बिजली वितरण व्यवस्था से स्थानीय उद्यमी लगातार जुड़ रहे हैं इसके पीछे एकमात्र कारण दरों में कमी और बेहतर बिजली आपूर्ति व्यवस्था बताई जा रही है इधर उद्योगों द्वारा लगातार निजी कंपनियों से बिजली कनेक्शन लेने से झारखंड बिजली विभाग के पदाधिकारी भी खासे चिंतित हैं।


Conclusion:मंदी और बिजली बढ़ोतरी के वृद्धि की मार झेल रहे उद्यमी अब लगातार सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि उन्हें कोई राहत प्रदान किया जाए, ऐसे में समय रहते यदि सरकार नहीं चेती तो आने वाले दिनों में उद्योग - धंधों की स्थिति और बद से बदतर होगी।


बाइट- रुपेश कतरियार, उद्यमी ।( ग्रीन जैकेट पहने)

बाइट- हिमांशु कुमार , विद्युत अधीक्षण अभियंता (हाफ चेक शर्ट)

बाइट- चंपई सोरेन , विधायक , सरायकेला( सफेद शर्ट)
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