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राज्यपाल ने दी हूल दिवस की बधाई, कहा- विकास के लिए आगे आएं युवा - झारखंड समाचार

सूबे की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सराकेला में आयोजित हूल दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा का भी अनावरण किया और विकास के लिए युवाओं को आगे आने की अपील की.

लोगों को सम्मानित करतीं राज्यपाल
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Published : Jun 30, 2019, 9:26 PM IST

सरायकेला: हूल दिवस के मौके पर सरायकेला और लौह नगरी जमशेदपुर को झारखंड सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. जहां एनएच 33 के कंदरबेरा से दोमुहानी तक बने नए सड़क पर पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा का विधिवत अनावरण राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने किया.

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी आना था लेकिन ऐन वक्त पर उनका कार्यक्रम रद्द हो गया. अब से यह सड़क पंडित रघुनाथ मुर्मू मार्ग के नाम से जाना जाएगा. हूल दिवस के अवसर पर चांडिल प्रखंड के कान्दरबेड़ा स्थित फुटबॉल मैदान में आयोजित कार्यक्रम से वीर शहीद सिद्धो-कान्हू को नमन करते हुए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से हूल दिवस बहुत ही गौरव की बात है. इसे पारंपरिक रूप से मनाएं. विकास के लिए सरकार सुविधाएं दे रही है, इसे लड़कर लेना होगा, विकास में आगे आना होगा.

ये भी पढ़ें- 4 महीने तक 'बंधक' रहते हैं इस गांव के लोग, जानिए क्या है वजह

हूल दिवस के अवसर राज्यपाल ने समस्त झारखंड वासियों को हार्दिक बधाई दी. वहीं राज्यपाल ने अपने संबोधन में ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू को संथाल समाज का जनक बताते हुए उनके आदर्शों पर चलने की बात कही. राज्यपाल ने झारखंड सरकार द्वारा ओलचिकी भाषा को लेकर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि झारखंड सरकार ओलचिकी भाषा और संथाली भाषा को बढ़ावा देने को लेकर अच्छा काम कर रही है. उन्होंने प्रसन्नता जताई है कि अब धीरे-धीरे स्कूलों में ओलचिकी भाषा की पढ़ाई शुरू हो चुकी है जो एक सराहनीय पहल है.

इस कार्यक्रम से 11 मांझी बाबाओं, प्रोजेक्ट हाई स्कूल नीमडीह से मैट्रिक के 10 टॉपर विद्यार्थियों को बैग एवं प्रोत्साहन राशि दी गई. उच्च विद्यालय चांडिल से इंटर के 10 टॉपर विद्यार्थियों को आर्थिक सहयोग राशि का वितरण किया गया. जिला प्रशासन, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग सरायकेला खरसावां द्वारा योजना से लयबद्ध पुस्तक योजना नहीं विकास की रेखा का विमोचन भी महामहिम राज्यपाल के द्वारा किया गया.

सरायकेला: हूल दिवस के मौके पर सरायकेला और लौह नगरी जमशेदपुर को झारखंड सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. जहां एनएच 33 के कंदरबेरा से दोमुहानी तक बने नए सड़क पर पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा का विधिवत अनावरण राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने किया.

राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी आना था लेकिन ऐन वक्त पर उनका कार्यक्रम रद्द हो गया. अब से यह सड़क पंडित रघुनाथ मुर्मू मार्ग के नाम से जाना जाएगा. हूल दिवस के अवसर पर चांडिल प्रखंड के कान्दरबेड़ा स्थित फुटबॉल मैदान में आयोजित कार्यक्रम से वीर शहीद सिद्धो-कान्हू को नमन करते हुए राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से हूल दिवस बहुत ही गौरव की बात है. इसे पारंपरिक रूप से मनाएं. विकास के लिए सरकार सुविधाएं दे रही है, इसे लड़कर लेना होगा, विकास में आगे आना होगा.

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हूल दिवस के अवसर राज्यपाल ने समस्त झारखंड वासियों को हार्दिक बधाई दी. वहीं राज्यपाल ने अपने संबोधन में ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू को संथाल समाज का जनक बताते हुए उनके आदर्शों पर चलने की बात कही. राज्यपाल ने झारखंड सरकार द्वारा ओलचिकी भाषा को लेकर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि झारखंड सरकार ओलचिकी भाषा और संथाली भाषा को बढ़ावा देने को लेकर अच्छा काम कर रही है. उन्होंने प्रसन्नता जताई है कि अब धीरे-धीरे स्कूलों में ओलचिकी भाषा की पढ़ाई शुरू हो चुकी है जो एक सराहनीय पहल है.

इस कार्यक्रम से 11 मांझी बाबाओं, प्रोजेक्ट हाई स्कूल नीमडीह से मैट्रिक के 10 टॉपर विद्यार्थियों को बैग एवं प्रोत्साहन राशि दी गई. उच्च विद्यालय चांडिल से इंटर के 10 टॉपर विद्यार्थियों को आर्थिक सहयोग राशि का वितरण किया गया. जिला प्रशासन, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग सरायकेला खरसावां द्वारा योजना से लयबद्ध पुस्तक योजना नहीं विकास की रेखा का विमोचन भी महामहिम राज्यपाल के द्वारा किया गया.

Intro:हूल दिवस के मौके पर सरायकेला और लौह नगरी जमशेदपुर को झारखंड सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। जहां एनएच 33 के कंदरबेरा से दोमुहानी तक बने नए सड़क पर पंडित रघुनाथ मुरमू की प्रतिमा का आज विधिवत अनावरण झारखंड के महामहिम राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने किया। Body:आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री रघुवर दास को भी आना था लेकिन ऐन वक्त पर उनका कार्यक्रम रद्द हो गया . अब से यह सड़क पंडित रघुनाथ मुरमू मार्ग के नाम से जाना जाएगा। हुल दिवस के अवसर पर चांडिल प्रखंड के कान्दरबेड़ा स्थित फुटबॉल मैदान में आयोजित कार्यक्रम से वीर शहीद सिदो कान्हू को नमन करते हुए महामहिम राज्यपाल, झारखंड श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि ऐतिहासिक दृष्टिकोण से हुल दिवस बहुत ही गौरव की बात है, इसे पालन ही नही बल्कि परंपरा तथा पारंपरिक रूप से मनाएं। विकास के लिए सरकार सुविधाएं दे रही है, इसे लड़कर लेना होगा, विकास में आगे आना होगा। हुल दिवस के अवसर राज्यपाल ने समस्त झारखंड वासियों को हार्दिक बधाई दी वहीं राज्यपाल ने अपने संबोधन में ओलचिकी लिपि के जनक पंडित रघुनाथ मुरमू को संथाल समाज का जनक बताते हुए उनके आदर्शों पर चलने की बात कही। राज्यपाल ने झारखंड सरकार द्वारा ओलचिकी भाषा को लेकर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। और कहा कि झारखंड सरकार ओलचिकी भाषा और संथाली भाषा को बढ़ावा देने को लेकर अच्छा काम कर रही है। उन्होंने प्रसन्नता जताई है कि अब धीरे-धीरे स्कूलों में ओलचिकी भाषा की पढ़ाई शुरू हो चुकी है जो एक सराहनीय पहल है।

आयोजित कार्यक्रम से 11 मांझी बाबाओं, प्रोजेक्ट हाई स्कूल नीमडीह से मैट्रिक के 10 टॉपर विद्यार्थियों को बैग एवं प्रोत्साहन राशि, उच्च विद्यालय चांडिल से इंटर के 10 टॉपर विद्यार्थियों को आर्थिक सहयोग राशि का वितरण, और जिला प्रशासन, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग सरायकेला खरसावां द्वारा योजना से लयबद्ध पुस्तक योजना नही विकास की रेखा का विमोचन भी महामहिम राज्यपाल के द्वारा किया गया ,

लाईव बाइट-- द्रौपदी मुर्मू (राज्यपाल)

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