सरायकेला: सरायकेला के एक निजी अस्पताल में कोरोना मरीजों से ज्यादा पैसा वसूले जाने की जांच करने पहुंची टीम से बदसलूकी और टीम का सहयोग नहीं करने के मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है. इस मामले में आदित्यपुर स्थित निजी नर्सिंग होम के संचालक डॉ. ओपी आनंद के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने, सिविल सर्जन और स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ अपशब्दों के प्रयोग और कोविड महामारी में गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने आदि से संबंधित शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.
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एसपी मो. अर्शी ने बताया कि सरायकेला स्वास्थ्य विभाग प्रशासन से मामले की शिकायत मिलने के बाद आरआईटी थाना में मामला दर्ज कर जांच करने का निर्देश दिया गया है. सिविल सर्जन के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम इस नर्सिंग होम में जांच के लिए गई थी. आरोप है कि नर्सिंग होम के संचालक ने कुछ सवाल उठाते हुए उनके साथ सहयोग नहीं किया, जिसके बाद उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा. संचालक डॉ. आनंद बाद एक वीडियो मैसेज में यह कहते देखे और सुने जा रहे हैं कि सरकार ने कोविड मरीजों के इलाज के संबंध में कोई स्पष्ट पैकेज जारी नहीं किया है और सिविल सर्जन से पूछने पर वे भी कुछ बता नहीं सके.
इन सवालों में उलझे डॉ. आनंद
डॉ आनंद ने सरकारी की नीतियों पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि ऐसी कोई नीति नहीं है. एक ओर वह अपने मंत्री की रक्षा के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है तो दूसरी ओर अपनी जनता के लिए कुछ हजार रुपये की बात करती है. डॉ. आनंद ने कहा कि इसी सब बातों पर उन्होंने सवाल उठाया था. उन्होंने वीडियो में स्वास्थ्य मंत्री को लेकर कुछ आपत्तिजनक शब्दों का भी प्रयोग किया है.
पूरा मामला
दरअसल, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को इस बात की शिकायत मिली थी कि निजी अस्पताल की ओर से ज्यादा पैसा वसूला जा रहा है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यह जांच की. जांच के दौरान वहां 8 मरीज भर्ती पाए गए. साथ ही निजी अस्पताल प्रबंधन की मनमानी और ठसक की कई बातें भी सामने आईं. अस्पताल प्रबंधन ने जांच करने गई टीम का पूरी तरह से सहयोग नहीं किया. यहां तक कि जांच के आधार पर सवाल खड़ा करते हुए अड़ियल रवैया भी दिखाया.
वहीं, अवैध वसूली के बारे में जब मरीजों के परिजनों से पूछताछ की गई तो किसी भी मरीज के परिजन को अस्पताल प्रबंधन की तरफ से टीम के सामने नहीं लाया गया. जांच के दौरान अस्पताल में अग्निशमन की एनओसी, प्रदूषण का सर्टिफिकेट, दर तालिका जैसी कई कमियां भी पाई गईं. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नाराजगी भी जाहिर की.
अभद्रता पर स्वास्थ्य मंत्री का बयान
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ने जांच करने गई मेडिकल टीम के साथ हुए अभद्र व्यवहार और स्वास्थ्य मंत्री के लिए आपत्तिजनक बयान पर कहा कि मुझे किसी से दुश्मनी नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री बोले-अपशब्द कहने वाले भी मेरे बड़े भाई के समान हैं. उन्होंने कहा कि मुझे अपशब्द कहें, लेकिन मरीजों का सही इलाज करें और सरकार की ओर से तय टैरिफ के अनुसार पैसे लें.