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आदिवासी सेंगेल अभियान ने मुख्यमंत्री का फूंका पुतला, सरना धर्म कोड को 2021 जनगणना में शामिल करने की मांग - सरायकेला में 2021 जनगणना

सरायकेला खरसावां के चांदनी चौक में गुरुवार को आदिवासी सेंगेल अभियान के नेताओं ने सीएम हेमंत सोरेन का पुतला फूंका. नेताओं ने 2021 के जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की मांग की है.

Demand for inclusion of Sarna Dharma Code in 2021 census in seraikela
आदिवासी सेंगेल अभियान
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Published : Nov 6, 2020, 6:45 AM IST

सरायकेला: आदिवासी सेंगेल अभियान ने 2021 के जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की मांग की है. इसमें हो रही देरी को लेकर खरसावां के चांदनी चौक में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका.

इस मौके पर आदिवासी सेगेंल अभियान के नेताओं ने कहा है कि भारत के लगभग 15 करोड़ आदिवासियों को अनुच्छेद 342 के तहत जाति (आदिवासी या एसटी) का दर्जा प्राप्त है, लेकिन अनुच्छेद 25 के तहत धर्म का मान्यता अब तक लंबित है, जो आदिवासियों के अस्तीत्व, पहचान, हिस्सेदारी के लिये अनिवार्य है. अदिवासियों के सरना धर्म कोड का मुद्दा उनके मौलिक के साथ साथ मानवीय अधिकार का मामला है.

ये भी पढ़ें: झारखंड में अगले साल हो सकता है अंतरराष्ट्रीय बौद्ध महोत्सव, दलाई लामा भी होंगे आमंत्रित

छह दिसंबर को रेल चक्का जाम

सरकार विशेष विधानसभा सत्र बुलाकर अविलंब इससे संबंधित बिल पारित कर केंद्र सरकार को भेजे. यदि सरकार 30 नवंबर तक सरना धर्म कोड को मान्यता नहीं देती है, तो छह दिसंबर को रेल चक्का जाम करेगी. एएसए द्वारा आंदोलन को धार देने के लिए पांच प्रदेशों में 11 जनजागरण रथ निकाला जायेगा.

सरायकेला: आदिवासी सेंगेल अभियान ने 2021 के जनगणना में सरना धर्म कोड को शामिल करने की मांग की है. इसमें हो रही देरी को लेकर खरसावां के चांदनी चौक में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला फूंका.

इस मौके पर आदिवासी सेगेंल अभियान के नेताओं ने कहा है कि भारत के लगभग 15 करोड़ आदिवासियों को अनुच्छेद 342 के तहत जाति (आदिवासी या एसटी) का दर्जा प्राप्त है, लेकिन अनुच्छेद 25 के तहत धर्म का मान्यता अब तक लंबित है, जो आदिवासियों के अस्तीत्व, पहचान, हिस्सेदारी के लिये अनिवार्य है. अदिवासियों के सरना धर्म कोड का मुद्दा उनके मौलिक के साथ साथ मानवीय अधिकार का मामला है.

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छह दिसंबर को रेल चक्का जाम

सरकार विशेष विधानसभा सत्र बुलाकर अविलंब इससे संबंधित बिल पारित कर केंद्र सरकार को भेजे. यदि सरकार 30 नवंबर तक सरना धर्म कोड को मान्यता नहीं देती है, तो छह दिसंबर को रेल चक्का जाम करेगी. एएसए द्वारा आंदोलन को धार देने के लिए पांच प्रदेशों में 11 जनजागरण रथ निकाला जायेगा.

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