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सरायकेला में वृद्ध हथिनी कावेरी की मौत, लंबे समय से थी बीमार - seraikela news

सरायकेला में एक वृद्ध हथिनी की मौत हो गई. सोमवार को उसकी लाश ईचागढ़ के जंगल में मिली. वृद्ध हथिनी का नाम कावेरी था, वो काफी समय से बीमार थी.

Death of old elephant Kaveri in Seraikela
Death of old elephant Kaveri in Seraikela
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Published : May 22, 2023, 1:13 PM IST

सरायकेला: जिले के लावा कुटुंम जंगल में एक हाथी की लाश मिली. यह जंगल ईचागढ़ थाना क्षेत्र में पड़ता है. जांच पड़ताल के बाद पता चला कि जंगल में मिला शव वृद्ध हथिनी कावेरी का है, वो काफी लंबे समय से बीमार चल रही थी. वो लावा कुटुंम और आसपास के जंगलों में भटकती रहती थी.

ये भी पढ़ेंः सरायकेला में विचरण कर रहा हाथियों का झुंड, बुजुर्ग शख्स की ली जान

सोमवार सुबह मिला शवः प्राप्त जानकारी के अनुसार ईचागढ़ के लावा कुटुम जंगल में सोमवार सुबह वृद्ध हथिनी कावेरी मृत पाई गई. गांव वालों ने इसकी जानकारी पुलिस और वन विभाग को दी. ग्रामीणों से हथिनी कावेरी के मरने की जानकारी मिलने के बाद, वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. टीम के द्वारा हथिनी के शव का पोस्टमार्टम कर उसे दफनाने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई. वहीं स्थानीय लोगों में वृद्ध हथिनी कावेरी की मौत होने से शोक है.

ईचागढ़ और बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र में करती थी विचरणः वन विभाग के पदाधिकारी शशि रंजन ने बताया कि हथिनी कावेरी विगत कुछ सालों से ईचागढ़ के जंगलों में विचरण कर रही थी. वह आसपास सीमावर्ती क्षेत्र तमाड़ और पश्चिम बंगाल तक भ्रमणशील रहती थी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में हथिनी कावेरी बीमार पड़ी थी. वन विभाग के चिकित्सकों की टीम ने उसका इलाज कर उसे ठीक किया था. तब से वन विभाग हथिनी पर नजर रखे हुए था. बताया जाता है कि हथिनी कावेरी ने आज तक किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुचाया था.

बता दें कि झारखंड के कई जिले हाथियों के उत्पात से परेशान हैं. उसमें से सरायकेला भी एक है. अक्सर हाथी लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं. फसल को बर्बाद कर देते हैं. वहीं ग्रामीण हाथियों की पूजा भी करते हैं और उनसे डरे-सहमे भी रहते हैं.

सरायकेला: जिले के लावा कुटुंम जंगल में एक हाथी की लाश मिली. यह जंगल ईचागढ़ थाना क्षेत्र में पड़ता है. जांच पड़ताल के बाद पता चला कि जंगल में मिला शव वृद्ध हथिनी कावेरी का है, वो काफी लंबे समय से बीमार चल रही थी. वो लावा कुटुंम और आसपास के जंगलों में भटकती रहती थी.

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सोमवार सुबह मिला शवः प्राप्त जानकारी के अनुसार ईचागढ़ के लावा कुटुम जंगल में सोमवार सुबह वृद्ध हथिनी कावेरी मृत पाई गई. गांव वालों ने इसकी जानकारी पुलिस और वन विभाग को दी. ग्रामीणों से हथिनी कावेरी के मरने की जानकारी मिलने के बाद, वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. टीम के द्वारा हथिनी के शव का पोस्टमार्टम कर उसे दफनाने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई. वहीं स्थानीय लोगों में वृद्ध हथिनी कावेरी की मौत होने से शोक है.

ईचागढ़ और बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्र में करती थी विचरणः वन विभाग के पदाधिकारी शशि रंजन ने बताया कि हथिनी कावेरी विगत कुछ सालों से ईचागढ़ के जंगलों में विचरण कर रही थी. वह आसपास सीमावर्ती क्षेत्र तमाड़ और पश्चिम बंगाल तक भ्रमणशील रहती थी. उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में हथिनी कावेरी बीमार पड़ी थी. वन विभाग के चिकित्सकों की टीम ने उसका इलाज कर उसे ठीक किया था. तब से वन विभाग हथिनी पर नजर रखे हुए था. बताया जाता है कि हथिनी कावेरी ने आज तक किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुचाया था.

बता दें कि झारखंड के कई जिले हाथियों के उत्पात से परेशान हैं. उसमें से सरायकेला भी एक है. अक्सर हाथी लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं. फसल को बर्बाद कर देते हैं. वहीं ग्रामीण हाथियों की पूजा भी करते हैं और उनसे डरे-सहमे भी रहते हैं.

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