सरायकेला-खरसावांः जिले में मानसून की भारी वर्षा की स्थिति में खरकई, स्वर्णरेख समेत अन्य नदियों के जलस्तर में संभावित वृद्धि को लेकर उपायुक्त अंजनेयुलु दोड्डे ने जिला आपदा प्रबंधंन को बाढ़ से निपटने के लिए जिम्मेदारी दी है. उपायुक्त ने कहा कि वर्षा से उत्पन्न खरकई और स्वर्णरेखा नदी के जलस्तर में वृद्धि और बाढ़ की संभावित स्थिति से निपटने के लिए सभी तरह की एहतियाती कार्रवाई करने की आवश्यकता है, ताकि बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर जान और माल को किसी तरह का नुकसान न हो.
नोडल पदाधिकारी के रूप में प्राधिकृत
उपायुक्त ने बताया कि आदित्यपुर क्षेत्र के लिए बाढ़ से बचाव संबंधी कार्रवाई के लिए सरायकेला के अनुमंडल पदाधिकारी और चांडिल क्षेत्र के लिए चांडिल के अनुमंडल पदाधिकारी को नोडल पदाधिकारी के रुप में प्राधिकृत किया गया है. कार्यपालक अभियंता खरकई, खरकई नहर प्रमंडल आदित्यपुर, कार्यपालक अभियंता प्रारुप और बाढ़ नियंत्रण, खरकई और बैक वेल डैम के अभियंताओं के संपर्क में रहेंगे. साथ ही जल स्तर के संभावित वृद्धि का अद्यतन स्थिति से तुरंत संभावित नोडल पदाधिकारी को सूचित करेंगे.
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विशेष परिस्थिति में नाव और गोताखोरों का तैनात सुनिश्चित
आदित्यपुर क्षेत्र में खरकई नदी के जल स्तर में संभावित वृद्धि से प्रभावित सदस्यों और घरों को चिंहित कर सदस्यों का संपर्क सूत्र संबंधित थाना प्रभारी, अंचलाधिकारी और नगर निगम के नगर आयुक्त संयुक्त रूप से तैयार कर उपलब्ध कराएंगे. आदित्यपुर क्षेत्र के बाढ़ से संभावित प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए चयनित आपदा शिविर में पानी, बिजली और जेनरेटर आदि आवश्यक्ताओं की पूर्ति नगर निगम द्वारा की जाएगी. विशेष परिस्थिति में नाव और गोताखोरों का तैनात सुनिश्चित किया जाएगा.
संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी को प्राधिकृत
बाढ़ से प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के लिए संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी को प्राधिकृत किया गया है. आदित्यपुर क्षेत्र में बाढ़ से प्रभावित परिवारों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सिविल सर्जन तैयारी पूर्व से ही करना सुनिश्चित करेंगे. असामाजिक तत्वों के द्वारा प्रभावित परिवारों के संभावित संपत्ति की चोरी और नुकसान पहुंचाने की संभावना के रोकथाम के लिए पुलिस अधीक्षक अपने स्तर से संबंधित थाना प्रभारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश देंगे. जिला अग्निशमन पदाधिकारी को 24 घंटे कार्यालय परिसर में अग्निशमन वाहन तैयार रखने का निर्देश दिया गया है. सिविल सर्जन अपने अधीनस्थ एंबुलेंस चालक के साथ तैनात रहेंगे, ताकि जरुरत के मुताबिक इसे उपयोग में लाया जा सके.