सरायकेला: धनबाद से रेस्क्यू कर दलमा अभ्यारण में लाई गई हथिनी चंपा लंबे समय से बीमार चल रही थी (Rescued elephant Champa from Dhanbad ). शुक्रवार सुबह अर्थराइटिस से पीड़ित होने के चलते वह गिर गई. जिसके बाद वन विभाग और पशु चिकित्सक की टीम ने चंपा का इलाज शुरू कर दिया है.
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दलमा अभ्यारण के रेंजर दिनेश चंद्र ने बताया कि पालतू हथिनी चंपा को रेस्क्यू कर धनबाद से दलमा अभ्यारण लाया गया था, तभी से चंपा की तबीयत ठीक नहीं रहती थी. दिनेश चंद्रा ने बताया कि पिछले 4 महीने से अर्थराइटिस से पीड़ित होने के चलते चंपा के पैरों में तकलीफ है और वह हाल के दिनों में चलने फिरने में भी असमर्थ थी. बीमारी बढ़ने की वजह से वह अचानक गिर गई. जिसके बाद वन विभाग ने वरीय अधिकारियों से निर्देश प्राप्त कर डॉक्टरों की टीम गठित कर चंपा का बेहतर इलाज लगातार किया जा रहा है. बताया जाता है कि चंपा की उम्र भी काफी हो गई है जिसके चलते भी उसकी तबीयत ठीक नहीं रहती है.
हथिनी चंपा के गिरने के बाद वन विभाग और जिला पशुपालन पदाधिकारी के निर्देश पर गठित की गई पशु चिकित्सकों की टीम ने चंपा का इलाज शुरू कर दिया है. पशु चिकित्सक डॉ राजेश कुमार सिंह ने बताया कि चंपा पालतू हथिनी है. लिहाजा जंगली हाथियों की अपेक्षा इसकी इम्यूनिटी कमजोर है. जिसके चलते लगातार बीमार चल रही है. इन्होंने बताया कि गिरने के बाद चंपा कोमा में चली गई थी. जिसके बाद डॉक्टरों की टीम द्वारा कैल्शियम, डीएनएस और एंटीबायोटिक डोज़ देकर स्थिति को सामान्य किया गया है.
डॉ राजेश कुमार सिंह ने बताया कि कोमा में जाने के बाद इलाज शुरू होने पर चंपा के शरीर में हलचल देखी जा रही है. जिससे उम्मीद है कि वह ठीक हो जाएगी. इन्होंने बताया कि चंपा के शरीर का तापमान भी 95 डिग्री फॉरेनहाइट था जो काफी कम था. लिहाजा पशु चिकित्सकों की टीम हर गतिविधि पर पैनी नजर रखे हुए हैं.