सरायकेलाः दलमा वन्य प्राणी अभ्यारण के जानवरों के संरक्षण को लेकर अभ्यारण और वन विभाग लगातार कई प्रयास करता है. हाल में कोविड-19 संक्रमण से बचाव को लेकर जहां दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में बृहद पैमाने पर सेनेटाइजेशन अभियान चलाया गया. वहीं, अभ्यारण के पशुओं की इम्यूनिटी बढ़ाने की भी विशेष तैयारी की गई, लेकिन दलमा अभ्यारण के जंगली पशुओं को राहत प्रदान करने और इस गर्मी में पीने के लिए पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वन विभाग की ओर से बनाया गया तालाब निर्माण योजना इस गर्मी में भी अधूरा रह गया है.
वन्य, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग ने दलमा अभ्यारण के जंगली हाथियों को सहूलियत प्रदान करने के उद्देश्य से गज परियोजना के तहत इस साल जनवरी माह में तालाब निर्माण योजना की शुरुआत की. जानकारी के अनुसार जनवरी के शुरुआती महीने में यहां जोर-शोर से काम शुरू किया गया, जेसीबी के माध्यम से लगातार खुदाई की गई लेकिन बाद में योजना पर काम बंद हो गया और अब यह निर्माणाधीन योजना फिलहाल पूरी तरह से बंद है.
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योजना स्थल पर लगे बोर्ड में राशि का भी जिक्र नहीं
दलमा अभयारण्य के पश्चिमी क्षेत्र अंतर्गत कंदरबेरा पीएफ में गज परियोजना के तहत वर्ष 2019-20 में इस योजना का निर्माण होना था. वहीं, निर्माण स्थल पर विभाग के लगाए गए बोर्ड में केवल योजना का जिक्र किया गया है, जबकि योजना से संबंधित राशि का उल्लेख नहीं है. स्थानीय ग्रामीण बताते हैं कि काम शुरू होने के महज कुछ दिनों बाद ही बंद हो गया और काम करा रहे वन विभाग के गार्ड ने बताया कि अब दोबारा यहां काम शुरू नहीं होगा और योजना पूरी है.
लॉकडाउन ने भी काम किया प्रभावित
हाथी समेत अन्य जंगली पशुओं को पीने के लिए पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निर्माणाधीन योजना के पूरे नहीं होने के संबंध में दलमा पश्चिमी प्रक्षेत्र के रेंज अधिकारी दिनेश चंद्रा ने ईटीवी भारत को बताया कि जनवरी माह में काम शुरू होने के कुछ दिनों बाद ही इसे बंद कर दिया गया था. दरअसल, तालाब निर्माण योजना स्थल पर पत्थर और चट्टान मिलने लगे थे, ऐसे में बड़े-बड़े पत्थरों को ब्लास्ट कर वहां निर्माण कार्य शुरू कराया गया था, इस बीच पत्थर मिलने से योजना लेट हुई. उन्होंने बताया कि बाद में लॉकडाउन होने के कारण काम बंद पड़ा. वहीं, अब लॉकडाउन खुलने के बाद धीरे-धीरे काम शुरू होने की बात भी कही.
अधिकारी मानते हैं कि योजना स्थल पर पत्थर निकलने और लॉकडाउन के कारण योजना लंबित पड़ी है. हालांकि लॉकडाउन देशभर में 25 मार्च से लागू हुआ था. ऐसे में 2 महीने के अंतराल पर भी यह योजना पूरा नहीं होना, विभागीय लेट-लतीफी को दर्शाता है. वहीं, गर्मी से पूर्व तालाब निर्माण नहीं होने से दलमा वन क्षेत्र के जंगली पशुओं को इस गर्मी में भी यहां पीने के लिए पानी उपलब्ध नहीं होंगे.