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सरायकेला: बाल संरक्षण समिति की बैठक, बाल विवाह और बाल श्रम को रोकने पर हुई चर्चा

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Published : Sep 11, 2020, 7:08 PM IST

सरायकेला के गम्हरिया प्रखंड में शुक्रवार को बाल संरक्षण समिति की बैठक हुई. इस बैठक में लड़कियों के शिक्षा और उनके विकास को लेकर चर्चा की गई. वहीं, बाल विवाह और बाल श्रम को रोकने पर भी चर्चा की गई.

Child Protection Committee meeting in seraikela
बाल संरक्षण समिति की बैठक

सरायकेला: गम्हरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी ठाकुर गौरी शंकर शर्मा की अध्यक्षता मे बाल संरक्षण समिति की बैठक हुई. बैठक में बालिका के शिक्षा और उनके विकास पर विशेष चर्चा की गई. इस दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जानकरी देते हुए बताया कि हमारे समाज में किशोरिओं के उचित विकास के लिए विशेष जागरूकता की आवश्यकता है, जिससे उनका संपूर्ण विकास हो सके.

उन्होंने बताया कि बाल विवाह को हतोत्साहित करने की काफी जरुरत है और इसकी जानकारी होने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी को अति शीघ्र सूचित की जाए. जिससे इसे बंद कराया जा सके. इस दौरान यह भी बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र में अंधविश्वास, जादू-टोना जैसी भ्रांतियां फैली हुई है, जिसे जागरूकता के माध्यम से रोका जा सकता है. किशोरियों के स्वास्थ्य के संबंध में बताया गया कि पंचायत स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कर बालिकाओं को स्वच्छता के प्रति जानकरी दी जाए, जिससे उन्हें स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना न करना पड़े.

ये भी पढ़ें: 12 से 14 सितंबर तक हटिया ग्रिड से बिजली आपूर्ति रहेगी ठप, 2 लाख आबादी होगी प्रभावित

किशोरियों की समस्याओं और उसके बचाव के बारे में विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया. उक्त अवसर पर बालिकाओं और किशोरियों के संपूर्ण विकास के ऊपर विशेष चर्चा की गई. उन्हें बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देश भी दिया गया. बताया गया कि 6 से 14 साल के बच्चों को शिक्षा देना अति आवश्यक है. यदि कोई भी बच्चा बाल श्रम या किसी भी प्रकार के कार्य में कार्य करते पाए जाते हैं तो उसकी सूचना प्रखंड विकास पदाधिकारी को दी जाए.

सरायकेला: गम्हरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी ठाकुर गौरी शंकर शर्मा की अध्यक्षता मे बाल संरक्षण समिति की बैठक हुई. बैठक में बालिका के शिक्षा और उनके विकास पर विशेष चर्चा की गई. इस दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जानकरी देते हुए बताया कि हमारे समाज में किशोरिओं के उचित विकास के लिए विशेष जागरूकता की आवश्यकता है, जिससे उनका संपूर्ण विकास हो सके.

उन्होंने बताया कि बाल विवाह को हतोत्साहित करने की काफी जरुरत है और इसकी जानकारी होने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी को अति शीघ्र सूचित की जाए. जिससे इसे बंद कराया जा सके. इस दौरान यह भी बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्र में अंधविश्वास, जादू-टोना जैसी भ्रांतियां फैली हुई है, जिसे जागरूकता के माध्यम से रोका जा सकता है. किशोरियों के स्वास्थ्य के संबंध में बताया गया कि पंचायत स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कर बालिकाओं को स्वच्छता के प्रति जानकरी दी जाए, जिससे उन्हें स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों का सामना न करना पड़े.

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