सरायकेला: जिले के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत इंडो-डेनिश टूल रूम क्वॉरेंटाइन सेंटर में अव्यवस्था का आलम रोजाना देखने को मिल रहा है. कुछ दिन पहले जहां सेंटर में लोगों ने घटिया और कम मात्रा में खाने का विरोध किया था, वहीं क्वॉरेंटाइन सेंटर में अव्यवस्था का आलम बखूबी देखने को मिल रहा है. रविवार को यहां इलाजरत लोगों के लिए भोजन परोसने का काम बाल श्रमिकों से लिया गया.
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लोगों ने जमकर बवाल काटा
इंडो-डेनिश क्वॉरेंटाइन सेंटर में रविवार सुबह 10:00 बजे तक लोगों को नाश्ता जब उपलब्ध नहीं कराया गया तो लोगों ने एक बार फिर जमकर बवाल काटा. इधर आनन-फानन में प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों ने लोगों को नाश्ता उपलब्ध कराया, लेकिन नाश्ता देने और बांटने का काम बाल श्रमिकों से करवाया गया. क्वॉरेंटाइन सेंटर में इलाजरत लोगों ने इससे संबंधित कई वीडियो और फोटो एक बार फिर सोशल मीडिया पर वायरल किए हैं. वायरल किए गए वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दो बाल श्रमिकों की ओर से क्वॉरेंटाइन सेंटर में भोजन लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है. ऐसे में बाल श्रम उन्मूलन को लेकर सरकार और प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे अभियान खुद सवालों के घेरे में है. इधर बाल श्रम को लेकर जिले के श्रम अधीक्षक राकेश सिन्हा ने इस मुद्दे पर कहा है कि बच्चों से श्रम करना गैरकानूनी है. इसके अलावा क्वॉरेंटाइन सेंटर में बच्चों के स्वास्थ्य के सुरक्षा को देखते हुए उन से काम लेना भी पूरी तरह से गैर कानूनी है. श्रम अधीक्षक ने कहा कि सिविल सर्जन से जानकारी प्राप्त कर ये मामले की जांच कराएंगे.