सरायकेला: जिले के गम्हरिया स्थित कृषि विज्ञान केंद्र एक अदद भवन के लिए विगत 10 सालों से तरस रहा है. वर्तमान में जिला कृषि विज्ञान केंद्र अपने परिसर में स्थित किसान प्रशिक्षण भवन में चल रहा है. केंद्र का अपना भवन नहीं होने के कारण एक ओर जहां केंद्र के काम प्रभावित हो रहे हैं. वहीं दूसरी ओर किसानों के प्रशिक्षण में भी परेशानी आ रही है.
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लंबे समय से सभी योजनाएं धरी की धरी
10 वर्ष पूर्व जब कृषि विज्ञान केंद्र की शुरुआत हुई थी तो किसानों में उम्मीद जगी थी कि अब उन्नत खेती करने संबंधित जानकारियां और सहायता यहां से मिलेगी. केंद्र के 15 एकड़ के क्षेत्र में करीब 1 हेक्टेयर पर तालाब और एक हेक्टेयर में कृषि विज्ञान केंद्र भवन निर्माण किया जाना है, जिसमें प्रशासनिक भवन, किसान छात्रावास और आवास गोदाम आदि शामिल हैं. केंद्र के बाकी बचे 4 हेक्टेयर जमीन पर वैज्ञानिक पद्धति से कृषि कार्य किए जाने की योजना है, लेकिन लंबे समय से सभी योजनाएं धरी की धरी हैं.
कई महत्वपूर्ण कार्य हो रहे बाधित
वर्ष 2010 में कृषि विज्ञान केंद्र भवन निर्माण की आधारशिला रखी गई, लेकिन संबंधित विभाग से पत्राचार नहीं होने के कारण 10 साल बीतने के बाद भी कार्य शुरू नहीं हो सका है. यहां तकरीबन डेढ़ करोड़ की लागत से भवन निर्माणाधीन है. भवन का निर्माण 2010 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की ओर से बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से कराया जा रहा है, लेकिन भवन निर्माता एजेंसी की ओर से ढुलमुल रवैया अपनाने के कारण निर्माण कार्य अधर में लटका है.
कृषि विज्ञान केंद्र में प्रधान समेत 16 पद स्वीकृत
गम्हरिया स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में कुल 16 पद स्वीकृत हैं. इनमें एक वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान 6 वैज्ञानिक और तकनीकी सहायक, एक कार्यालय पर्यवेक्षक, एक कंप्यूटर ऑपरेटर, एक कनीय लिपिक, दो चालक और दो अनुसेवी भी शामिल है. वर्तमान में केंद्र में एक वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान समेत 4 वैज्ञानिक पदस्थापित है.