सरायकेला: जिले में सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के साथ-साथ आम लोगों को ट्रैफिक नियमों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जिला परिवहन विभाग की तरफ से सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है. जिसके माध्यम से जिले के कई क्षेत्रों में रोजाना जागरूकता कैंप लगाकर लोगों को जानकारियां दी जा रही हैं.
11 जनवरी से हुई शुरुआत
दरअसल, जिले में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के उद्देश्य से जिला परिवहन विभाग ने 31वें सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया. जो 11 जनवरी से शुरू हुआ है, इस सड़क सुरक्षा सप्ताह में जिले के कई थाना क्षेत्रों में रोजाना जागरूकता शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं. जहां जिला परिवहन विभाग से जुड़े अधिकारी, ट्रैफिक पुलिस समेत जिला प्रशासन लोगों को सुरक्षित होकर सड़क पर चलने की जानकारियां दे रहा है. इस सात दिवसीय सड़क सुरक्षा सप्ताह का समापन 17 जनवरी को किया जाएगा.
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ट्रैफिक रूल्स की अनदेखी है दुर्घटना का मुख्य कारण
सड़क सुरक्षा कार्यक्रम में बेतहाशा रोड एक्सीडेंट को लेकर किए जा रहे सर्वे में यह बात सामने आई है कि रोड एक्सीडेंट के ज्यादातर मामले सिर्फ और सिर्फ वाहन चालकों के लापरवाही के कारण हो रहे हैं. जिला पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता निर्मल सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सड़क सुरक्षा में सबसे प्रमुख बात सड़क की इंजीनियरिंग होती है या नहीं. यदि सड़क खराब हो और उसमें गड्ढे हो तो दुर्घटना बढ़ती है, लेकिन यदि सड़क अच्छी है और वहां लगातार दुर्घटनाएं हो रहे हैं तो इसके पीछे सिर्फ रफ ड्राइविंग प्रमुख कारण है.
ट्रैफिक रूल्स अपनाने की अपील
जिले की लाइफलाइन माने जाने वाली टाटा-कांड्रा मुख्य सड़क पर अमूमन रोजाना दुर्घटनाएं हो रही हैं. इधर जिला परिवहन और पथ विभाग ने दावा किया है कि सड़क में कोई खामी मौजूद नहीं है. जबकि सर्वाधिक दुर्घटना वाले स्थानों पर जागरूकता संबंधित संकेतक लगाए गए हैं, ऐसे में सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक रूल को अपनाएं.