सरायकेलाः वैश्विक महामारी और भारत में राष्ट्रीय आपदा घोषित कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर सरकार के साथ-साथ आम लोग भी कई एहतियात बरत रहे हैं. इसी बीच सरायकेला में इस बीमारी की कथित दवा दिए जाने का मामला प्रकाश में आया है. जानकारी के अनुसार जिले के चांडिल अनुमंडल स्थित एक होम्योपैथी दवा निर्माता कंपनी रेनो विजन एक्सपर्ट द्वारा ग्रामीणों को एंटीफ्लू की दवा कोरोना वायरस को ठीक किए जाने के नाम पर उपलब्ध कराए जाने की जानकारी सामने आई है.
पूरे देश में कोरोना वायरस संक्रमण रोकथाम को लेकर कई कारगर उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन इस बीच अफवाहों का बाजार भी जबरदस्त तरीके से गर्म है. इस बीच सरायकेला के चांडिल अनुमंडल अंतर्गत भुईयाडीह गांव के ग्रामीणों को कोरोना वायरस ठीक करने के नाम पर होम्योपैथिक की दवा मुफ्त में उपलब्ध कराने की बात सामने आई है.
बताया जाता है कि चांडिल प्रखंड के भुईयाडीह स्थित रेनो विजन एक्सपर्ट प्राइवेट लिमिटेड दवा कंपनी जो कि होम्योपैथी दवा का निर्माण करती है, उसके द्वारा ग्रामीणों को कोरोना वायरस ठीक करने वाली दवा के नाम पर साधारण सर्दी जुकाम यानी एंटीफ्लू की दवा धड़ल्ले से उपलब्ध कराई जा रही थी, वह भी निशुल्क.
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इधर, ग्रामीणों के बीच जबरदस्त तरीके से इस दवा का वितरण किया जा रहा था, जिसके बाद कुछ स्थानीय जागरूक ग्रामीणों ने ट्वीट कर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री और सरायकेला जिला प्रशासन को सूचित किया.
हरकत में आया जिला प्रशासन
स्वास्थ्य मंत्री और जिला प्रशासन को सूचित किए जाने के बाद सरकारी तंत्र हरकत में आ गया. चांडिल अनुमंडल के बीडीओ प्रवेश कुमार साहू समेत अन्य अधिकारी भुईयाडीह स्थित होम्योपैथी कंपनी रेनो विजन एक्सपर्ट पहुंचे, जहां उन्होंने डॉक्टरों से संबंधित दवा के सभी सैंपल जब्त किये.
मौके पर चांडिल अनुमंडल अस्पताल प्रभारी डॉ शुभेंद्र शेखर हासदा और उनकी टीम भी मौजूद रही, उन्होंने जांच में पाया कि दवा एंटी फ्लू की होम्योपैथी दवा जो सर्दी-जुकाम ठीक करने के काम आती है. मौके पर मौजूद चांडिल प्रखंड बीडीओ ने बताया कि सभी सैंपल जब्त कर लिए गए हैं और डॉक्टरों की टीम द्वारा जांच कर आगे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा.
होम्योपैथी दवा कंपनी द्वारा कोरोना वायरस ठीक होने के नाम पर ग्रामीणों को गुमराह किए जाने के बाद जिला प्रशासन ने भी कड़ा रुख अख्तियार किया है. वहीं अब रिपोर्ट तैयार कर सरकारी आदेश के आधार पर संबंधित दवा कंपनी के विरुद्ध मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी.