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अवैध खटाल संचालकों पर गिरेगी गाज, झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट के तहत होगी कार्रवाई - झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट समाचार

सरायकेला में अवैध खटाल संचालकों पर अब कार्रवाई होगी. जिला के आदित्यपुर नगर निगम के शहरी क्षेत्र में बिना अनुमति चल रहे खटाल संचालकों पर झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी. इसे लेकर नगर निगम की ओर से सभी खटाल संचालकों के सर्वे कर सूची तैयार की जा रही है.

action will be taken on illegal khatal operators in seraikela
अवैध खटाल
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Published : Nov 25, 2020, 1:34 PM IST

सरायकेला: जिला के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र पर अब अवैध रूप से खटाल संचालन करने वाले पशुपालकों पर नगर निगम की गाज गिरेगी. नगर निगम शहरी क्षेत्र में बिना अनुमति चल रहे खटाल संचालकों पर झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी. इसे लेकर नगर निगम की ओर सभी खटाल संचालकों के सर्वे कर सूची तैयार की जा रही है.

देखें पूरी खबर
नगर निगम क्षेत्र में संचालित अवैध खटाल संचालकों को निगम से अनुज्ञप्ति या लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. नियमानुसार शहरी क्षेत्र में संचालित खटाल सरकारी या नगर निगम क्षेत्र के भूमि पर अवस्थित नहीं होना चाहिए. इसके अलावा खटालो में पशुओं के देखरेख संबंधित पूरी व्यवस्था होनी चाहिए. निगम की ओर से लाइसेंस निर्गत किए जाने के बाद भी खटाल संचालकों को पशुओं को साफ-सुथरा रखने और आसपास गंदगी नहीं फैलाने दिया जाएगा. इस संबंध में नगर निगम के अपर नगर आयुक्त गिरजा शंकर प्रसाद ने बताया कि नगर निगम में संचालित सभी खटालों की सूची तैयार की जा रही है. इसके तहत सिटी मैनेजर को सर्वे कर रिपोर्ट तैयार किए जाने का निर्देश दिया गया है. इन्होंने बताया कि अब संपूर्ण नगर निगम क्षेत्र में नियम के अनुसार खटाल संचालित होंगे. जबकि लाइसेंस नहीं लेने और नियमों की अनदेखी करने वाले पशुपालकों पर जुर्माना और कार्रवाई भी किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें- सरायकेला में होमगार्ड की बहाली प्रक्रिया आगे बढ़ी, चयनित उम्मीदवारों का मेडिकल हुआ

म्यूनिसिपल एक्ट 2011 के तहत 5 हजार तक का जुर्माना
झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट 2011 के प्रावधान के तहत शर्तों के अनुसार निगम क्षेत्र में पशुपालन किया जा सकता है. प्रावधान के तहत पशुपालक सड़क किनारे या सार्वजनिक स्थान पर खटाल नहीं चला सकते, इसके अलावा आवासीय क्षेत्र में सीमित संख्या और नियम के अनुसार ही खटाल में पशु रखे जा सकते हैं. पशुओं के गोबर को खुले में नहीं फेंका जा सकता, पशुपालकों को खटालों में पशुओं रखने से पूर्व आसपास के वातावरण का भी विशेष रूप से ध्यान रखना है. रिहायशी समेत घनी आबादी वाले क्षेत्र में किसी भी हाल में खटाल नहीं चलाए जा सकते. वहीं इन नियमों का पालन नहीं करने वाले पशुपालकों पर एक्ट के तहत 5 हज़ार तक जुर्माना वसूले जाने का भी प्रावधान तय किया गया है.

सरायकेला: जिला के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र पर अब अवैध रूप से खटाल संचालन करने वाले पशुपालकों पर नगर निगम की गाज गिरेगी. नगर निगम शहरी क्षेत्र में बिना अनुमति चल रहे खटाल संचालकों पर झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट के तहत कार्रवाई करेगी. इसे लेकर नगर निगम की ओर सभी खटाल संचालकों के सर्वे कर सूची तैयार की जा रही है.

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नगर निगम क्षेत्र में संचालित अवैध खटाल संचालकों को निगम से अनुज्ञप्ति या लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा. नियमानुसार शहरी क्षेत्र में संचालित खटाल सरकारी या नगर निगम क्षेत्र के भूमि पर अवस्थित नहीं होना चाहिए. इसके अलावा खटालो में पशुओं के देखरेख संबंधित पूरी व्यवस्था होनी चाहिए. निगम की ओर से लाइसेंस निर्गत किए जाने के बाद भी खटाल संचालकों को पशुओं को साफ-सुथरा रखने और आसपास गंदगी नहीं फैलाने दिया जाएगा. इस संबंध में नगर निगम के अपर नगर आयुक्त गिरजा शंकर प्रसाद ने बताया कि नगर निगम में संचालित सभी खटालों की सूची तैयार की जा रही है. इसके तहत सिटी मैनेजर को सर्वे कर रिपोर्ट तैयार किए जाने का निर्देश दिया गया है. इन्होंने बताया कि अब संपूर्ण नगर निगम क्षेत्र में नियम के अनुसार खटाल संचालित होंगे. जबकि लाइसेंस नहीं लेने और नियमों की अनदेखी करने वाले पशुपालकों पर जुर्माना और कार्रवाई भी किया जाएगा.

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म्यूनिसिपल एक्ट 2011 के तहत 5 हजार तक का जुर्माना
झारखंड म्यूनिसिपल एक्ट 2011 के प्रावधान के तहत शर्तों के अनुसार निगम क्षेत्र में पशुपालन किया जा सकता है. प्रावधान के तहत पशुपालक सड़क किनारे या सार्वजनिक स्थान पर खटाल नहीं चला सकते, इसके अलावा आवासीय क्षेत्र में सीमित संख्या और नियम के अनुसार ही खटाल में पशु रखे जा सकते हैं. पशुओं के गोबर को खुले में नहीं फेंका जा सकता, पशुपालकों को खटालों में पशुओं रखने से पूर्व आसपास के वातावरण का भी विशेष रूप से ध्यान रखना है. रिहायशी समेत घनी आबादी वाले क्षेत्र में किसी भी हाल में खटाल नहीं चलाए जा सकते. वहीं इन नियमों का पालन नहीं करने वाले पशुपालकों पर एक्ट के तहत 5 हज़ार तक जुर्माना वसूले जाने का भी प्रावधान तय किया गया है.

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