सरायकेलाः जिले के राजनगर प्रखंड अंतर्गत बड़ाकादल गांव एक बार फिर डायरिया के प्रकोप से ग्रसित है. भीषण गर्मी के बीच डायरिया ने यहां अपने पांव पसारे हैं. जानकारी के अनुसार जूमाल पंचायत अंतर्गत बड़ा कादल गांव में हाल के दिनों में एक ही परिवार के 4 सदस्य डायरिया से ग्रसित हो गए.
पहले तो इन लोगों का घरेलू नुस्खा और घर पर ही इलाज कराया गया, लेकिन जब तबीयत ज्यादा बिगड़ी तो ग्रामीणों ने परिवार के लोगों को राजनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया. परिवार के 3 लोगों की स्थिति तो सामान्य हो गई, लेकिन एक महिला गंभीर रूप से डायरिया की चपेट में आ गई. नतीजतन डॉक्टरों ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से महिला को बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल रेफर किया जहां इलाज के बाद महिला की हालत अब स्थिर है. बाकी परिवार के अन्य 3 लोगों का इलाज फिलहाल जारी है.
तालाब और कुएं का दूषित पानी मुख्य कारण
बड़ाकादल गांव में एक कुआं है जिसके पानी का उपयोग स्थानीय ग्रामीण करते हैं. इसके अलावा एक तालाब भी गांव में है, जहां ग्रामीण नहाने-धोने आदि का काम करते हैं. इस बीच आशंका जाहिर की जा रही है कि कुएं में संक्रमण या दूषित होने से लोग डायरिया की चपेट में आ रहे हैं. हालांकि गांव में पेयजल के लिए हैंडपंप भी है. बावजूद इसके कुछ ग्रामीण कुएं के पानी को ही दैनिक प्रयोग में लाते हैं.
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इधर लगातार 4 लोगों के डायरिया से बीमार होने के मामला सामने आने के बाद अब स्वास्थ्य महकमा हरकत में आया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम ने आनन-फानन में प्रभावित गांव बड़ा कादल का दौरा किया और गांव में मौजूद अन्य लोगों के भी स्वास्थ्य की जांच की. हालांकि इनमें से और कोई डायरिया से ग्रसित नहीं मिला. वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्रामीणों को दवाई मुहैया कराई. साथ ही गांव में स्थित कुएं , नाली आदि स्थानों पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया और ग्रामीणों से स्वच्छ रहने की अपील की.
लगातार फैल रहा
राजनगर के बड़ा कादल गांव में डायरिया फैलने का यह कोई पहला या नया मामला नहीं है. इससे पूर्व भी कुछ दिन पहले गांव में डायरिया ने जबरदस्त तरीके से अपने पांव पसारे थे और उस वक्त भी लोग लगातार इसकी चपेट में आकर बीमार हो रहे थे.
वहीं गर्मी के इस मौसम में डायरिया के प्रकोप से स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक बताते हैं कि डायरिया का प्रकोप अक्सर बरसात के दौरान देखा जाता है.
वहीं स्वास्थ्य विभाग बरसात से पूर्व साफ-सफाई और छिड़काव का काम गांव में करती है, लेकिन इस मौसम में डायरिया होना चिकित्सकों को भी आश्चर्यचकित कर रहा है. चिकित्सकों ने बताया कि डायरिया से ग्रसित सभी मरीजों की स्थिति सामान्य है और उनके स्वास्थ्य में भी अब धीरे-धीरे सुधार देखने को मिल रहा है.