सरायकेला: ज़िले के आदित्यपुर स्थित ईएसआइसी अस्पताल के नए भवन में इनडोर, ओटी और इमरजेंसी सेवा शुरू हो गई है. मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ एम पी मिंज ने कहा कि अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों, रेजिडेंट और स्पेशलिस्ट चिकित्सकों का स्ट्रेंथ बढ़ाने को पत्र लिखा हूं. शीघ्र ही फुल स्ट्रेंथ से 100 बेड का वातानुकूलित अस्पताल शुरू होगा.
बता दें कि कोल्हान के करीब ढ़ाई लाख आईपी (इंश्योर्ड पर्सन) के लिए सुखद समाचार है. वर्ष 2014 में ही तत्कालीन केंद्रीय श्रम रोजगार मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 100 बेड वाले वातानुकूलित अस्पताल की नींव रखी थी, जो अब जाकर पूरा हुआ है. कोल्हान के करीब ढ़ाई लाख मजदूर वर्ग के लिए कर्मचारी भविष्य निधि का यह इकलौता अस्पताल है. इस अस्पताल पर ढ़ाई लाख आईपी के करीब साढ़े आठ लाख लोगों का लोड है. लेकिन पूर्व में यहां महज 50 बेड के स्ट्रेंथ के साथ अस्पातल चल रहा था जो ओवरलोडेड था. इसकी वजह से ईएसआईसी प्रबंधन को कई दूसरे सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के साथ टाइअप कर अपने आईपी को मेडिकल सुविधा देनी पड़ रही है. जिसमें हर माह करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. अब 100 बेड के वातानुकूलित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के चालू होने से इस पर रोक लगेगी.
दवा की किल्लत, अधीक्षक ने कहा 15 दिन में उपलब्ध होंगे दवाईयांः ईएसआईसी अस्पताल में इन दिनों से दवा की किल्लत चल रही है. शुगर, बीपी और सर्जरी में काम आने वाले जरूरी दवाओं की कमी है. आईपी को बाहर से दवा लेने को कहा जा रहा है. इस पर अस्पताल अधीक्षक डॉ एमपी मिंज ने कहा कि कोरोना को देखते हुए और आईपी के कम आने की वजह से दवाइयां कम मंगाई गई थी जो खत्म हो चुकी है. चूंकि आईपी का आना कम नहीं हुआ है. अब फिर से दवाओं का नया रिक्वीजिशन भेजा गया है, 15 दिनों सभी दवाइयां यहां उपलब्ध हो जाएगी.
बीमित लोगों ने कहा बेहतर सुविधा जल्द हो बहालः ईएसआईसी अस्पताल के नए भवन में इलाज शुरू हो गया है, मगर पूर्ण रूप से सभी विभाग शुरू नहीं होने के चलते इलाज रक्त मरीज और उनके परिजनों को दिक्कत हो रही है, मरीज के परिजनों ने बताया कि फुल स्ट्रैंथ में अस्पताल शुरू नहीं होने के चलते अब भी बेड की किल्लत है, जिस पर प्रबंधन को ध्यान देना चाहिए, ताकि मरीजों का बेहतर इलाज हो. वहीं नया भवन पूरी तरह वातानुकूलित है लेकिन फिलहाल तकनीकी कारणों से पूरे बिल्डिंग को वातानुकूलित नहीं किया जा सका है.
कोल्हान के लोगों के लिए सुखद समाचार, जल्द शुरू होगा 100 बेड वाला वातानुकूलित अस्पताल
कोल्हान के लगभग 8 लाख लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिलेगी. जल्द ही 100 बेड वाला वातानुकूलित अस्पताल फुल स्ट्रेंथ के साथ शुरू होगा.
सरायकेला: ज़िले के आदित्यपुर स्थित ईएसआइसी अस्पताल के नए भवन में इनडोर, ओटी और इमरजेंसी सेवा शुरू हो गई है. मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ एम पी मिंज ने कहा कि अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों, रेजिडेंट और स्पेशलिस्ट चिकित्सकों का स्ट्रेंथ बढ़ाने को पत्र लिखा हूं. शीघ्र ही फुल स्ट्रेंथ से 100 बेड का वातानुकूलित अस्पताल शुरू होगा.
बता दें कि कोल्हान के करीब ढ़ाई लाख आईपी (इंश्योर्ड पर्सन) के लिए सुखद समाचार है. वर्ष 2014 में ही तत्कालीन केंद्रीय श्रम रोजगार मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 100 बेड वाले वातानुकूलित अस्पताल की नींव रखी थी, जो अब जाकर पूरा हुआ है. कोल्हान के करीब ढ़ाई लाख मजदूर वर्ग के लिए कर्मचारी भविष्य निधि का यह इकलौता अस्पताल है. इस अस्पताल पर ढ़ाई लाख आईपी के करीब साढ़े आठ लाख लोगों का लोड है. लेकिन पूर्व में यहां महज 50 बेड के स्ट्रेंथ के साथ अस्पातल चल रहा था जो ओवरलोडेड था. इसकी वजह से ईएसआईसी प्रबंधन को कई दूसरे सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के साथ टाइअप कर अपने आईपी को मेडिकल सुविधा देनी पड़ रही है. जिसमें हर माह करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. अब 100 बेड के वातानुकूलित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के चालू होने से इस पर रोक लगेगी.
दवा की किल्लत, अधीक्षक ने कहा 15 दिन में उपलब्ध होंगे दवाईयांः ईएसआईसी अस्पताल में इन दिनों से दवा की किल्लत चल रही है. शुगर, बीपी और सर्जरी में काम आने वाले जरूरी दवाओं की कमी है. आईपी को बाहर से दवा लेने को कहा जा रहा है. इस पर अस्पताल अधीक्षक डॉ एमपी मिंज ने कहा कि कोरोना को देखते हुए और आईपी के कम आने की वजह से दवाइयां कम मंगाई गई थी जो खत्म हो चुकी है. चूंकि आईपी का आना कम नहीं हुआ है. अब फिर से दवाओं का नया रिक्वीजिशन भेजा गया है, 15 दिनों सभी दवाइयां यहां उपलब्ध हो जाएगी.
बीमित लोगों ने कहा बेहतर सुविधा जल्द हो बहालः ईएसआईसी अस्पताल के नए भवन में इलाज शुरू हो गया है, मगर पूर्ण रूप से सभी विभाग शुरू नहीं होने के चलते इलाज रक्त मरीज और उनके परिजनों को दिक्कत हो रही है, मरीज के परिजनों ने बताया कि फुल स्ट्रैंथ में अस्पताल शुरू नहीं होने के चलते अब भी बेड की किल्लत है, जिस पर प्रबंधन को ध्यान देना चाहिए, ताकि मरीजों का बेहतर इलाज हो. वहीं नया भवन पूरी तरह वातानुकूलित है लेकिन फिलहाल तकनीकी कारणों से पूरे बिल्डिंग को वातानुकूलित नहीं किया जा सका है.