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केंद्र का सपना पूरा करेने में जुटी आदिवासी महिला किसान, खेती की ले रहीं प्रशिक्षण - किसानों की आय दोगुनी

साहिबगंज में आदिवासी महिला किसान केंद्र सराकर के सपनों को पूरा करने में जुट गई है, ताकि 2022 तक सभी किसानों की आय दोगुनी हो सके. इसके लिए केवीके की 10 दिनों तक चलने वाले सेकेंडरी कृषी का प्रशिक्षण ले रही. वहीं खेती के लिए जिला प्रशासन से मदद की गुहार भी लगाई.

women farmers taking training in Sahibganj
आदिवासी महिला किसान
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Published : Jan 13, 2020, 12:25 PM IST

साहिबगंजः केंद्र सरकार का सपना है कि 2022 तक हर किसान की आय दोगुनी हो. इनके सपनों को साकार कर रही है तालझारी प्रखंड के आदिवासी किसान महिला केवीके में 10 दिनों तक चलने वाली सेकेंडरी कृषि का प्रशिक्षण लेने में जुटी हुई है.

देखें पूरी खबर

इन महिला का मानना है कि सिर्फ कृषि से आय दोगुनी नहीं होगी. जब तक दूसरे विकल्प से आय प्राप्त नहीं होता है. कृषि से जुड़ी सेकंडरी आय के रूप में सब्जी से आचार बनाना, मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन, पापड़ बनाना सहित अन्य काम से आय में वृद्धि होगी. जिससे किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो पाएगी.

वहीं, प्रशिक्षण ले रही महिला किसान का कहना है कि प्रशिक्षण से काफी कुछ सिखने को मिला है. लेकिन आमदनी नहीं होने के कारण बृहद पैमाने पर काम शुरू नहीं किया जा सकता. जबकि जिला प्रशासन की मदद से से यह संभव हो सकता है.

ये भी पढ़ें- रामगढ़ः रसोई गैस से भरा टैंकर घाटी में पलटा, गैस रिसाव से इलाके में दहशत

इधर, प्रशिक्षण दे रहीं कृषि विज्ञान केंद्र के संयोजक माया देवी का कहना है कि किसान की आय दोगुनी करने के लिए प्राइमरी की जगह सेकेंडरी तरह से कृषि खेती करने की जरूरत है, जिससे आय में बढ़ोतरी हो सकती है. उन्होंने कहा कि इन महिला किसान को अचार बनाने, मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन, पापड़ बनाने सहित अन्य काम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि दूसरे तरह से आय का स्रोत बन सके. यह प्रथम चरण है और जिला स्तर पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिससे 2022 तक केंद्र के सपनों को साकार कर सकें.

साहिबगंजः केंद्र सरकार का सपना है कि 2022 तक हर किसान की आय दोगुनी हो. इनके सपनों को साकार कर रही है तालझारी प्रखंड के आदिवासी किसान महिला केवीके में 10 दिनों तक चलने वाली सेकेंडरी कृषि का प्रशिक्षण लेने में जुटी हुई है.

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इन महिला का मानना है कि सिर्फ कृषि से आय दोगुनी नहीं होगी. जब तक दूसरे विकल्प से आय प्राप्त नहीं होता है. कृषि से जुड़ी सेकंडरी आय के रूप में सब्जी से आचार बनाना, मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन, पापड़ बनाना सहित अन्य काम से आय में वृद्धि होगी. जिससे किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो पाएगी.

वहीं, प्रशिक्षण ले रही महिला किसान का कहना है कि प्रशिक्षण से काफी कुछ सिखने को मिला है. लेकिन आमदनी नहीं होने के कारण बृहद पैमाने पर काम शुरू नहीं किया जा सकता. जबकि जिला प्रशासन की मदद से से यह संभव हो सकता है.

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इधर, प्रशिक्षण दे रहीं कृषि विज्ञान केंद्र के संयोजक माया देवी का कहना है कि किसान की आय दोगुनी करने के लिए प्राइमरी की जगह सेकेंडरी तरह से कृषि खेती करने की जरूरत है, जिससे आय में बढ़ोतरी हो सकती है. उन्होंने कहा कि इन महिला किसान को अचार बनाने, मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन, पापड़ बनाने सहित अन्य काम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. ताकि दूसरे तरह से आय का स्रोत बन सके. यह प्रथम चरण है और जिला स्तर पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिससे 2022 तक केंद्र के सपनों को साकार कर सकें.

Intro:केंद्र सरकार के सपनो को साकार करने में जुटी यह आदिवासी किसान महिला,सेकंडरी कृषि से आय प्राप्त कैसे हो ले रही है प्रशिक्षण, जिला प्रशासन से मदद की लगाई गुहार।
केंद्र सरकार का सपना है कि 2022 तक हर किसान की आय दोगुनी हो इनके सपनों को साकार कर रही है तालझारी प्रखंड के आदिवासी किसान महिला। केवीके में 10 दिनों तक चलने वाली सेकेंडरी कृषि का प्रशिक्षण लेने में जुटी हुई है।।



Body:केंद्र सरकार के सपनो को साकार करने में जुटी यह आदिवासी किसान महिला,सेकंडरी कृषि से आय प्राप्त कैसे हो ले रही है प्रशिक्षण, जिला प्रशासन से मदद की लगाई गुहार।
स्टोरी-साहिबगंज-- केंद्र सरकार का सपना है कि 2022 तक हर किसान की आय दोगुनी हो इनके सपनों को साकार कर रही है तालझारी प्रखंड के आदिवासी किसान महिला। केवीके में 10 दिनों तक चलने वाली सेकेंडरी कृषि का प्रशिक्षण लेने में जुटी हुई है।।
इन महिला का मानना है कि सिर्फ कृषि से आय दुगनी नहीं होगी ।जब तक दूसरा विकल्प से आय प्राप्त नहीं होता है। कृषि से ही जुड़ी सेकंडरी आय के रूप में सब्जी से आचार बनाना ,मशरूम की खेती, मधुमक्खी पालन ,पापड़ बनाना सहित अन्य काम से आय में वृद्धि होगी और तभी हम किसानों का आय 2022 तक दुगनी हो पाएगी। प्रशिक्षण ले रही महिला किसान का मानना है कि प्रशिक्षण बहुत अच्छा मिल रहा है। काम हम शुरु करेंगे लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है जिससे बृहद पैमाने पर हम काम शुरू कर सके। हां यदि जिला प्रशासन इसमें मदद करें तो हम महिला काफी आगे बढ़े पाएंगे।
बाइट-- 1,2-- महिला किसान
प्रशिक्षण दे रहे कृषि विज्ञान केंद्र के संयोजक माया देवी ने कहा कि किसान का आए प्राइमरी खेती करने से दुगरी नहीं होगी बल्कि सेकेंडरी कृषि से आय बढ़ने से ही 2022 तक किसान के आय दोगुनी होगी । इन महिला किसान को अचार बनाने, मशरूम की खेती ,मधुमक्खी पालन, पापड़ बनाना सहित अन्य काम का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि दूसरे तरफ से आय का स्रोत बन सके ।यह प्रथम चरण है और जिला स्तर पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि 2022 तक केंद्र के के सपनों को यह किसान साकार कर सकें।
बाइट-- माया देवी,केवीके, संयोजक


Conclusion:निश्चित रूप से कोई भी किसान प्राइमरी खेती से आज दुगनी नहीं कर पाएगा जब तक की विकल्प के तौर पर दूसरा स्रोत से आय प्राप्त नहीं हो पाता है यह जिले में पहली बार आदिवासी महिला सेकेंडरी कृषिका प्रशिक्षण लेकर काम शुरू करने जा रही है या जिला में मिसाल बनेगी केवीके का मानना है कि इस तर्ज पर जिला स्तर पर भी किसानों को प्रशिक्षण देने का काम किया जाएगा।
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