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पुणे में ट्रैफिकिंग की शिकार किशोरी ने दिया बच्ची को जन्म, दो राज्यों के पेंच में फंसी नाबालिग और नवजात

मानव तस्करी की शिकार साहिबगंज की एक नाबालिग ने महाराष्ट्र के पुणे में चाइल्ड सेंटर में एक बच्ची को जन्म दिया है. इसको लेकर परिजन अब नाबालिग के साथ नवजात की वापसी की मांग कर रहे हैं. लेकिन पुणे प्रशासन बच्ची और मां को सौंपने को तैयार नहीं है.

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Published : Jan 20, 2021, 7:32 PM IST

Updated : Jan 20, 2021, 7:43 PM IST

trafficking victim minor gives birth to a child in sahibganj
अधिकारी

साहिबगंजः जिला में सदर प्रखंड के सकरीगली की रहने वाली एक नाबालिग को काम के बहाने से दलाल महाराष्ट्र के पुणे ले गया. कुछ दिन बाद जब पता चला कि वो गर्भवती है. उसके बाद पुणे के चाइल्ड सेंटर लाया गया. जहां नाबालिग ने एक बच्ची को जन्म दिया. जिसे एडॉप्टेशन सेंटर में रखा गया है. इसको लेकर साहिबगंज में स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई.

जानकारी देती अधिकारी

इसको लेकर परिजनों में अपनी बेटी और उसकी नवजात बच्ची की वापसी की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर पुणे प्रशासन नाबालिग और उसकी नवजात बच्ची को साहिबगंज भेजने को तैयार नहीं है. इसको लेकर अब जिला प्रशासन दोनों को वापस लाने की कोशिश में है. वर्तमान में साहिबगंज से 5 लड़कियां भारत के अलग-अलग राज्यों में है. जिसे लाने का प्रयास जिला प्रशासन की ओर से प्रयास जारी है.

इसे भी पढ़ें- साहिबगंजः जामी मस्जिद में सैलानियों का आना हुआ कम, छाई वीरानी

साहिबगंज में मानव तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. यहां की भोली-भाली बच्चियां और युवक दलाल के चक्कर में फंसकर, चंद पैसे के प्रलोभन में फंसकर मुश्किल में पड़ रहे हैं. दलाल इनको काम के नाम पर दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र गुजरात सहित अन्य राज्यों में ले जाकर इनका सौदा कर देते हैं, और बाद में काम के नाम पर दोहन किया जाता है. ह्यूमेन ट्रैफिकिंग का शिकार सबसे अधिक आदिवासी बच्चियां हो रही हैं. नाबालिग बच्चियों को काम दिलाने के नाम पर दलाल बाहर तो लेकर चले जाते हैं लेकिन कई गिरोह के चंगुल में फस जाती है और उनकी जीवन लीला समाप्त हो जाती है.

साहिबगंजः जिला में सदर प्रखंड के सकरीगली की रहने वाली एक नाबालिग को काम के बहाने से दलाल महाराष्ट्र के पुणे ले गया. कुछ दिन बाद जब पता चला कि वो गर्भवती है. उसके बाद पुणे के चाइल्ड सेंटर लाया गया. जहां नाबालिग ने एक बच्ची को जन्म दिया. जिसे एडॉप्टेशन सेंटर में रखा गया है. इसको लेकर साहिबगंज में स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई.

जानकारी देती अधिकारी

इसको लेकर परिजनों में अपनी बेटी और उसकी नवजात बच्ची की वापसी की मांग कर रहे हैं. इसको लेकर पुणे प्रशासन नाबालिग और उसकी नवजात बच्ची को साहिबगंज भेजने को तैयार नहीं है. इसको लेकर अब जिला प्रशासन दोनों को वापस लाने की कोशिश में है. वर्तमान में साहिबगंज से 5 लड़कियां भारत के अलग-अलग राज्यों में है. जिसे लाने का प्रयास जिला प्रशासन की ओर से प्रयास जारी है.

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साहिबगंज में मानव तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रहा है. यहां की भोली-भाली बच्चियां और युवक दलाल के चक्कर में फंसकर, चंद पैसे के प्रलोभन में फंसकर मुश्किल में पड़ रहे हैं. दलाल इनको काम के नाम पर दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र गुजरात सहित अन्य राज्यों में ले जाकर इनका सौदा कर देते हैं, और बाद में काम के नाम पर दोहन किया जाता है. ह्यूमेन ट्रैफिकिंग का शिकार सबसे अधिक आदिवासी बच्चियां हो रही हैं. नाबालिग बच्चियों को काम दिलाने के नाम पर दलाल बाहर तो लेकर चले जाते हैं लेकिन कई गिरोह के चंगुल में फस जाती है और उनकी जीवन लीला समाप्त हो जाती है.

Last Updated : Jan 20, 2021, 7:43 PM IST
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