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4 साल से क्षतिग्रस्त है दियारा क्षेत्र का पुल, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा - किशन प्रसाद दियारा क्षेत्र स्थित पुल

साहिबगंज के किशन प्रसाद दियारा क्षेत्र स्थित पुल की स्थिति खतरनाक हो चुकी है. यह पुल पिछले 4 साल से क्षतिग्रस्त है. पुल धंसे होने के कारण भारी वाहनों के लिए वर्जित का साइन बोर्ड लगाया है. जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि को इस जर्जर पुल के बारे में पूरी तरह से जानकारी है लेकिन आज तक डीपीआर बनाकर इसे मरम्मत या नए सिरे से बनाने के बारे में कोई नहीं सोचा.

bridge damaged
दियारा क्षेत्र का लाइफ-लाइन पुल 4 साल है क्षतिग्रस्त
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Published : Jun 17, 2021, 4:17 PM IST

Updated : Jun 17, 2021, 4:23 PM IST

साहिबगंजः दियारा क्षेत्र की लाइफ-लाइन पुल कहे जाने वाले किशन प्रसाद के पास यह पुल पिछले 4 सालों से क्षतिग्रस्त है. हर दिन दियारा क्षेत्रवासियों के लिए बड़ी घटना का आमंत्रण दे रहा है. यह दियारा क्षेत्र की लाइफ-लाइन कही जाती है

ये भी पढ़ेंः-बाढ़ का खतरा: सरायकेला में लगातार बारिश से डूबा पुराना पुल, तटीय और निचले क्षेत्रों में अलर्ट

इस पुल से होते हुए कई पंचायत और दर्जनों गांव के लोग आवागमन करते हैं और शहर की तरफ कामकाज के लिए आते हैं या अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं जबकि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि को इस जर्जर पुल के बारे में पूरी तरह से जानकारी है लेकिन आज तक डीपीआर बनाकर इसे मरम्मत या नए सिरे से बनाने के बारे में कोई नहीं सोचा.

देखें पूरी खबर

भारी वाहनों पर है रोक

पुल जर्जर होने की वजह से बगल से मिट्टी का डायवर्सन बनाया गया है. इस डायवर्सन से होते हुए भारी वाहनों का आना-जाना जारी है. इस पुल के दोनों तरफ पीडब्ल्यूडी की तरफ से बोर्ड लगाया गया था कि भारी वाहन को इस क्षतिग्रस्त पुल से होते हुए ना चलाएं लेकिन इस डायवर्सन के रास्ते फेरी सेवा घाट चालू है.

डायवर्सन होते हुए भारी वाहन पत्थर और चिप्स लेकर आना-जाना जारी है छोटे वाहनों को जगह ही नहीं मिलती ऐसी परिस्थिति में छोटे वाहन और मध्यम वाहन इस पुल से होते हुए गुजरते हैं.

पुल कब ढह जाएगा कोई नहीं जानता

वहीं, आते-जाते राहगीरों का कहना है कि पिछले कई सालों से यह पुल क्षतिग्रस्त है पुल का निचला हिस्सा पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और नीचे की तरफ झुक चुका है. इस पुल के टूट जाने से दियारा क्षेत्र की दर्जनों पंचायत जिसमें किशन प्रसाद, बलुआ दियारा, लाल बथानी, उतरी मखमलपुर, दक्षिणी मखमलपुर, गरम टोला, बाखरपुर, महादेवगंज, शोभनपुर भट्ठा सहित दर्जनों गांव का सीधा संपर्क शहर से टूट जाएगा. जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि को इस पर जल्द से जल्द ध्यान देने की जरूरत है.

विधायक ने दिया सीएम को अवगत कराने का आश्वासन

राजमल विधायक अनंत ओझा ने बताया कि निश्चित रूप से यह पुल क्षतिग्रस्त है इसको कई बार विधानसभा सत्र में आवाज उठाई है. कई बार सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और जिला प्रशासन को इस संबंध में अवगत कराया है.

साथ ही विधायक ने कहा कि मामला फिर से संज्ञान में आया है. एक बार फिर से इस पुल के बारे में सभी को अवगत कराता हूं ताकि जल्द से जल्द नया पुल बन सके.

साहिबगंजः दियारा क्षेत्र की लाइफ-लाइन पुल कहे जाने वाले किशन प्रसाद के पास यह पुल पिछले 4 सालों से क्षतिग्रस्त है. हर दिन दियारा क्षेत्रवासियों के लिए बड़ी घटना का आमंत्रण दे रहा है. यह दियारा क्षेत्र की लाइफ-लाइन कही जाती है

ये भी पढ़ेंः-बाढ़ का खतरा: सरायकेला में लगातार बारिश से डूबा पुराना पुल, तटीय और निचले क्षेत्रों में अलर्ट

इस पुल से होते हुए कई पंचायत और दर्जनों गांव के लोग आवागमन करते हैं और शहर की तरफ कामकाज के लिए आते हैं या अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं जबकि जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि को इस जर्जर पुल के बारे में पूरी तरह से जानकारी है लेकिन आज तक डीपीआर बनाकर इसे मरम्मत या नए सिरे से बनाने के बारे में कोई नहीं सोचा.

देखें पूरी खबर

भारी वाहनों पर है रोक

पुल जर्जर होने की वजह से बगल से मिट्टी का डायवर्सन बनाया गया है. इस डायवर्सन से होते हुए भारी वाहनों का आना-जाना जारी है. इस पुल के दोनों तरफ पीडब्ल्यूडी की तरफ से बोर्ड लगाया गया था कि भारी वाहन को इस क्षतिग्रस्त पुल से होते हुए ना चलाएं लेकिन इस डायवर्सन के रास्ते फेरी सेवा घाट चालू है.

डायवर्सन होते हुए भारी वाहन पत्थर और चिप्स लेकर आना-जाना जारी है छोटे वाहनों को जगह ही नहीं मिलती ऐसी परिस्थिति में छोटे वाहन और मध्यम वाहन इस पुल से होते हुए गुजरते हैं.

पुल कब ढह जाएगा कोई नहीं जानता

वहीं, आते-जाते राहगीरों का कहना है कि पिछले कई सालों से यह पुल क्षतिग्रस्त है पुल का निचला हिस्सा पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और नीचे की तरफ झुक चुका है. इस पुल के टूट जाने से दियारा क्षेत्र की दर्जनों पंचायत जिसमें किशन प्रसाद, बलुआ दियारा, लाल बथानी, उतरी मखमलपुर, दक्षिणी मखमलपुर, गरम टोला, बाखरपुर, महादेवगंज, शोभनपुर भट्ठा सहित दर्जनों गांव का सीधा संपर्क शहर से टूट जाएगा. जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि को इस पर जल्द से जल्द ध्यान देने की जरूरत है.

विधायक ने दिया सीएम को अवगत कराने का आश्वासन

राजमल विधायक अनंत ओझा ने बताया कि निश्चित रूप से यह पुल क्षतिग्रस्त है इसको कई बार विधानसभा सत्र में आवाज उठाई है. कई बार सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और जिला प्रशासन को इस संबंध में अवगत कराया है.

साथ ही विधायक ने कहा कि मामला फिर से संज्ञान में आया है. एक बार फिर से इस पुल के बारे में सभी को अवगत कराता हूं ताकि जल्द से जल्द नया पुल बन सके.

Last Updated : Jun 17, 2021, 4:23 PM IST
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