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साहिबगंजः सूर्य को अर्घ्य देकर मनाया थाड़ी पर्व, निर्जला उपवास रख किया व्रत

चार दिवसीय भगवान सूर्य की उपासना का थाड़ी पर्व रविवार को सूर्य को अर्घ्य देने के बाद संपन्न हुआ. इस संबंध में गंगा पासवान ने बताया कि इस महापर्व में व्रत धारी निर्जला उपवास रहकर व्रत पूरा करते हैं.

Thari festival completed by offering sun in sahibganj
सूर्य को अर्घ्य देकर थाड़ी पर्व संपन्न
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Published : Feb 14, 2021, 7:41 PM IST

साहिबगंजः चार दिवसीय भगवान सूर्य की उपासना का पर्व थाड़ी रविवार को संपन्न हो गया. इस संबंध में हाजीपुर भीठा निवासी गंगा पासवान ने बताया कि इस महापर्व में व्रती निर्जला उपवास रखकर पूजा अर्चना करते हैं. इस पर्व में व्रती सुबह से ही खड़े रहते हैं और दोपहर के समय में गांव और मंदिरों का भ्रमण, भजन टोली के साथ करते हुए गंगा किनारे पहुंचते हैं और वहां भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं.

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इसके साथ ही गंगा पासवान ने बताया कि इस व्रत से मनोकामना पूर्ण हो जाती है. व्रतधारी चार दिनों तक चलने वाले व्रत में दो दिन फल खाकर और दो दिन तक निर्जला उपवास रह कर भगवान सूर्य की उपासना करते हैं. यह पर्व बहुत ही कठिन होता है और निष्ठा के साथ किया जाता हैं. इस व्रत में महिला, पुरुष सभी भाग लेते हैं, जिस गांव में ये कठिन व्रत किया जाता है उस गांव में सभी ग्रमीण बहुत ही सतर्कता बरतते हुए धर्म पूर्वक भोजन करते है. जिस घर में ये व्रत किया जाता है उस परिवार में नमक रहित और अरवाइन भोजन करते हैं. इसके साथ ही साफ सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं. जब तक व्रतधारी संध्या में उगे हुए तारे को नहीं देख लेते हैं. तब तक व्रतधारी भ्रमण करते रहते हैं. इस महापर्व का निस्तार सोमवार को किया जाएगा.

साहिबगंजः चार दिवसीय भगवान सूर्य की उपासना का पर्व थाड़ी रविवार को संपन्न हो गया. इस संबंध में हाजीपुर भीठा निवासी गंगा पासवान ने बताया कि इस महापर्व में व्रती निर्जला उपवास रखकर पूजा अर्चना करते हैं. इस पर्व में व्रती सुबह से ही खड़े रहते हैं और दोपहर के समय में गांव और मंदिरों का भ्रमण, भजन टोली के साथ करते हुए गंगा किनारे पहुंचते हैं और वहां भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं.

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इसके साथ ही गंगा पासवान ने बताया कि इस व्रत से मनोकामना पूर्ण हो जाती है. व्रतधारी चार दिनों तक चलने वाले व्रत में दो दिन फल खाकर और दो दिन तक निर्जला उपवास रह कर भगवान सूर्य की उपासना करते हैं. यह पर्व बहुत ही कठिन होता है और निष्ठा के साथ किया जाता हैं. इस व्रत में महिला, पुरुष सभी भाग लेते हैं, जिस गांव में ये कठिन व्रत किया जाता है उस गांव में सभी ग्रमीण बहुत ही सतर्कता बरतते हुए धर्म पूर्वक भोजन करते है. जिस घर में ये व्रत किया जाता है उस परिवार में नमक रहित और अरवाइन भोजन करते हैं. इसके साथ ही साफ सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं. जब तक व्रतधारी संध्या में उगे हुए तारे को नहीं देख लेते हैं. तब तक व्रतधारी भ्रमण करते रहते हैं. इस महापर्व का निस्तार सोमवार को किया जाएगा.

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